पलक्कड़ : गर्भवती जंगली हथिनी की मौत के मामले में दोषी ने स्वीकार किया कि उसने जंगली सुअर के लिए विस्फोटक सामग्री भरा फल रखा था. आरोपी के बयान के अनुसार, गर्भवती हथिनी की मौत पटाखे भरे उस फल को चबाने की कोशिश की वजह से हुई.
हथिनी की मौत के आरोप में पुलिस ने चलिक्कल ओथुकुमपुरम एस्टेट की कोट्टोप्पड़म पंचायत में रबर टैपिंग का काम करने वाले कार्यकर्ता विल्सन को हिरासत में लिया था. पूछताछ में आरोपी विल्सन ने बताया कि हथिनी की मौत तब हुई, जब उसने विस्फोटक भरा फल चबाने की कोशिश की.
पुलिस पूछताछ में विल्सन ने बताया कि उसने जंगली सुअर का शिकार करने के लिए फल के अंदर पटाखा छिपाकर एक घोंप बनाया था. उसने कबूल किया कि सुअर को फंसाने के इरादे से उसने यह जाल बिछाया था.
जांच में यह भी पता चला कि विल्सन जंगली जानवरों के मांस को अवैध रूप से बेचने के काम में भी शामिल है.
विल्सन जिस एस्टेट में काम करता है, उसके मालिक अब्दुल करीम और उसका बेटा रियासुद्दीन भी इस मामले के आरोपी हैं. इन दोनों आरोपियों की खोज जारी है.
बता दें कि पुलिस को यहां विस्फोटक बनाने वाले उपकरण भी मिले. मामले से जुड़े अनय सबूत जुटाने के लिए विल्सन को उस जगह ले जाया गया, जहां उसने यह जाल बिछाया था.
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वन विभाग के अधिकारियों की मानें, तो हथिनी 12 मई को विस्फोटक से घायल हुई थी. विल्सन पर वन और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत विस्फोटक के अवैध कब्जे को लेकर मामला दर्ज किया गया है.
हथिनी की दर्दनाक मौत पर एक नजर...
केरल की साइलेंट वैली के जंगल में एक गर्भवती जंगली हथिनी मानव क्रूरता का उस वक्त शिकार हो गई, जब अपनी भूख मिटाने के लिए उसने एक फल खाने की कोशिश की. यह फल पटाखों से भरा हुआ था और जैसे ही हथिनी ने उसे खाने के लिए मुंह लगाया तो वह फट गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, कुछ स्थानीय निवासियों ने कथित तौर पर पटाखों से भरा फल जानबूझकर हथिनी को खाने के लिए दिया था.