नई दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने पर, संक्रमित क्षेत्रों का दौरा करने और कोविड-19 का लक्षण छिपाने वाले सेना के जवानों और अधिकारियों पर आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. सेना मुख्यालय ने अपने सभी कार्यालयों को एक निर्देश जारी किया है.
निर्देश में कहा गया है कि 13 लाख सैनिकों के लिए विशिष्ट उपायों का निर्धारण किया गया है और मानदंडों का उल्लघंन करने पर दंडात्मक कार्रवाई के बारे में चेतावनी दी गई है.
निर्देश में कहा गया है कि यह सभी रैंकों के लिए अनिवार्य है ताकि संबंधित अधिकारियों के खांसी, गले में दर्द, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, कोविड-19 के किसी भी लक्षण का तुरंत खुलासा हो सके.
अधिकारियों ने कहा कि सेना के सभी कर्मियों को भी निर्दिष्ट चिकित्सा टीमों को सूचित करने की आवश्यकता होगी, यदि वे छुट्टी पर या यात्रा के दौरान किसी भी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं.
निर्देश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के रूप में सरकार द्वारा पहचाने जाने वाले किसी भी क्षेत्र की यात्रा करने पर खुलासा करना अनिवार्य है. इसमें उल्लेख किया गया है कि सेवा के अनुशासन के उल्लंघन के आरोपों पर निर्देशों का उल्लघंन करने वाले किसी भी सैन्यकर्मी पर सेना अधिनियम, 1950 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
अधिकारियों ने कहा कि सेना मुख्यालय ने भी निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित होने वाले कार्मिकों के परीक्षण के प्रावधान में कमांड मुख्यालय की पहचान होना आवश्यक है.
गौरतलब है कि रविवार को भारतीय सेना के एक डॉक्टर और एक जूनियर कमीशन अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. कर्नल-रैंक के डॉक्टर कोलकाता के कमांड अस्पताल में सेवारत हैं जबकि जेसीओ देहरादून में एक आर्मी बेस में तैनात हैं.
पढ़ें : कोरोना से 'युद्ध' को सेना ने किया 'ऑपरेशन नमस्ते' का एलान
कुछ हफ्ते पहले, सेना का एक जवान कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. वह लेह में अपने घर पर छुट्टी में आया था.
बता दें कि शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एम.एम नरवणे ने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना द्वारा 'ऑपरेशन नमस्ते' चलाया जाएगा.