नबरंगपुर (ओडिशा) : कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे युद्ध में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता फ्रंटलाइन योद्धा बनकर आगे आए हैं. हर कोई इस महामारी से उत्पन्न चुनौती का सामना करने के लिए ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहा है.
इस बीच ओडिशा की एक गर्भवती नर्स भी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रही है. दरअसल, नबरंगपुर शहर की स्टाफ नर्स मीनाक्षी सुना, अपनी गर्भावस्था के सातवें महीने में है और बिना छुट्टी लिए मरीजों की सेवा कर रही हैं.
नबरंगपुर के मुख्य जिला अस्पताल में कार्यरत मीनाक्षी अपने परिवार को भूलकर चौबीसों घंटे मरीजों की देखभाल में जुटी है. मिनाक्षी ऐसे समय में मरीजों की सेवा कर रही है जब उसे अधिकतम आराम की जरूरत है. हालांकि उसके वरिष्ठों ने उसे छुट्टी लेने को कहा लेकिन मीनाक्षी फिर भी काम कर रही है.
मीनाक्षी का कहना है कि इस महामारी के दौरान रोगियों का देखभाल करना मेरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है. मुझे नर्स होने पर गर्व है. इस तथ्य के बावजूद कि स्टाफ नर्सों को दूसरों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है, उसने मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अपने कर्तव्य के रूप में स्वीकार किया.