नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सऊदी अरब की अध्यक्षता में आयोजित 15वें G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया. बैठक में '21वीं सदी में अवसरों के अनुभव' विषय पर चर्चा हुई.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने समूह-20 के कुशल कामकाज के लिए डिजिटल सुविधाओं को और विकसित करने की खातिर आईटी के क्षेत्र में भारत की विशषेज्ञता की पेशकश की.
पीएम ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयासों से कोरोना महामारी से जल्द उबरने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने समूह-20 में कोविड-19 महामारी को मानवता के इतिहास में बदलाव का अहम बिंदू करार देते हुए इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के सामने आई सबसे बड़ी चुनौती बताया.
इससे पहले सऊदी अरब के शाह सलमान ने शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत की और कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एकजुट प्रयासों की अपील की.
संक्रमण के कारण इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित हो रहा है, जहां विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि ऑनलाइन माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
शाह सलमान ने अपने संबोधन में कहा,'यह हमारा कर्तव्य है कि इस चुनौती के खिलाफ इस सम्मेलन में हम एकजुट हों और उम्मीद तथा पुन: भरोसे का संदेश दें.'
सऊदी अरब इस वर्ष जी-20 का अध्यक्ष है और इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जिसमें विश्व के सर्वाधिक संपन्न और सर्वाधिक विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश जैसे अमेरिका, चीन ,भारत , तुर्की, फ्रांस, ब्रिटेन, ब्राजील सहित अन्य देशों के नेता शिरकत कर रहे हैं.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शिखर सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं.