मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है. महाराष्ट्र देश में सबसे प्रभावित राज्य है. मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या सरकार, प्रशासन और अन्य स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए चिंता का विषय है. ईटीवी भारत ने राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर, ठाणे में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए उठाए जा रहे विशेष कदमों पर जानकारी एकत्रित की.
- राज्य में सबसे अधिक मामले मुंबई में हैं. महानगर में संक्रमितों की कुल संख्या 85,326 हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,935 हो गई. मुंबई में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ कई मरीज अस्पतालों में बेड और एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने की समस्या से जूझ रहे थे. इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने हर वार्ड में वॉर रूम शुरू किए.
- वहीं पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम ने एक लाख एंटीजेन टेस्टिंग किट ली हैं और कोरोना जांच बढ़ाने पर जोर दिया है.
- इसके अलावा नासिक प्रशासन भी इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए जोरदार तैयारी का दावा कर रहा है. यहां नगरपालिका और जिला अस्पतालों के अलावा 28 निजी अस्पताल कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज कर रहे हैं.
- नागपुर में पहला कोरोना संक्रमित 11 मार्च को मिला था. हालांकि, कोविड-19 के कारण वैश्विक संकट को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने पहले से ही प्रभावी उपाय करना शुरू कर दिए थे. इसके नतीजा यह हुआ कि कोरोना नागपुर में ज्यादा नहीं फैला.
- ठाणे में कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत ज्यादा है. यहां पर नगर निगम रेड जोन के अंतर्गत आ गया है और नगर आयुक्त के ट्रांसफर के बाद भी नगर निगम क्षेत्र में कोरोना की स्थिति नहीं बदली है.
राज्य के अत्याधिक प्रभावित शहरों में सरकार और प्रशासन द्वारा की गई तैयारी :-
मुंबई
- मुंबई के हर वार्ड में वॉर रूम बनाया गया है.
- इसके अलावा कोरोना मामले की सूचना मिलते ही एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध होगी.
पुणे
- कोरोना वायरस के मरीजों के लिए स्वास्थ्य प्रशासन तैयार है. शहर में 500 आईसीयू सुविधाएं और 250 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
नासिक
- सरकारी अस्पतालों के साथ 28 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है.
- शहर के 28 निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए 1,576 बेड आरक्षित किए गए हैं.
नागपुर
- नागपुर के सरकारी अस्पताल में 600 बिस्तरों का एक वार्ड कोविड मरीजों के लिए तैयार है.
ठाणे
- कोरोनो वायरस रोगियों के बढ़ने के कारण प्रशासन असहाय हो गया है. अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी एक बड़ी चिंता है
- लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद आयुक्त के स्थानांतरण के बाद भी नगर निगम क्षेत्र में कोरोना की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.