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पश्चिम बंगाल : जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने राज्यपाल धनखड़ को दिखाए काले झंडे

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ फिर से बदसलूकी की गई. धनखड़ के खिलाफ जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने काले झंड़े दिखाए. पढ़ें पूरी खबर...

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जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने धनकड़ को दिखाए काले झंडे
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Published : Dec 24, 2019, 11:00 AM IST

Updated : Dec 24, 2019, 12:35 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ फिर से बदसलूकी की गई. धनखड़ के खिलाफ जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने काले झंड़े दिखाए.

दवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने राज्यपाल धनखड़ को दिखाए काले झंडे

बता दें कि जगदीप धनखड़ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. जहां छात्रों ने उनका घेराव कर दिया.

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

पढे़ं : भाजपा सांसद का आरोप : CAB के समर्थन में वोट डालने पर मिली धमकी

गौरतलब है कि राज्यपाल को अपनी कार से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं छात्रों द्वारा 'जगदीप धनखड़ गो बैक के पोस्टर भी लहरा रहे हैं.'

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

आपको बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ से यादवपुर विश्वविद्यालय में सोमवार को भी छात्रों ने दो बार धक्कामुक्की की थी और उन्हें काले झंडे दिखाए. वहीं इससे एक दिन पहले ही उन्होंने संभावित गड़बड़ी की आशंका के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 दिसंबर को होने के वाले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द करने के फैसले को 'अवैध और अमान्य' करार दिया.

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

छात्रों ने धमकी दी थी कि धनखड़ अगर मंगलवार को वार्षिक दीक्षांत समारोह में आते हैं तो वे फिर उनका विरोध करेंगे. संस्थान के नियमों के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी नहीं है.
संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर राज्यपाल के रुख का विरोध कर रहे छात्रों ने उनकी कार को घेर लिया. उनकी कार दोपहर बाद करीब दो बजे जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे छात्रों ने घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी. राज्यपाल को विश्वविद्यालय की शीर्ष निर्णायक संस्था कोर्ट की बैठक में हिस्सा लेना था.

अधिकारियों ने कहा कि बैठक में शामिल हुए बगैर ही करीब दो घंटे बाद धनखड़ जब लौट रहे थे तो उनसे फिर धक्कामुक्की हुई. वह बड़ी संख्या में छात्रों की मौजूदगी की वजह से बैठक में हिस्सा नहीं ले सकें क्योंकि धनखड़ जिस कमरे में थे उसके सामने स्थित बैठक कक्ष के बीच प्रदर्शनकारी छात्र थे.

माकपा समर्थित एसएफआई, ऑर्ट्स फैकेल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू), एआईएसए और एफईटीएसयू के प्रदर्शन के बीच धनखड़ करीब 30 मिनट तक वहां फंसे रहे. कुलपति सुरंजन दास और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद सुरक्षा में उन्हें वहां से निकालकर बैठक स्थल अरबिंदो भवन तक पहुंचाया.

विरोध के बीच राज्यपाल ने कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने लिखा, 'जाधवपुर विश्वविद्यालय में हूं ताकि छात्रों को अपनी मेहनत का फल मिल सके और वह समाज में अपना योगदान दे सकें.

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट
दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद कार्यक्रम स्थल का रास्ता बंद है.

अस्वाभाविक. कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. चिंतापूर्ण परिस्थिति है.

उन्होंने कहा, 'रास्ता रोकने वालों की संख्या केवल पचास के आसपास है. सिस्टम को बंधक बना लिया गया है और कार्य से जुड़े लोग अपने दायित्वों से बेखबर हैं. यह एक तरह का पतन है जो केवल अनचाहे परिणामों को जन्म दे सकता है. यहां कानून के नियम कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. यह संवैधानिक प्रमुख से संबंधित है.

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट

राज्यपाल धनखड़ ने लिखा, 'ऐसी परिस्थितियों में मीडिया को लोक कल्याण पर भी ध्यान देने और यह संकेत देने की आवश्यकता है कि छात्र हितों को खतरे में नहीं डाला जा सकता है.

उन्होंने ट्वीट में कहा, 'एक पीड़ादायक परिदृश्य कि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं और बहानों की तलाश कर रहे हैं. वह कानून के शासन के पतन की अध्यक्षता कर रहे हैं. '

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ फिर से बदसलूकी की गई. धनखड़ के खिलाफ जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने काले झंड़े दिखाए.

दवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने राज्यपाल धनखड़ को दिखाए काले झंडे

बता दें कि जगदीप धनखड़ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. जहां छात्रों ने उनका घेराव कर दिया.

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

पढे़ं : भाजपा सांसद का आरोप : CAB के समर्थन में वोट डालने पर मिली धमकी

गौरतलब है कि राज्यपाल को अपनी कार से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं छात्रों द्वारा 'जगदीप धनखड़ गो बैक के पोस्टर भी लहरा रहे हैं.'

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

आपको बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ से यादवपुर विश्वविद्यालय में सोमवार को भी छात्रों ने दो बार धक्कामुक्की की थी और उन्हें काले झंडे दिखाए. वहीं इससे एक दिन पहले ही उन्होंने संभावित गड़बड़ी की आशंका के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 दिसंबर को होने के वाले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द करने के फैसले को 'अवैध और अमान्य' करार दिया.

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़

छात्रों ने धमकी दी थी कि धनखड़ अगर मंगलवार को वार्षिक दीक्षांत समारोह में आते हैं तो वे फिर उनका विरोध करेंगे. संस्थान के नियमों के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी नहीं है.
संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर राज्यपाल के रुख का विरोध कर रहे छात्रों ने उनकी कार को घेर लिया. उनकी कार दोपहर बाद करीब दो बजे जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे छात्रों ने घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी. राज्यपाल को विश्वविद्यालय की शीर्ष निर्णायक संस्था कोर्ट की बैठक में हिस्सा लेना था.

अधिकारियों ने कहा कि बैठक में शामिल हुए बगैर ही करीब दो घंटे बाद धनखड़ जब लौट रहे थे तो उनसे फिर धक्कामुक्की हुई. वह बड़ी संख्या में छात्रों की मौजूदगी की वजह से बैठक में हिस्सा नहीं ले सकें क्योंकि धनखड़ जिस कमरे में थे उसके सामने स्थित बैठक कक्ष के बीच प्रदर्शनकारी छात्र थे.

माकपा समर्थित एसएफआई, ऑर्ट्स फैकेल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू), एआईएसए और एफईटीएसयू के प्रदर्शन के बीच धनखड़ करीब 30 मिनट तक वहां फंसे रहे. कुलपति सुरंजन दास और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद सुरक्षा में उन्हें वहां से निकालकर बैठक स्थल अरबिंदो भवन तक पहुंचाया.

विरोध के बीच राज्यपाल ने कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने लिखा, 'जाधवपुर विश्वविद्यालय में हूं ताकि छात्रों को अपनी मेहनत का फल मिल सके और वह समाज में अपना योगदान दे सकें.

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट
दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद कार्यक्रम स्थल का रास्ता बंद है.

अस्वाभाविक. कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. चिंतापूर्ण परिस्थिति है.

उन्होंने कहा, 'रास्ता रोकने वालों की संख्या केवल पचास के आसपास है. सिस्टम को बंधक बना लिया गया है और कार्य से जुड़े लोग अपने दायित्वों से बेखबर हैं. यह एक तरह का पतन है जो केवल अनचाहे परिणामों को जन्म दे सकता है. यहां कानून के नियम कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. यह संवैधानिक प्रमुख से संबंधित है.

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट

राज्यपाल धनखड़ ने लिखा, 'ऐसी परिस्थितियों में मीडिया को लोक कल्याण पर भी ध्यान देने और यह संकेत देने की आवश्यकता है कि छात्र हितों को खतरे में नहीं डाला जा सकता है.

उन्होंने ट्वीट में कहा, 'एक पीड़ादायक परिदृश्य कि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं और बहानों की तलाश कर रहे हैं. वह कानून के शासन के पतन की अध्यक्षता कर रहे हैं. '

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जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया ट्वीट
Last Updated : Dec 24, 2019, 12:35 PM IST
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