कोलकाता: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोगों को आगाह किया कि सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय सावधान रहें. उन्होंने तथ्यों की जांच के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रिंट पत्रकारिता का पाठकों के बीच गहरा प्रभाव है. मुखर्जी ने कोलकाता में एक मीडिया पुरस्कार कार्यक्रम में यह बात कही.
भारत रत्न से सम्मानित मुखर्जी ने कहा, 'कई सामाजिक और सांप्रदायिक तनावों की जड़ें सोशल मीडिया पर शरारती लोगों द्वारा साझा की गईं अफवाहों में मिली हैं. यहां तक कि वे लोग जो नादानी में ऐसी पोस्ट शेयर करते हैं वे भी शरारत का हिस्सा बन जाते हैं.'
मुखर्जी ने प्रिंट मीडिया में खासा भरोसा होने की बात कहते हुए वहां मौजूद पत्रकारों को बताया कि जब भी वह समाचार पत्र पढ़ते हैं तो निश्चिंत होते हैं कि खबर संपादित और सत्यापित की गई होगी, सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में ऐसा नहीं होता है.
उन्होंने कहा, 'इसलिये हमें सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय बेहद सावधान होने की जरूरत है.'
मीडिया पुरस्कार समारोह में पीटीआई के फोटो पत्रकारों स्वपन महापात्रा और अशोक भौमिक को क्रमश: फीचर में सर्वश्रेष्ठ फोटो पत्रकार और समाचार में सर्वश्रेष्ठ फोटो पत्रकार के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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इसके अलावा तमागना बनर्जी (टाइम्स ऑफ इंडिया) श्याम गोपाल राय (एई समय) विशाल श्रेष्ठ (दैनिक जागरण) को भी पुरस्कार से नवाजा गया.
वरिष्ठ पत्रकार मनोजीत मित्रा को 'सुमित सेन मेमोरियल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया.