नई दिल्ली/मिर्जापुर: सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को 26 घंटे का धरना खत्म कर दिया है.
बता दें कि कांग्रेस महासचिव के धरने के बाद शनिवार को सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे. प्रशासन ने सिर्फ दो लोगों को ही प्रियंका से मिलने की इजाजत दी थी.
पीड़ित परिवार की महिलाएं अपना दर्द बयां करते हुए रोने लगीं तो प्रियंका भी है गई. इसके बाद भावुक प्रियंका ने पीड़ितों के आंसू पोछे और उनको गला से लगा कर शांत कराया.
इससे पहले चुनार गेस्ट हाउस में पिछले कई घंटों से धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का धरना दिया. प्रियंका गांधी सोनभद्र में पीड़ित आदिवासी परिवारों से मिलने की मांग पर अड़ी रहीं.
जानकारी दे दें कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने के बाद से पिछले कई घंटों से धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह किसी भी सूरत में जमानत नहीं लेंगी क्योंकि उन्होंने कोई अनैतिक कार्य नहीं किया है.
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित चुनार गेस्ट हाउस में शनिवार की सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं. प्रियंका गांधी को शुक्रवार को नारायणपुर में पुलिस ने हिरासत में लिया था. वह सोनभद्र के गोलीबारी मामले के पीड़ितों से मिलने के लिए जा रही थीं.
उन्होंने यह भी कहा कि वह पीड़ित परिवारों से मिलकर ही जाएंगी चाहे उन्हें भले ही जेल में डाल दिया जाए.
क्या कहा प्रियंका ने
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आई हूं. जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी.
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उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है.' उन्होंने दावा किया, 'उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है. प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50 हजार की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सजा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ऊपर से ऑर्डर है.'
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'मैंने न कोई कानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है. मैंने सुबह से स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं. इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है.
'उन्होंने कहा, 'मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसके लिए तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाए. सरकार को जो उचित लगे वह करे.'
प्रियंका ने यह भी कहा कि 'अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं.' उधर, कांग्रेस ने कुछ वीडियो जारी कर दावा किया है कि प्रियंका को जिस गेस्टहाउस में रखा गया है वहां की बिजली काट दी गई है.
गौरतलब है कि प्रियंका को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया. वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी.
प्रियंका प्रशासन के इस कदम के विरोध में धरने पर बैठ गईं. बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. पिछले दिनों सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कथित रूप से दूसरे पक्ष पर गोलीबारी की, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.