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भारत-जापान RCEP में एक साथ काम कर सकते हैं : प्रो. हर्ष पंत - ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक अनुसंधान प्रो हर्ष पंत

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक (अनुसंधान) प्रो. हर्ष पंत ने उम्मीद जाहिर की है कि भारत और जापान मिलकर बड़े व्यापार समझौते की तरफ बढ़ेंगे और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) में एक साथ काम कर सकते हैं.

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प्रो. हर्ष पंत से ईटीवी भारत की बातचीत.
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Published : Dec 9, 2019, 9:48 PM IST

नई दिल्ली : जापान लगातार कहता रहा है कि भारत के बिना वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल नहीं होगा. इस मसले पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक (अनुसंधान) प्रो. हर्ष पंत ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश बड़े व्यापार समझौते की तरफ बढ़ेंगे और RCEP में एक साथ काम कर सकते हैं. बता दें कि भारत ने पिछले महीने क्षेत्रीय व्यापार समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

प्रो. हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि जापान बहुत उत्सुक है कि भारत RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) में शामिल हो क्योंकि यह उम्मीद जतायी जा रही है कि अगर भारत इसमें शामिल नहीं होता तो चीन इस मेगा व्यापार सौदे का प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है.

गौरतलब है कि भारत ने नवंबर में यह कहते हुए आरसीईपी का हिस्सा होने से मना कर दिया था कि इससे उसके देश के बेहद गरीब लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. चीन ने कहा है कि बाकी 15 देशों ने समझौते में आगे बढ़ने का फैसला किया है और जब भारत इसके लिए तैयार हो जाएगा तो उसका आरसीईपी में स्वागत किया जाएगा.

इसके बाद जापान के एक वरिष्ठ वार्ताकार ने कहा था कि अगर भारत आरसीईपी समझौते में शामिल नहीं होता है तो जापान भी इससे परहेज करेगा.

पढ़ें-भारत के बिना कमजोर रहेगा RCEP : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राजनयिक

गौरतलब है कि जापानी पीएम शिंजो आबे 15 दिसंबर को तीन दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरे में आबे आरसीईपी मुद्दे पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं.

क्या है आरसीईपी समझौता?
आरसीईपी एक व्यापार समझौता है. यह सदस्य देशों को एक-दूसरे के साथ मुक्त व्यापार करने की सहूलियत प्रदान करता है.समझौते के अनुसार सदस्य देशों को आयात और निर्यात पर लगने वाला टैक्स (कर) या तो बिल्कुल नहीं भरना पड़ता है या बहुत ही कम भरना पड़ता है.

नई दिल्ली : जापान लगातार कहता रहा है कि भारत के बिना वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल नहीं होगा. इस मसले पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक (अनुसंधान) प्रो. हर्ष पंत ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश बड़े व्यापार समझौते की तरफ बढ़ेंगे और RCEP में एक साथ काम कर सकते हैं. बता दें कि भारत ने पिछले महीने क्षेत्रीय व्यापार समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

प्रो. हर्ष पंत ने ईटीवी भारत से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि जापान बहुत उत्सुक है कि भारत RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) में शामिल हो क्योंकि यह उम्मीद जतायी जा रही है कि अगर भारत इसमें शामिल नहीं होता तो चीन इस मेगा व्यापार सौदे का प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है.

गौरतलब है कि भारत ने नवंबर में यह कहते हुए आरसीईपी का हिस्सा होने से मना कर दिया था कि इससे उसके देश के बेहद गरीब लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. चीन ने कहा है कि बाकी 15 देशों ने समझौते में आगे बढ़ने का फैसला किया है और जब भारत इसके लिए तैयार हो जाएगा तो उसका आरसीईपी में स्वागत किया जाएगा.

इसके बाद जापान के एक वरिष्ठ वार्ताकार ने कहा था कि अगर भारत आरसीईपी समझौते में शामिल नहीं होता है तो जापान भी इससे परहेज करेगा.

पढ़ें-भारत के बिना कमजोर रहेगा RCEP : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राजनयिक

गौरतलब है कि जापानी पीएम शिंजो आबे 15 दिसंबर को तीन दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरे में आबे आरसीईपी मुद्दे पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं.

क्या है आरसीईपी समझौता?
आरसीईपी एक व्यापार समझौता है. यह सदस्य देशों को एक-दूसरे के साथ मुक्त व्यापार करने की सहूलियत प्रदान करता है.समझौते के अनुसार सदस्य देशों को आयात और निर्यात पर लगने वाला टैक्स (कर) या तो बिल्कुल नहीं भरना पड़ता है या बहुत ही कम भरना पड़ता है.

Intro:New Delhi: With Japan making it clear time and again that it won't participate in the Regional Comprehensive Economic Partnership without India, Observer Research Foundation's Director Research Prof Harsh Pant claimed that there is an expectation that both countries are likely to work together the mega trade deal.


Body:Sharing his views on ETV Bharat query, the ORF's Director Research said, "the Japanese are very keen that India joins the RCEP as there is an expectation that China might become a dominant player in the mega trade deal."

India had decided to opt out of the RCEP in November after it felt that its issues are not being addressed by other member states. Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal post India's decision to stay out of the mega trade deal claimed that India had raised maximum concerns keeping in mind its domestic traders.




Conclusion:The RCEP had become a headache for 10 crore dairy farmers who fear that their lives will be destroyed if Indian government signs the mega trade deal as New Zealand and Australia who are surplus in dairy products will flood Indian markets at a much cheaper rates.

During the first Tokoyo global dialogue, Japanese Foreign Minister Motegi Toshimitsu asserted that his administration will try to bring India back in the mega trade deal.

Meanwhile, there are expectations that during Japanese PM Shinzo Abe's visit to India from December 15 to 17, he is likely to raise RCEP issue with PM Modi.

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