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पंजाब : कृषि कानूनों के खिलाफ कैप्टन के साथ आए सिद्धू

केंद्र द्वारा स्वीकृत कृषि कानून के पुरजोर विरोध के बाद पंजाब सरकार का विधान सभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो चुका है. आज सत्र के दूसरे दिन इसके विरोध में बिल पेश किया गया है. अमरिंदर सिंह ने सदन में कृषि कानून के विरोध में अपनी बात रखी. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन का समर्थन किया है.

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Published : Oct 20, 2020, 9:17 AM IST

Updated : Oct 20, 2020, 1:27 PM IST

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कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आज पंजाब विधान सभा में लाया जाएगा बिल

चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ आज पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ सदन के समक्ष बिल पेश किया है. इस बिल के पेश होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला केंद्र के मुंह पर करारा थप्पड़ है, जिसकी आवाज पूरे हिंदुस्तान में गूंजेगी.

वहीं विधान सभा में बिल पेश करने के दौरान कैप्टन ने कहा कि केंद्र चाहे तो उनकी सरकार बर्खास्त कर दे पर कैप्टन अपना सिर नहीं झुकाएगा. कैप्टन ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है. कैप्टन ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पंजाब में वह हालात बने. उन्होंने कहा कि अगर हल नहीं निकला तो संघर्ष और बढ़ेगा.

इससे पहले सदन के पहले दिन सोमवार को कारवाई सिर्फ 35 मिनट के लिए ही चली थी. पंजाब सरकार ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लाया जाने वाला विधेयक एक दिन टाल दिया. इस पर सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.

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'आप' कार्यकर्ताओं का सदन के अंदर धरना

करीब 11:15 बजे कार्यवाही दोपहर 12.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित बिल आज लाया जाएगा.

कल रात आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधान सभा के अंदर सोते हुए देखा गया.

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विधान सभा के अंदर सोते दिखे 'आप' कार्यकर्ता

विपक्ष ने की सरकार की आलोचना
इससे पहले विशेष सत्र के पहले दिन विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की थी. इस दौरान 'आप' विधायकों ने सदन में धरना भी दिया. इसके बाद कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी गई.

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक देर शाम तक विधानसभा के बीचों-बीच बैठे रहे, जिसके बाद वे विधानसभा के बाहर गैलरी में चले गए, लेकिन वे सदन परिसर के भीतर ही रहे और उन्होंने उस विधेयक की प्रतियों की मांग की, जिसे मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पेश करने वाली है.

इससे पहले, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी.

बाद में नेता विपक्ष एवं आप नेता हरपाल चीमा ने देर रात कहा, 'हम यहां रातभर बैठेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि हमें सत्र के दौरान पेश होने वाले इस विधेयक और अन्य विधेयकों को प्रतियां अब तक नहीं मिली हैं.'

इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.

उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी.

इस बीच, राज्य विधानसभा में शिअद ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक सोमवार को ही पेश किया जाना चाहिए था.

पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह से शाम को मुलाकात की और विधेयकों की प्रतियां नहीं मिलने पर आपत्ति जताई. शिअद नेताओं ने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया.

यह भी पढ़ें : कृषि कानूनों को लेकर विधान सभा का विशेष सत्र, शिअद-आप का प्रदर्शन

किसानों को दी श्रद्धांजलि
इससे पहले, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शोक प्रस्ताव पेश करने के साथ शुरू हुआ और कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सदन की अगुवाई की.

कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विधानसभा के सत्र में हिस्सा लिया.

शिअद विधायक कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों पर चढ़कर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के कानून की प्रतियों को फाड़ दिया.

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने काली टोपियां पहन कर विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ा और जलाया.

विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह राणा ने शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी थी. सदन की कार्यवाही 15 मिनट चली और फिर मंगलवार तक स्थगित कर दी.

कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, हरपाल चीमा ने कहा कि विशेष सत्र नए कृषि कानून का प्रतिकार करने के लिए आहूत किया गया था, लेकिन सदस्यों को विधेयकों की प्रतियां नहीं दी गई हैं.

शिअद के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के पास मुद्दे को लेकर 'स्पष्टता नहीं है.'

उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य विधेयक को सबसे पहले पटल पर रखना चाहिए था और सदन में चर्चा करानी चाहिए थी.

कांग्रेस और केंद्र के बीच फिक्स्ड मैचः शिअद नेता
शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से आरोप लगाया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच 'फिक्सड मैच' चल रहा है.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार केंद्र के दबाव में हैं. सरकार को स्पष्ट नहीं है कि उसे क्या करने की जरूरत है.

वित्त मंत्री बादल ने सदन में सदस्यों से कहा कि सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की प्रतियां उन्हें शाम में मिल जाएंगी.

उन्होंने कहा कि जहां तक कृषि कानूनों के प्रतिकार का संबंध है, सरकार पहले से ही संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रही है.

चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ आज पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ सदन के समक्ष बिल पेश किया है. इस बिल के पेश होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला केंद्र के मुंह पर करारा थप्पड़ है, जिसकी आवाज पूरे हिंदुस्तान में गूंजेगी.

वहीं विधान सभा में बिल पेश करने के दौरान कैप्टन ने कहा कि केंद्र चाहे तो उनकी सरकार बर्खास्त कर दे पर कैप्टन अपना सिर नहीं झुकाएगा. कैप्टन ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है. कैप्टन ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पंजाब में वह हालात बने. उन्होंने कहा कि अगर हल नहीं निकला तो संघर्ष और बढ़ेगा.

इससे पहले सदन के पहले दिन सोमवार को कारवाई सिर्फ 35 मिनट के लिए ही चली थी. पंजाब सरकार ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लाया जाने वाला विधेयक एक दिन टाल दिया. इस पर सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.

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'आप' कार्यकर्ताओं का सदन के अंदर धरना

करीब 11:15 बजे कार्यवाही दोपहर 12.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित बिल आज लाया जाएगा.

कल रात आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधान सभा के अंदर सोते हुए देखा गया.

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विधान सभा के अंदर सोते दिखे 'आप' कार्यकर्ता

विपक्ष ने की सरकार की आलोचना
इससे पहले विशेष सत्र के पहले दिन विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की थी. इस दौरान 'आप' विधायकों ने सदन में धरना भी दिया. इसके बाद कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी गई.

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक देर शाम तक विधानसभा के बीचों-बीच बैठे रहे, जिसके बाद वे विधानसभा के बाहर गैलरी में चले गए, लेकिन वे सदन परिसर के भीतर ही रहे और उन्होंने उस विधेयक की प्रतियों की मांग की, जिसे मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पेश करने वाली है.

इससे पहले, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी.

बाद में नेता विपक्ष एवं आप नेता हरपाल चीमा ने देर रात कहा, 'हम यहां रातभर बैठेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि हमें सत्र के दौरान पेश होने वाले इस विधेयक और अन्य विधेयकों को प्रतियां अब तक नहीं मिली हैं.'

इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.

उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी.

इस बीच, राज्य विधानसभा में शिअद ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक सोमवार को ही पेश किया जाना चाहिए था.

पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह से शाम को मुलाकात की और विधेयकों की प्रतियां नहीं मिलने पर आपत्ति जताई. शिअद नेताओं ने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया.

यह भी पढ़ें : कृषि कानूनों को लेकर विधान सभा का विशेष सत्र, शिअद-आप का प्रदर्शन

किसानों को दी श्रद्धांजलि
इससे पहले, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शोक प्रस्ताव पेश करने के साथ शुरू हुआ और कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सदन की अगुवाई की.

कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विधानसभा के सत्र में हिस्सा लिया.

शिअद विधायक कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों पर चढ़कर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के कानून की प्रतियों को फाड़ दिया.

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने काली टोपियां पहन कर विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ा और जलाया.

विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह राणा ने शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी थी. सदन की कार्यवाही 15 मिनट चली और फिर मंगलवार तक स्थगित कर दी.

कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, हरपाल चीमा ने कहा कि विशेष सत्र नए कृषि कानून का प्रतिकार करने के लिए आहूत किया गया था, लेकिन सदस्यों को विधेयकों की प्रतियां नहीं दी गई हैं.

शिअद के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के पास मुद्दे को लेकर 'स्पष्टता नहीं है.'

उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य विधेयक को सबसे पहले पटल पर रखना चाहिए था और सदन में चर्चा करानी चाहिए थी.

कांग्रेस और केंद्र के बीच फिक्स्ड मैचः शिअद नेता
शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से आरोप लगाया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच 'फिक्सड मैच' चल रहा है.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार केंद्र के दबाव में हैं. सरकार को स्पष्ट नहीं है कि उसे क्या करने की जरूरत है.

वित्त मंत्री बादल ने सदन में सदस्यों से कहा कि सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की प्रतियां उन्हें शाम में मिल जाएंगी.

उन्होंने कहा कि जहां तक कृषि कानूनों के प्रतिकार का संबंध है, सरकार पहले से ही संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रही है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 1:27 PM IST
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