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कर्नाटक: 18 साल से सार्वजनिक शौचालय है शांतम्मा के रहने का ठिकाना

चामराजनगर नगरपालिका परिषद की कर्मचारी शांतम्मा 18 साल से सार्वजनिक शौचालय में गुजारा कर रही हैं. उनका कहना है कि महिलाओं को सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया.

शांतम्मा के लिए सार्वजनिक शौचालय ही रहने का ठिकाना है
शांतम्मा के लिए सार्वजनिक शौचालय ही रहने का ठिकाना है
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Published : Nov 20, 2020, 8:54 PM IST

चामराजनगर (कर्नाटक) : चामराजनगर नगरपालिका परिषद की कर्मचारी शांतम्मा के लिए सार्वजनिक शौचालय ही रहने का ठिकाना है. वह, उसी में गुजारा करती हैं और सामुदायिक शौचालय की सफाई करती हैं.

शहर के संथमराहल्ली रोड स्थित महिला शौचालय में शांतम्मा पिछले 18 साल से पति के साथ रह रही हैं. दरअसल, शांतम्मा की यह मजबूरी नहीं है, बल्कि वह लोगों को सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए ऐसा कर रही हैं.

गांव में उप्पारा समुदाय के लोग सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के बजाय खुले में शौच के लिए जाते थे. शांतम्मा ने सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के लिए महिलाओं को समझाया. शौचालय की सफाई वह खुद करती हैं.

शांतम्मा, सार्वजनिक शौचालय के सामने की जगह का उपयोग भोजन पकाने के लिए करती हैं. शौचालय परिसर में स्नान करने की जगह बना ली है. शौचालय की सफाई का सामान जिस कमरे में रखा जाता है, उसी कमरे में भोजन करते हैं. शांतम्मा की एक बेटी और एक बेटा है, जो सफाई का काम कर रहे हैं और दोनों शहर के बाबू जगजीवनराम बडवने इलाके में रहते हैं.

हमने वहां रहने से रोका, नहीं मानीं: परिषद आयुक्त
हालांकि, पूरे मामले में नगरपालिका परिषद का कुछ और ही कहना है. नगरपालिका परिषद आयुक्त राजन्ना ने ईटीवी भारत से कहा कि शांतम्मा अपनी पारिवारिक समस्या के कारण शौचालय में रह रही हैं. हम उन्हें शौचालय में नहीं रहने का सुझाव देते हैं, लेकिन वह नहीं मान रही. शांतम्मा सहित अन्य सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच हर महीने की जाती है. हम शहर में हर सफाई कर्मी की देखभाल बेहतर ढ़ंग से कर रहे हैं.

पढ़ें- कर्नाटक के इस परिवार के बनाए मास्क को पीएम ने पहना, पीएमओ ने सराहा

चामराजनगर (कर्नाटक) : चामराजनगर नगरपालिका परिषद की कर्मचारी शांतम्मा के लिए सार्वजनिक शौचालय ही रहने का ठिकाना है. वह, उसी में गुजारा करती हैं और सामुदायिक शौचालय की सफाई करती हैं.

शहर के संथमराहल्ली रोड स्थित महिला शौचालय में शांतम्मा पिछले 18 साल से पति के साथ रह रही हैं. दरअसल, शांतम्मा की यह मजबूरी नहीं है, बल्कि वह लोगों को सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए ऐसा कर रही हैं.

गांव में उप्पारा समुदाय के लोग सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के बजाय खुले में शौच के लिए जाते थे. शांतम्मा ने सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के लिए महिलाओं को समझाया. शौचालय की सफाई वह खुद करती हैं.

शांतम्मा, सार्वजनिक शौचालय के सामने की जगह का उपयोग भोजन पकाने के लिए करती हैं. शौचालय परिसर में स्नान करने की जगह बना ली है. शौचालय की सफाई का सामान जिस कमरे में रखा जाता है, उसी कमरे में भोजन करते हैं. शांतम्मा की एक बेटी और एक बेटा है, जो सफाई का काम कर रहे हैं और दोनों शहर के बाबू जगजीवनराम बडवने इलाके में रहते हैं.

हमने वहां रहने से रोका, नहीं मानीं: परिषद आयुक्त
हालांकि, पूरे मामले में नगरपालिका परिषद का कुछ और ही कहना है. नगरपालिका परिषद आयुक्त राजन्ना ने ईटीवी भारत से कहा कि शांतम्मा अपनी पारिवारिक समस्या के कारण शौचालय में रह रही हैं. हम उन्हें शौचालय में नहीं रहने का सुझाव देते हैं, लेकिन वह नहीं मान रही. शांतम्मा सहित अन्य सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच हर महीने की जाती है. हम शहर में हर सफाई कर्मी की देखभाल बेहतर ढ़ंग से कर रहे हैं.

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