नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है. वहीं हैदराबाद के निम्स अस्पताल के डॉक्टर सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ चयनित संस्थानों द्वारा ट्रायल की तैयारी की जा रही है. हालांकि वैक्सीन विकसित करने के लिए 12 में से केवल पांच क्लीनिकल साइटों को ही नैतिक समितियों द्वारा ट्रायल के लिए इजाजत दी गई है.
संबंधित नैतिक समितियों द्वारा अभी भी सात और क्लीनिकल साइटों को इजाजत मिलना बाकी है.
बता दें कि भारत बायोटेक ने एंटी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के ह्यूमन ट्रायल के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है. निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स), हैदराबाद में आज से यह पंजीकरण शुरू किया गया है. ट्रायल के लिए सहमति जताने वाले लोगों से NIMS अस्पताल के डॉक्टर नमूने एकत्र कर रहे हैं.
इन संस्थानों का चयन हुआ-
क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुने गए अन्य संस्थानों में ओडिशा के आईएमएस एंड एसयूएम हास्पिटल के अलावा, विशाखापत्तनम, रोहतक, नई दिल्ली, पटना, बेलगाम (कर्नाटक), नागपुर, गोरखपुर, कट्टानकुलतुर (तमिलनाडु), हैदराबाद, आर्य नगर, कानपुर (उत्तर प्रदेश) और गोवा में स्थित हैं.
भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस एंड एसयूएम हास्पिटल के एक अधिकारी ने बताया कि भारत के पहले कोरोना वायरस टीके के मानव क्लीनिकल ट्रायल के लिए इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस एंड एसयूएम हास्पिटल को चुना गया है.
बता दें कि इससे पहले बीते तीन जुलाई को देश की पहली एंटी कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सीन के 15 अगस्त तक आने का एलान किया गया था.
क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी
हैदराबाद
कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज के लिए विकसित की जा रही वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल शुरू हो रहा है. इसके लिए हैदराबाद में से NIMS अस्पताल के डॉक्टर सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. वहीं कंपनी द्वारा वैक्सीन के लिए ट्रायल के लिए रोहतक की पंडित बीडी शर्मा हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी को भी चुना गया था.
रोहतक
रोहतक से हैदराबाद भिजवाई वॉलिंटियर की सूची
2 जुलाई से विश्वविद्यालय को वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिली थी. जिसके बाद विश्वविद्यालय के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने वैक्सीन की ट्रायल की प्रक्रिया आरंभ कर दी. इसके पहले चरण में वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलिंटियर तैयार किए गए हैं. इन सभी वॉलिंटियर की सूची हैदराबाद भिजवा दी गई है.
विश्वविद्यालय को वैक्सीन मिलते ही इन पर चरणबद्ध तरीके से ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. ट्रायल के लिए बनाई गई डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व करने वाली कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डॉक्टर सविता वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वह और उनके सहयोगी इस कार्य में गंभीरता से लगे हुए हैं और एक-एक कदम सोच समझकर आगे बढ़ाया जा रहा है.
पटना
कोरोना संक्रमण से देश के बदले हालात के बीच आज एक बड़ी सुखद खबर आ रही है. पटना के एम्स में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल आज से शुरू हो जाएगा. हालांकि इसके लिए कितने मरीज और किस प्रकार के मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, फिलहाल एम्स प्रशासन इसका खुलासा नहीं किया है.
आईसीएमआर ने पटना एम्स सहित देशभर के 13 विशिष्ट अस्पतालों व चिकित्सकों का कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए चयन किया है. इसमें सभी चयनित संस्थानों को 7 जुलाई तक जरूरी प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए गए थे.
जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त से पहले वैक्सीन का मानव परीक्षण पूरा हो सकता है. अधिकारियों ने बताया था कि अगर परीक्षण हर चरण में सफल होता है तो 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी.
वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 का स्वदेशी टीका चिकित्सकीय उपयोग के लिए 15 अगस्त तक उपलब्ध कराने के मकसद से चुनिंदा चिकित्सकीय संस्थाओं और अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें.
गुजरात
खबर के अनुसार अहमदाबाद की एक कंपनी ZYDUS CADILA को क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली है.
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मौजूदा समय में क्लिनिकल परीक्षण के लिए 12 स्थलों की पहचान की गई है और आईसीएमआर ने चिकित्सकीय संस्थाओं एवं प्रमुख जांचकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विषय नामांकन सात जुलाई से पहले शुरू हो जाए.
भारत के पहले स्वदेशी संभावित कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को डीसीजीआई से मानव पर परीक्षण की हाल में अनुमति मिली है.
‘कोवैक्सीन’ को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है.
आईसीएमआर ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर स्वदेशी कोविड-19 टीका (बीबीवी152 कोविड वैक्सीन) विकसित किया है.