लखनऊ : अवध के अंतिम शासक नवाब वाजिद अली शाह और और बेगम हजरत महल के परपोते प्रिंस कौकब कदर साजाद अली मिर्जा का निधन हो गया है. रविवार शाम कोलकाता में उन्होंने अंतिम सांस ली. वह वाजिद अली शाह और बेगम हजरत महल के परपोते थे. परिवार ने बताया कि 87 वर्षीय मिर्जा एक सप्ताह पहले जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
प्रिंस कौकब कदर साजाद अली मिर्जा के परिवार ने कहा कि 87 वर्षीय मिर्जा एक सप्ताह पहले जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और चार बेटियां हैं.
प्रिंस कौकब कदर साजाद अली मिर्जा के बेटे कामरान अली मिर्जा ने बताया कि 70 के दशक में कोलकाता के प्रतिष्ठित ग्रेट ईस्टर्न होटल के पाम कोर्ट से निकलने तक उनके पिता नेशनल बिलियर्ड्स और स्नूकर चैम्पियनशिप के मुख्य रेफरी बने रहे.
आईबीएसएफ विश्व स्नूकर चैम्पियनशिप की रोलिंग ट्रॉफी, एमएम बेग ट्रॉफी, उनके द्वारा डिजाइन की गई थी और आज तक यह विश्व चैम्पियनशिप की प्रतिष्ठित रोलिंग ट्रॉफी बनी हुई है.
वह कोलकाता के मटिआबुर्ज में सिब्तैनाबाद इमामबाड़ा ट्रस्ट के वरिष्ठ ट्रस्टी भी थे, जहां उनके परदादा नवाब वाजिद अली शाह की कब्र है.
प्रिंस मिर्जा ने वाजिद अली शाह के साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उर्दू में डॉक्टरेट किया था.
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उन्होंने उसी विश्वविद्यालय में अध्यापन का काम किया और 1993 में उर्दू के प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए.
प्रिंस मिर्जा बिलियर्ड्स एंड स्नूकर फेडरेशन ऑफ इंडिया, वेस्ट बंगाल बिलियडर्स एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश बिलियर्ड्स एंड स्नूकर एसोसिएशन के संस्थापक सचिव थे.
कामरान अली मिर्जा ने बताया कि उनके पिता का शोध इतना विशद और गहन था कि फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने फिल्म शतरंज के खिलाड़ी बनाते समय उनकी मदद ली.