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'सरकार बता दे - एनआरसी के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होगी'

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार बताए कि एनआरसी के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होगी और यह असम एनआरसी से किस तरह अलग होगी. पढ़ें पूरी खबर...

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विरोध प्रदर्शन
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Published : Dec 22, 2019, 12:04 AM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, यह सरकार को साफ-साफ बता देना चाहिए.

एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन से लोगों को संदेश दिया है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, उसी तरह से उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि एनआरसी के लिए आखिर उन्हें किन कागजातों की जरूरत होगी, जिससे वे अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे. इसके साथ ही यह भी बताया जाए कि किस तरीके से यह एनआरसी असम से अलग होगी.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह कानून ही गलत है, यह सरकार किसी धर्म विशेष के नागरिक को धर्म के आधार पर कैसे अलग कर सकती है, यह संविधान का उल्लंघन है.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस बल ने गलत प्रयोग किया है, जिसके कारण उन्हें काफी क्षति पहुंची है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन सभी राज्यों में पुलिस बल के दुरुपयोग कर रहे सभी अफसरों पर कार्रवाई करें.'

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस विरोध में ज्यादातर छात्र शामिल हैं.

पढ़ें : CAA को लेकर किसी भी मुसलमान को डरने की जरूरत नहीं : भाजपा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की थी.

गौरतलब है कि इस कानून के तहत हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदाय के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ना का शिकार होकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए थे.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, यह सरकार को साफ-साफ बता देना चाहिए.

एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन से लोगों को संदेश दिया है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, उसी तरह से उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि एनआरसी के लिए आखिर उन्हें किन कागजातों की जरूरत होगी, जिससे वे अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे. इसके साथ ही यह भी बताया जाए कि किस तरीके से यह एनआरसी असम से अलग होगी.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह कानून ही गलत है, यह सरकार किसी धर्म विशेष के नागरिक को धर्म के आधार पर कैसे अलग कर सकती है, यह संविधान का उल्लंघन है.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस बल ने गलत प्रयोग किया है, जिसके कारण उन्हें काफी क्षति पहुंची है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन सभी राज्यों में पुलिस बल के दुरुपयोग कर रहे सभी अफसरों पर कार्रवाई करें.'

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस विरोध में ज्यादातर छात्र शामिल हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की थी.

गौरतलब है कि इस कानून के तहत हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदाय के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ना का शिकार होकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए थे.

Intro:नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून,2019 का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि एनआरसी के लिए सरकार को किन-किन दस्तावेजों की जरूरत है यह उन्हें साफ-साफ बता देना चाहिए। एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिस तरीके से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन से लोगों को यह संदेश दिया कि इस कानून के से देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है उसी तरीके से उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि एनआरसी के लिए आखिर उन्हें किन कागजातों की जरूरत होगी जिससे वह अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे। इसके साथ ही यह भी बताया जाये कि किस तरीके से यह एनाअरसी असम से अलग होगी।


Body:एक अन्य प्रदर्शनकारी सेजल ईटीवी भारत ने बताया कि गृह मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मे लोग या जिनके माता-पिता उस वर्ष से पहले देश में जन्मे हूं उन्हें कानून के अनुसार नैसर्गिक तौर पर भारतीय माना जाएगा। इसके बाद भी अब उनके प्रदर्शन करने का क्या कारण है, तो उन्होंने कहा कि यह कानून ही गलत है, यह सरकार किसी धर्म विशेष के नागरिक को धर्म के आधार पर कैसे अलग कर सकती है, यह संविधान का उल्लंघन है।

नागरिकता संशोधन कानून,2019 और एनाआरसी का विरोध कर रहे लोगों पर जिस तरीके से पुलिस बल का दुरुपयोग हुआ, इसपर एक प्रदर्शनकारी का कहना था कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों मैं प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस बल ने गलत प्रयोग किया है जिसके कारण उनको काफी क्षति पहुंची है। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन सभी राज्यों में पुलिस बल के दुरुपयोग पर सभी अफसरों पर कार्रवाई करे।



Conclusion:बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है। इस विरोध में ज्यादातर छात्र शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति की अपील की थी। इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू समेत छह धर्मों के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।
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