ETV Bharat / bharat

किसान आंदोलन : कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान, कमेटी के सदस्य भारत सरकार के दलाल - किसान आंदोलन

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी. इसके एक दिन बाद लोहड़ी पर्व पर पंजाब कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने नए कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया. इस दौरान ईटीवी भारत ने कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला से बात की. औजला ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चार सदस्यीय कमेटी गठित है. कमेटी में जो सदस्य हैं वो केंद्र सरकार के दलाल हैं.

किसान आंदोलन
किसान आंदोलन
author img

By

Published : Jan 13, 2021, 8:23 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन बुधवार को 49वें दिन जारी है. ताजा घटनाक्रम में पंजाब कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने लोहड़ी पर्व पर नए कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया.

ये सांसद और विधायक दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने से धरने पर बैठे हैं और केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और संसद सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.

लोहड़ी पर कांग्रेस के सांसदों-विधायकों ने जलाईं नए कानूनों की प्रतियां

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करने हुए अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला कहा कि सरकार ने हमारी खुशियां खत्म कर दी हैं. सरकार ने तो हमें दुख में डाल दिया है. हम इस त्योहार को खुशी नहीं मना सकते हैं, क्योंकि हमारे हजारों-भाई बहन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी के मसले पर पूछे गए सवाल पर गुरजीत सिंह ने कहा कि ये लोग पहले से ही कृषि कानूनों के पक्ष में हैं.

उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर जब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाया था, तब तक हमने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था, लेकिन कोर्ट ने बातचीत के लिए जो कमेटी बनाई हैं. कमेटी में जो सदस्य हैं वो केंद्र सरकार के दलाल हैं. अदालत से अच्छी कमेटी तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बना रहे थे.

कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में एक विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, जिसमें राज्य इकाइयां कृषि कानूनों के खिलाफ गवर्नर हाउस का घेराव करेंगी.

यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन पर कांग्रेस बोली- 15 को होगा सभी गवर्नर हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगाने का फैसला लिया और किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्य हैं.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन बुधवार को 49वें दिन जारी है. ताजा घटनाक्रम में पंजाब कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने लोहड़ी पर्व पर नए कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया.

ये सांसद और विधायक दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने से धरने पर बैठे हैं और केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और संसद सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.

लोहड़ी पर कांग्रेस के सांसदों-विधायकों ने जलाईं नए कानूनों की प्रतियां

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करने हुए अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला कहा कि सरकार ने हमारी खुशियां खत्म कर दी हैं. सरकार ने तो हमें दुख में डाल दिया है. हम इस त्योहार को खुशी नहीं मना सकते हैं, क्योंकि हमारे हजारों-भाई बहन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी के मसले पर पूछे गए सवाल पर गुरजीत सिंह ने कहा कि ये लोग पहले से ही कृषि कानूनों के पक्ष में हैं.

उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर जब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाया था, तब तक हमने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था, लेकिन कोर्ट ने बातचीत के लिए जो कमेटी बनाई हैं. कमेटी में जो सदस्य हैं वो केंद्र सरकार के दलाल हैं. अदालत से अच्छी कमेटी तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बना रहे थे.

कांग्रेस शुक्रवार को देशभर में एक विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, जिसमें राज्य इकाइयां कृषि कानूनों के खिलाफ गवर्नर हाउस का घेराव करेंगी.

यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन पर कांग्रेस बोली- 15 को होगा सभी गवर्नर हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगाने का फैसला लिया और किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्य हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.