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भारत का इतिहास दोबारा लिखा जाना चाहिए: केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी

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Published : Sep 13, 2019, 2:47 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:15 AM IST

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप सारंगी ने कहा है कि माना जाता है आर्य और द्रविड़ बाहरी हैं, ऐसा गलत है. भारतीय इतिहास अंग्रेजों के अनुरूप लिखा गया है और इसे दोबारा लिखने की आवश्यकता है. पढ़ें विस्तार से और क्या कहा...

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप सारंगी

भुवनेश्वर: केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि भारतीय इतिहास अंग्रेजों के अनुरूप लिखा गया है और इसे दोबारा लिखने की आवश्यकता है.

दरअसल केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और एमएसएमई राज्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि आर्य लोग कैस्पियन सागर क्षेत्र से आए थे. यह भी कहा जाता है कि आर्य और द्रविड़ बाहरी हैं. इसका कोई सबूत नहीं है कि आर्यन और द्रविड़ दो अलग-अलग नस्लें हैं. अंग्रजों ने अपने साम्राज्य को मजबूत करने के लिए स्वयं के अनुसार इतिहास को लिखा.'

ओडिशा के बालासोर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार निर्वाचित सांसद सारंगी ने कहा कि हिंदुओं और सिखों के बीच खाई पैदा की गई, उत्तरी और दक्षिणी भारत में भाषाओं के आधार पर अंतर पैदा करने की कोशिश की गई.

उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत है कि सिख और हिंदू दो अलग-अलग समुदाय हैं. गुरु नानक देव एक हिंदू थे, उन्होंने बाद में सिख धर्म की स्थापना की.'

बकौल सारंगी, 'उत्तरी और दक्षिणी भारत की भाषाओं में समानताएं हैं. हर भारतीय भाषाएं संस्कृत से ली गई हैं.'

पढ़ें- ना मकान, ना परिवार...साइकिल पर चलने वाले ओडिशा के 'मोदी' भी बने मंत्री

सारंगी ने यह भी बताया कि ये सब गलत तथ्य हैं, गलत कल्पनाएं हैं.

इतिहासकारों को आड़े हाथ लेते हुए षड़ंगी ने कहा कि जो लोग भारत के बारे में 'कुछ भी नहीं जानते थे', उन्हें अंग्रेजों द्वारा ऐसी चीजें लिखने के लिए पैसा दिया जाता था.

केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि वर्तमान सरकार आवश्यक परिवर्तन करने का प्रयास कर रही है.

भुवनेश्वर: केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि भारतीय इतिहास अंग्रेजों के अनुरूप लिखा गया है और इसे दोबारा लिखने की आवश्यकता है.

दरअसल केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और एमएसएमई राज्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि आर्य लोग कैस्पियन सागर क्षेत्र से आए थे. यह भी कहा जाता है कि आर्य और द्रविड़ बाहरी हैं. इसका कोई सबूत नहीं है कि आर्यन और द्रविड़ दो अलग-अलग नस्लें हैं. अंग्रजों ने अपने साम्राज्य को मजबूत करने के लिए स्वयं के अनुसार इतिहास को लिखा.'

ओडिशा के बालासोर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार निर्वाचित सांसद सारंगी ने कहा कि हिंदुओं और सिखों के बीच खाई पैदा की गई, उत्तरी और दक्षिणी भारत में भाषाओं के आधार पर अंतर पैदा करने की कोशिश की गई.

उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत है कि सिख और हिंदू दो अलग-अलग समुदाय हैं. गुरु नानक देव एक हिंदू थे, उन्होंने बाद में सिख धर्म की स्थापना की.'

बकौल सारंगी, 'उत्तरी और दक्षिणी भारत की भाषाओं में समानताएं हैं. हर भारतीय भाषाएं संस्कृत से ली गई हैं.'

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सारंगी ने यह भी बताया कि ये सब गलत तथ्य हैं, गलत कल्पनाएं हैं.

इतिहासकारों को आड़े हाथ लेते हुए षड़ंगी ने कहा कि जो लोग भारत के बारे में 'कुछ भी नहीं जानते थे', उन्हें अंग्रेजों द्वारा ऐसी चीजें लिखने के लिए पैसा दिया जाता था.

केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि वर्तमान सरकार आवश्यक परिवर्तन करने का प्रयास कर रही है.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 11:15 AM IST
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