राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस घटना को सामान्य मोब लीचिंग नहीं बल्कि एक साजिश के तहत की गई मॉब लिंचिंग बताया है और महाराष्ट्र सरकार से यह मांग की है कि वह इसका खुलासा करें कि आखिर कौन लोग इस इन साधुओं की हत्या के पीछे हैं.
पालघर मामले पर शाह ने मांगी रिपोर्ट, उद्धव बोले- कोई धार्मिक वजह नहीं, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
18:11 April 20
18:02 April 20
पालघर में पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद की प्रतिक्रिया
पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमन ने मॉब लिंचिंग की घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना पुलिस के सामने हुई जो बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना नई नहीं है. इससे पहले भी मुसलमानों को मॉब लिंचिंग का शिकार बनाया गया है.
18:02 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में विश्व हिंदू परिषद् की प्रतिक्रिया
विश्व हिंदू परिषद ने पालघर घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार कार्रवाई की मांग की है.
18:02 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में बीजेपी की प्रतिक्रिया
13:45 April 20
पालघर मामले पर बोले उद्धव- कोई धार्मिक वजह नहीं, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
पालघर मॉब लिंचिंग की घटना पर सीएम उद्धव ने कहा है कि इसके पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं है. उन्होंने कहा कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि गलतफहमी के कारण हमला हुआ, जिसके कारण हत्या हुई.
उद्धव ने कहा कि जिस इलाके में घटना हुई वहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. पुलिस पर भी हमला हुआ. घटना के बाद एसपी मौके पर पहुंचे. डीजी सीआईडी क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रहे हैं. कुछ आरोपी दादर नगर हवेली में छिपे हैं, जो पकड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने मेरी बात पर सहमति जताई है.
13:19 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में दो पुलिसकर्मी निलंबित, शाह ने उद्धव ठाकरे से की बात
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में प्रदेश सरकार ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है.
12:30 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में हो कड़ी कार्रवाई : सीएम योगी और साक्षी महाराज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने सीएम उद्धव ठाकरे से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस पर सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
यूपी के उन्नाव संसदीय सीट से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने ट्वीट कर लिखा, 'उद्धवजी पालघर थाना की पुलिस समेत सन्तों के हत्यारे राक्षसों पर N.S.A. लगाकर जेल भेजो अन्यथा जूना अखाड़े के नागा साधुओं का क्रोध महाराष्ट्र सरकार को महंगा पड़ेगा.'
बता दें कि पालघर में गुरुवार को दो संतों सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. पालघर मॉब लिंचिंग की पूरी खबर
10:49 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग : मिलिंद देवड़ा ने उद्धव सरकार से किए सवाल
मुंबई : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में भीड़ द्वारा जूना अखाड़ा के दो संतों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की सोमवार को कड़ी निंदा की. साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी.
गिरि ने कहा कि पुलिस के सामने इस तरह से संतों को घेर कर लाठी डंडे से मारा जाना एक गंभीर मामला है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं कोरोना वायरस महामारी के बहाने साधु संतों को निशाना तो नहीं बनाया जा रहा.
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने घटना पर सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के लिए अपहरण की कोशिश का मामला दर्ज कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. देवड़ा ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से घटना के वीभत्स वीडियो का संज्ञान लेने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों के एक समूह ने चोर होने के संदेह पर तीन लोगों को कार से बाहर खींच पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. तीनों किसी व्यक्ति की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए मुंबई से गुजरात स्थित सूरत जा रहे थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर शुरुआत में पहुंचे पुलिसकर्मी पीड़ितों को बचा नहीं सके क्योंकि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक थी और भीड़ ने पुलिस वाहन में भी पीड़ितों की पिटाई की.
कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने कहा कि यह वीभत्स घटना गुरुवार (16 अप्रैल) को रात में 9.30 से 10 बजे के बीच हुई.
यह घटना ऐसे समय में हुई जब कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना में तीनों मृतक की पहचान... उत्तरी मुंबई के कांधीवली निवासी चिकने महाराज कल्पवृक्षागिरि, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि तीनों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा कि 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
काले ने बताया कि तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए पालघर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों कार से मुंबई से आए थे और उनके वाहन को स्थानीय लोगों ने गढचिंचाले के पास ढाबाड़ी-खानवेल मार्ग पर रोक दिया.
काले ने बताया कि उन्हें कार से बाहर खींच लिया गया और ग्रामीणों ने इस संदेह पर उन पर पत्थर और अन्य चीजों से हमला कर दिया कि वे चोर हैं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सागर ने बताया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई टीम (जिसमें सामान्यत: तीन या चार पुलिस कर्मी होते हैं) घटनास्थल पर पहुंची और पीड़ितों को पुलिस वाहन में बैठाकर बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने पुलिस वाहन में भी उनकी पिटाई की और कम संख्या होने की वजह से पुलिसकर्मी कुछ नहीं कर पाए.
सागर ने बताया कि जिले में डकैतों के घमूने की अफवाह थी.
काले ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा-302 (हत्या) सहित अन्य धाराओं जैसे सशस्त्र दंगा करना, धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की आवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-188 इसलिए लगाई गई है क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर रोक है.
(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)
18:11 April 20
राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस घटना को सामान्य मोब लीचिंग नहीं बल्कि एक साजिश के तहत की गई मॉब लिंचिंग बताया है और महाराष्ट्र सरकार से यह मांग की है कि वह इसका खुलासा करें कि आखिर कौन लोग इस इन साधुओं की हत्या के पीछे हैं.
18:02 April 20
पालघर में पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद की प्रतिक्रिया
पीएफआई के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमन ने मॉब लिंचिंग की घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना पुलिस के सामने हुई जो बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना नई नहीं है. इससे पहले भी मुसलमानों को मॉब लिंचिंग का शिकार बनाया गया है.
18:02 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में विश्व हिंदू परिषद् की प्रतिक्रिया
विश्व हिंदू परिषद ने पालघर घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार कार्रवाई की मांग की है.
18:02 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में बीजेपी की प्रतिक्रिया
13:45 April 20
पालघर मामले पर बोले उद्धव- कोई धार्मिक वजह नहीं, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
पालघर मॉब लिंचिंग की घटना पर सीएम उद्धव ने कहा है कि इसके पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं है. उन्होंने कहा कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि गलतफहमी के कारण हमला हुआ, जिसके कारण हत्या हुई.
उद्धव ने कहा कि जिस इलाके में घटना हुई वहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. पुलिस पर भी हमला हुआ. घटना के बाद एसपी मौके पर पहुंचे. डीजी सीआईडी क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रहे हैं. कुछ आरोपी दादर नगर हवेली में छिपे हैं, जो पकड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने मेरी बात पर सहमति जताई है.
13:19 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में दो पुलिसकर्मी निलंबित, शाह ने उद्धव ठाकरे से की बात
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में प्रदेश सरकार ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है.
12:30 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में हो कड़ी कार्रवाई : सीएम योगी और साक्षी महाराज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने सीएम उद्धव ठाकरे से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस पर सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएम योगी को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
यूपी के उन्नाव संसदीय सीट से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने ट्वीट कर लिखा, 'उद्धवजी पालघर थाना की पुलिस समेत सन्तों के हत्यारे राक्षसों पर N.S.A. लगाकर जेल भेजो अन्यथा जूना अखाड़े के नागा साधुओं का क्रोध महाराष्ट्र सरकार को महंगा पड़ेगा.'
बता दें कि पालघर में गुरुवार को दो संतों सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. पालघर मॉब लिंचिंग की पूरी खबर
10:49 April 20
पालघर मॉब लिंचिंग : मिलिंद देवड़ा ने उद्धव सरकार से किए सवाल
मुंबई : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में भीड़ द्वारा जूना अखाड़ा के दो संतों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की सोमवार को कड़ी निंदा की. साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी.
गिरि ने कहा कि पुलिस के सामने इस तरह से संतों को घेर कर लाठी डंडे से मारा जाना एक गंभीर मामला है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं कोरोना वायरस महामारी के बहाने साधु संतों को निशाना तो नहीं बनाया जा रहा.
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने घटना पर सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के लिए अपहरण की कोशिश का मामला दर्ज कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. देवड़ा ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से घटना के वीभत्स वीडियो का संज्ञान लेने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों के एक समूह ने चोर होने के संदेह पर तीन लोगों को कार से बाहर खींच पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. तीनों किसी व्यक्ति की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए मुंबई से गुजरात स्थित सूरत जा रहे थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर शुरुआत में पहुंचे पुलिसकर्मी पीड़ितों को बचा नहीं सके क्योंकि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक थी और भीड़ ने पुलिस वाहन में भी पीड़ितों की पिटाई की.
कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने कहा कि यह वीभत्स घटना गुरुवार (16 अप्रैल) को रात में 9.30 से 10 बजे के बीच हुई.
यह घटना ऐसे समय में हुई जब कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना में तीनों मृतक की पहचान... उत्तरी मुंबई के कांधीवली निवासी चिकने महाराज कल्पवृक्षागिरि, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि तीनों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा कि 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
काले ने बताया कि तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए पालघर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों कार से मुंबई से आए थे और उनके वाहन को स्थानीय लोगों ने गढचिंचाले के पास ढाबाड़ी-खानवेल मार्ग पर रोक दिया.
काले ने बताया कि उन्हें कार से बाहर खींच लिया गया और ग्रामीणों ने इस संदेह पर उन पर पत्थर और अन्य चीजों से हमला कर दिया कि वे चोर हैं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सागर ने बताया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई टीम (जिसमें सामान्यत: तीन या चार पुलिस कर्मी होते हैं) घटनास्थल पर पहुंची और पीड़ितों को पुलिस वाहन में बैठाकर बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने पुलिस वाहन में भी उनकी पिटाई की और कम संख्या होने की वजह से पुलिसकर्मी कुछ नहीं कर पाए.
सागर ने बताया कि जिले में डकैतों के घमूने की अफवाह थी.
काले ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा-302 (हत्या) सहित अन्य धाराओं जैसे सशस्त्र दंगा करना, धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की आवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-188 इसलिए लगाई गई है क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर रोक है.
(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)