नई दिल्ली: केरल दौरे के दौरान राहुल गांधी नें एक ऐसी महिला से मुलाकात की, जिससे उनका संबंध जन्म के वक्त से है. उन्होंने एक रिटायर्ड नर्स से मुलाकात की, जो उनके जन्म के वक्त मौजूद थी. नर्स को लोग राजम्मा के नाम से जानते है. नर्स का पूरा नाम नाम राजम्मा वावथिल है.
राहुल ने इस मुलाकात को ट्वीट के जरिये लोगों से साझा किया. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से दो फोटो डाली हैं. इन्में से एक में वे नर्स को गले लगाते दिख रहे हैं. दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे को गले लगा रहे हैं. जब राहुल वायनाड से पर्चा भरने गए थे, उस वक्त राजम्मा ने उनसे मिलने की इच्छा जताई थी.
राहुल की नागरिकता को लेकर उठ रहे सवालों को सिरे से खारिज करते हुए राजम्मा ने कहा था कि जिस वक्त राहुल पैदा हुए मैं वहीं थी. वह दिन 19 जून 1970 का है. होली फैमिली अस्पताल में राहुल का जन्म होने की राजम्मा ने पुष्टि की.
राजम्मा 72 साल की हैं. राहुल जब पैदा हुए थे तो राजम्मा नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रही थीं. अब वो नौकरी से रिटायर हो चुकी हैं.
राहुल गांधी- वायनाड ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि दौरे के तीसरे दिन की शुरुआत हो गई है. राहुल ने राजम्मा के साथ कुछ पल गुजारे, वो एक रिटायर्ड नर्स थी, जो उनके जन्म के दौरान मौजूद थीं.
आज भी राहुल का रोड शो जारी है, वे लोगों से मिलकर उनको धन्यावाद कह रहे है. साथ ही वे लोगों से वादा कर रहे हैं कि उनकी आवाज संसद में बुलंद करेंगे.
राहुल ने 4.31 लाख मतों के अंतर से जिताकर खुद को संसद भेजने के लिए वायनाड के लोगों का आभार व्यक्त करने की खातिर यहां आए राहुल गांधी ने अपनी व्यस्तता के बावजूद राजम्मा के पति, नाती-पोतों सहित पूरे परिवार के लिए समय निकाला. उन्होंने राजम्मा के रिश्तेदारों और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ फोटो भी खिंचवाई.
जब राजम्मा ने बताया कि उनके सामने राहुल का जन्म हुआ और नवजात राहुल को उन्होंने ही अपने हाथों में उठाया था तब मुस्कराते हुए राहुल उनकी बात ध्यान से सुनते रहे.
जाने से पहले राजम्मा ने राहुल को कटहल के चिप्स और मिठाई भेंट की जो उन्होंने खुद अपने हाथ से बनाई थी. राहुल ने राजम्मा से पुन: मिलने का वादा किया.
रोमांचित राजम्मा ने बाद में कहा कि इतने साल बाद राहुल से मिलकर उन्हें बहुत खुशी हुई.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं सचमुच बहुत खुश और रोमांचित हूं. मैं उन लोगों में से एक थी जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में उठाया था. जब मैं उनसे मिली तब उन दिनों की यादें ताजा हो गईं.
राजम्मा ने कहा कि मुझे लगा कि मैं उन्हें कुछ भेंट करूं. इसलिए मैंने अपने हाथ से बनाए चिप्स और मिठाइयां उन्हें भेंट कीं.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब राहुल की नागरिकता को लेकर विवाद उठा था तब राजम्मा ने कहा था कि 19 जून 1970 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के जन्म के दौरान होली फैमिली हॉस्पिटल में जो लोग ड्यूटी पर थे, उनमें वह भी शामिल थीं.
उन्होंने यह भी कहा था कि वह उन लोगों में से हैं जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में उठाया था.
तब राजम्मा ने कहा था कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि मैं उन लोगों में से एक थी जिन्होंने नवजात राहुल को अपने हाथों में लिया था. वह बहुत ही प्यारे थे. मैं उनके जन्म की गवाह हूं. मैं रोमांचित थी... (तत्कालीन) प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते को देखकर हम सभी रोमांचित थे.
उन्होंने बताया था कि राहुल की मां सोनिया गांधी को प्रसव के लिए अस्पताल के प्रसूति कक्ष में ले जाया गया और उनके पिता राजीव गांधी और चाचा संजय गांधी प्रसूति कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे.
होली फैमिली अस्पताल से नर्सिंग का कोर्स करने वाली राजम्मा बाद में बतौर नर्स सेना में शामिल हो गई थीं.
बाद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजम्मा 1987 में केरल चली गईं और वायनाड में सुल्तान बठेरी के पास कल्लूर में रहने लगीं.