दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर कोलकाता के पार्क सर्कस में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को शुक्रवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का साथ मिला. शुक्रवार देर रात चिदंबरम महिलाओं के प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पार्क सर्कस पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस नेता ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनके संघर्ष में साथ होने का आश्वासन दिया. वहीं प्रदीप भट्टाचार्य ने भी चिदंबरम और प्रदर्शनकारियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए.
CAA और NRC के खिलाफ लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन - undefined
13:29 January 18
CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को चिदंबरम का मिला साथ
11:40 January 18
चेन्नई में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
09:40 January 18
गुजरात में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
वहीं कल गुजरात में भी महिलाओं ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया.
09:24 January 18
CAA-NRC विरोध LIVE
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब पुराने लखनऊ में भी महिलाओं और बच्चों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
हाथों में सीएए और एनआरसी वापस लेने संबंधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां लिए करीब 50 महिलाओं और बच्चों ने शुक्रवार शाम से पुराने लखनऊ के स्थित घंटाघर प्रांगण में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो अभी जारी है.
इस प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे अपने मातहत अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाओं ने मांग पूरी न होने तक अपना प्रदर्शन समाप्त करने से मना कर दिया.
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके इस कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए रात में घंटाघर की बिजली काट दी गई और जबरदस्त ठंड से बचाव के लिए उन्हें तंबू भी नहीं लगाने दिया गया. बहरहाल इन मुश्किलों के बावजूद महिलाएं और बच्चे वहीं पर बैठे रहे और उनका प्रदर्शन सुबह भी जारी रहा.
प्रदर्शन में शामिल युवती वरीशा सलीम ने कहा कि यह प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की तर्ज पर ही है और जब तक एनआरसी और सीएए को वापस नहीं लिया जाता तब तक यह जारी रहेगा.
प्रदर्शन कर रही महिलाओं का समर्थन करने पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि सीएए एक असंवैधानिक कानून है और यह देश की आत्मा के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर पुलिस ने इन महिलाओं के बच्चों को सड़कों पर मारा, घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और संगीन धाराएं लगाकर हिरासत में जुल्म किया. ऐसे में महिलाओं ने कहा है कि अब वह देखेंगी कि पुलिस उनका दमन करने के लिए क्या तरीके अपनाती है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को हिंसक बना कर जिस तरह से इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की उसके मद्देनजर महिलाएं यह बताना चाहती हैं कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदुस्तानियत के खिलाफ है.
सदफ ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश की सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने के बारे में सोच भी कैसे सकती है.
13:29 January 18
CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को चिदंबरम का मिला साथ
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर कोलकाता के पार्क सर्कस में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को शुक्रवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का साथ मिला. शुक्रवार देर रात चिदंबरम महिलाओं के प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पार्क सर्कस पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस नेता ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनके संघर्ष में साथ होने का आश्वासन दिया. वहीं प्रदीप भट्टाचार्य ने भी चिदंबरम और प्रदर्शनकारियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए.
11:40 January 18
चेन्नई में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
09:40 January 18
गुजरात में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
वहीं कल गुजरात में भी महिलाओं ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया.
09:24 January 18
CAA-NRC विरोध LIVE
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब पुराने लखनऊ में भी महिलाओं और बच्चों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
हाथों में सीएए और एनआरसी वापस लेने संबंधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां लिए करीब 50 महिलाओं और बच्चों ने शुक्रवार शाम से पुराने लखनऊ के स्थित घंटाघर प्रांगण में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो अभी जारी है.
इस प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे अपने मातहत अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाओं ने मांग पूरी न होने तक अपना प्रदर्शन समाप्त करने से मना कर दिया.
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके इस कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए रात में घंटाघर की बिजली काट दी गई और जबरदस्त ठंड से बचाव के लिए उन्हें तंबू भी नहीं लगाने दिया गया. बहरहाल इन मुश्किलों के बावजूद महिलाएं और बच्चे वहीं पर बैठे रहे और उनका प्रदर्शन सुबह भी जारी रहा.
प्रदर्शन में शामिल युवती वरीशा सलीम ने कहा कि यह प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की तर्ज पर ही है और जब तक एनआरसी और सीएए को वापस नहीं लिया जाता तब तक यह जारी रहेगा.
प्रदर्शन कर रही महिलाओं का समर्थन करने पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि सीएए एक असंवैधानिक कानून है और यह देश की आत्मा के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर पुलिस ने इन महिलाओं के बच्चों को सड़कों पर मारा, घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और संगीन धाराएं लगाकर हिरासत में जुल्म किया. ऐसे में महिलाओं ने कहा है कि अब वह देखेंगी कि पुलिस उनका दमन करने के लिए क्या तरीके अपनाती है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को हिंसक बना कर जिस तरह से इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की उसके मद्देनजर महिलाएं यह बताना चाहती हैं कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदुस्तानियत के खिलाफ है.
सदफ ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश की सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने के बारे में सोच भी कैसे सकती है.