नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, यह सरकार को साफ-साफ बता देना चाहिए.
एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन से लोगों को संदेश दिया है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, उसी तरह से उन्हें यह भी साफ कर देना चाहिए कि एनआरसी के लिए आखिर उन्हें किन कागजातों की जरूरत होगी, जिससे वे अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे. इसके साथ ही यह भी बताया जाए कि किस तरीके से यह एनआरसी असम से अलग होगी.
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह कानून ही गलत है, यह सरकार किसी धर्म विशेष के नागरिक को धर्म के आधार पर कैसे अलग कर सकती है, यह संविधान का उल्लंघन है.
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस बल ने गलत प्रयोग किया है, जिसके कारण उन्हें काफी क्षति पहुंची है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन सभी राज्यों में पुलिस बल के दुरुपयोग कर रहे सभी अफसरों पर कार्रवाई करें.'
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस विरोध में ज्यादातर छात्र शामिल हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की थी.
गौरतलब है कि इस कानून के तहत हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदाय के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ना का शिकार होकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए थे.