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JNU छात्र नजीब, सुबोध कुमार, गौरी लंकेश और तबरेज के परिजनों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

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Published : Oct 16, 2019, 8:11 AM IST

जेएनयू विश्वविद्यालय से तीन साल पहले गायब हुए नजीब की ढूंढने के लिए आज जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन के दौरान नजीब की मां ने कहा कि सरकार उनके बेटे को ढूंढना नहीं चाहती है. इस प्रदर्शन के दौरान न्याय पाने के लिए सुबोध कुमार की पत्नी, गौरी लंकेश की बहन और झारखंड में मॉब लिचिंग का शिकार हुए तबरेज की पत्नी भी मौजूद रहे. पढ़ें पूरी खबर...

नजीब की मां

नई दिल्ली : आज ही के दिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का छात्र नजीब अहमद कैंपस हॉस्टल से गायब हो गया था. घटना के तीन वर्ष बाद भी नजीब की मां फातिमा नफीस को उम्मीद है कि उनका बेटा फिर घर वापस आएगा. आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर उन्होंने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को ढूंढने के लिए सरकार गंभीर नहीं है.

फातमा नफीस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी से दिल्ली में चोरी हो जाती है तो पुलिस तुरंत चोरों को पकड़ लेती है. मेरे बेटे को गायब हुए तीन साल हो गए हैं लेकिन अभी तक सुरक्षा एजेंसी किसी भी तरीके के सुराग का पता नहीं लगा पाई हैं.

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते लोग

नजीब की मां का आरोप है कि सीबीआई ने इस मामले में किसी भी तरीके की खोजबीन ही नहीं की तो जांच बंद करने की बात का सवाल ही नहीं उठता.

बता दें कि इस मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का कहना है कि वह नजीब अहमद के गायब होने की जांच बंद कर सकता है क्योंकि उसे इस मामले में कोई सबूत हाथ नहीं लगा है.

वहीं, बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली ने कहा कि यह मेरे लिए शर्मनाक है कि हम देश की सबसे बड़ी पंचायत का सदस्य है लेकिन फिर भी नजीब अहमद को तीन साल बाद भी इंसाफ नहीं दिला सके हैं.

उन्होंने कहा कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बुलंदशहर में एक बड़ा नरसंहार होने से रोक दिया लेकिन हम उन्हें इंसाफ नहीं दिला सके हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या पर बसपा नेता ने कहा कि जो पत्नी अपने घर से नहीं निकलती थी, वह आज अपने पति के इंसाफ की लड़ाई लड़ने दिल्ली आ गई.

ये भी पढ़ें : SC में चिदंबरम की दलील - CBI जेल में रखकर करना चाहती है अपमानित

लेखिका अरूंधति रॉय ने कहा आज हम कैसे हालात में आ गए हैं एक ऐसी सभा में हूं.. भीड़ ने तबरेज को मार डाला और पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. ऐसी मां के साथ बैठी हूं, जिसका बेटा तीन सालों से लापता है, मैं ऐसी बहन के साथ बैठी हूं, जिसकी बहन की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. इन सभी के परिवार वाले न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं.

तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि मैं अपने पति के इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही हूं और आज मैं इसके लिए झारखंड से दिल्ली आ गई. उन्होंने कहा अभी तक मुझे इंसाफ नहीं मिला है और मैं चाहती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी मुझे इंसाफ दिलाएं.

बता दें कि देश में मॉब लिंचिंग और अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ते अपराध को लेकर जेएनयू से गायब हुए छात्र नजीब अहमद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी और बेंगलुरु में मारी गई पत्रकार गौरी लंकेश को भी इंसाफ दिलाने के लिए उनके परिजनों समेत कई अन्य लोगों ने सरकार पर हमला बोला और इंसाफ की गुहार लगाई.

नई दिल्ली : आज ही के दिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का छात्र नजीब अहमद कैंपस हॉस्टल से गायब हो गया था. घटना के तीन वर्ष बाद भी नजीब की मां फातिमा नफीस को उम्मीद है कि उनका बेटा फिर घर वापस आएगा. आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर उन्होंने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को ढूंढने के लिए सरकार गंभीर नहीं है.

फातमा नफीस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी से दिल्ली में चोरी हो जाती है तो पुलिस तुरंत चोरों को पकड़ लेती है. मेरे बेटे को गायब हुए तीन साल हो गए हैं लेकिन अभी तक सुरक्षा एजेंसी किसी भी तरीके के सुराग का पता नहीं लगा पाई हैं.

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते लोग

नजीब की मां का आरोप है कि सीबीआई ने इस मामले में किसी भी तरीके की खोजबीन ही नहीं की तो जांच बंद करने की बात का सवाल ही नहीं उठता.

बता दें कि इस मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का कहना है कि वह नजीब अहमद के गायब होने की जांच बंद कर सकता है क्योंकि उसे इस मामले में कोई सबूत हाथ नहीं लगा है.

वहीं, बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली ने कहा कि यह मेरे लिए शर्मनाक है कि हम देश की सबसे बड़ी पंचायत का सदस्य है लेकिन फिर भी नजीब अहमद को तीन साल बाद भी इंसाफ नहीं दिला सके हैं.

उन्होंने कहा कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बुलंदशहर में एक बड़ा नरसंहार होने से रोक दिया लेकिन हम उन्हें इंसाफ नहीं दिला सके हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या पर बसपा नेता ने कहा कि जो पत्नी अपने घर से नहीं निकलती थी, वह आज अपने पति के इंसाफ की लड़ाई लड़ने दिल्ली आ गई.

ये भी पढ़ें : SC में चिदंबरम की दलील - CBI जेल में रखकर करना चाहती है अपमानित

लेखिका अरूंधति रॉय ने कहा आज हम कैसे हालात में आ गए हैं एक ऐसी सभा में हूं.. भीड़ ने तबरेज को मार डाला और पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. ऐसी मां के साथ बैठी हूं, जिसका बेटा तीन सालों से लापता है, मैं ऐसी बहन के साथ बैठी हूं, जिसकी बहन की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. इन सभी के परिवार वाले न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं.

तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि मैं अपने पति के इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही हूं और आज मैं इसके लिए झारखंड से दिल्ली आ गई. उन्होंने कहा अभी तक मुझे इंसाफ नहीं मिला है और मैं चाहती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी मुझे इंसाफ दिलाएं.

बता दें कि देश में मॉब लिंचिंग और अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ते अपराध को लेकर जेएनयू से गायब हुए छात्र नजीब अहमद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी और बेंगलुरु में मारी गई पत्रकार गौरी लंकेश को भी इंसाफ दिलाने के लिए उनके परिजनों समेत कई अन्य लोगों ने सरकार पर हमला बोला और इंसाफ की गुहार लगाई.

Intro:नई दिल्ली। आज ही के दिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का छात्र नजीब अहमद कैंपस हॉस्टल से गायब हो गया था, इस घटना के तीन वर्ष बाद भी नजीब की माँ फातिमा नफीस को उम्मीद है कि उनका बेटा फिर घर वापस आएगा। आज दिल्ली के जंतर मंतर पर उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बेटे को ढूंढने में सरकार गंभीर नहीं है।

फातमा नफीस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी से दिल्ली में चोरी हो जाती है तो पुलिस तुरंत चोरों को पकड़ लेती है लेकिन मेरे बेटे को गायब हुए 3 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक सुरक्षा एजेंसी किसी भी तरीके का सुरा पता नहीं लगा पाईं हैं।

इस केस में सीबीआई का कहना है कि वह नजीब अहमद के गायब होने की जांच बंद कर सकता है क्योंकि उसे इस मामले में कोई सबूत हाथ नहीं लगा है। वहीं नजीब की मां का आरोप है कि सीबीआई ने इस मामले में किसी भी तरीके की खोजबीन ही नहीं की तो जांच बंद करने की बात का सवाल ही नहीं उठता।


Body:देश में मॉब लिंचिंग और अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ते अपराध को लेकर जेएनयू से गायब हुए छात्र नजीब अहमद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी और बेंगलुरु में मारी गई पत्रकार गौरी लंकेश को भी इंसाफ दिलाने के लिए उनके परिजनों समेत कई अन्य लोगों ने सरकार पर हमला बोला और इंसाफ की गुहार लगाई।

बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली ने कहा कि या मेरे लिए शर्मनाक है कि मैं देश की सबसे बड़ी पंचायत का सदस्य है लेकिन फिर भी नजीब अहमद को 3 साल बाद भी इंसाफ नहीं दिला पाए। उन्होंने कहा कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बुलंदशहर में एक बड़ा नरसंहार होने से रोक दिया लेकिन हम उन्हें इंसाफ नहीं दिला पाए.... झारखंड में भीड़ द्वारा मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या पर बसपा नेता ने कहा कि जो पत्नी अपने घर से नहीं निकलती थी वह आज अपने पति के इंसाफ की लड़ाई लड़ने दिल्ली आ गई।


Conclusion:तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि मैं अपने पति के इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही हूँ और आज मैं झारखंड से इसके लिये दिल्ली आ गयी। उन्होंने कहा अभी तक मुझे इंसाफ नहीं मिला है और मैं चाहती हूं कि प्रधानमंत्री मोदी मुझे इंसाफ दिलाएं।
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