नईदिल्ली/ अबुधाबीः प्रधानमंत्री मोदी ने अरब अमीरात (यूएई) के अपने तीसरे यात्रा पर कहा कि दोनों देशो के द्विपक्षीय संबंध अब तक के अपने सबसे अच्छे दौर में है. दोनों देशों का रिश्ता चार साल में क्रेता-विक्रेता के रिश्ते से बढ़ कर विस्तृत रणनीतिक भागीदार का रूप ले चुका है.
उन्होंने यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने की दिशा में यूएई के रूप में एक मूल्यवान भागीदार मिला है.
मोदी तीन देशों की यात्रा के दौरान फ्रांस के बाद यहां पहुंचे. उन्होंने कहा, भारत ने 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जिसे हासिल किया जा सकता है.
हमने अगले पांच साल में करीब 1,700 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है. इसे हासिल करने के लिये सरकार घरेलू के साथ ही विदेशी निवेश को आकर्षित करने पर काम कर रही है.
मोदी ने कहा कि पिछले चार साल में यूएई की उनकी इस तीसरी यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के आवेग को बनाये रखने की दोनों देशों की भावना का पता चलता है.
उन्होंने कहा, हम आपसी फायदेमंद भागीदारी के जरिये पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने में यूएई को महत्वपूर्ण भागीदार मानते हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंधों का अब तक का यह सबसे अच्छा दौर है. भारत में विभिन्न क्षेत्रों में यूएई का निवेश लगातार बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अक्षय ऊर्जा, खाद्य, बंदरगाह, हवाईअड्डा, रक्षा विनिर्माण समेत कई अन्य क्षेत्र हैं जिनमें निवेश को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है. बुनियादी संरचना और आवास जैसे क्षेत्रों में यूएई का निवेश बढ़ रहा है.
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वित्त वर्ष 2018-19 में 60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ यूएई हमारा तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. हमारे देश की कई कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं. दोनों देश भारत में यूएई के 75 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता को अमल में लाने के लिये मिलकर काम कर रहे हैं.
(एक्सट्रा इनपुट-भाषा से)