दार्जलिंग : बिमल गुरुंग के लौटने के खिलाफ कलिम्पोंग में एक विरोध रैली का आयोजन किया गया. रैली में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और पहाड़ोंं में शांति के नारे भी लगाए.
रैली में शामिल लोग ने बिमल गुरुंग के खिलाफ नारेबाजी की. गुरुंग के प्रतिद्वंद्वी बेनोय तमांग के समर्थन में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रैली का आयोजन किया.
गौरतलब है कि, पिछले लगभग दो वर्षों से फरार चल रहे बिमल गुरुंग को हाल ही में कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके में देखा गया था. इससे पहले जीजेएम सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने कहा था कि उनके संगठन ने राजग से बाहर होने का फैसला किया है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहाड़ी क्षेत्र के लिए 'स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है.'
गुरुंग ने कहा था कि उनका संगठन तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा और 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव भगवा पार्टी के खिलाफ लड़ेगा.
करीबी सहयोगी रोशन गिरि के साथ सामने आए गुरुंग ने कहा था कि केंद्र सरकार 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिह्नित करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है. उन्होंने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मुकाबले में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने का संकल्प जताया.
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पिछले दिनों शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा का साथ छोड़ दिया था. हालांकि, संसद में जीजेएम के एक भी सांसद नहीं है.
गुरुंग ने कहा था 2009 से ही हम राजग का हिस्सा रहे हैं, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहाड़ के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने का अपना वादा नहीं निभाया. उसने अनुसूचित जनजाति की सूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया. हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं इसलिए आज हम राजग छोड़ रहे हैं.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता गुरंग ने कहा था कि पहाड़ छोड़ने के बाद वह तीन साल नयी दिल्ली में रहे और दो महीने पहले झारखंड चले गए थे. उन्होंने कहा, अगर आज मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं. आंदोलन में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए गुरुंग के खिलाफ 150 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे.