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जनमत संग्रह के बयान पर माफी मांगें ममता : जावड़ेकर - सीएए पर ममता का बयान

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ममता बनर्जी का जनमत संग्रह वाला बयान निंदनीय है. उन्होंने देश की जनता का अपमान किया है. उन्हें देश से मांफी मांगनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रकाश जावेडकर
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Published : Dec 20, 2019, 6:46 PM IST

नई दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर जनमत संग्रह कराने के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव की निंदा करते हुए कहा है कि उन्हें इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

जावडेकर ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अवैध घुसपैठ को रोकने का समर्थन करते हुए पूरा देश सीएए के पक्ष में है, वहीं कुछ लोग देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, 'एक बहुत ही खराब सुझाव बनर्जी की तरफ से आया है, इसमें जनमत संग्रह की बात कही गई है.'

उन्होंने कहा, 'देश की जनता ने संसद को चुना और संसद ने सीएए पारित किया है. संसद द्वारा पारित कानून पर संयुक्त राष्ट्र की किसी संस्था को जनमत संग्रह कराने का अख्तियार कैसे हो सकता है. इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है.'

प्रेस कांफ्रेंस करते प्रकाश जावडेकर

जावड़ेकर ने कहा, 'संसद से बड़ा फोरम देश में और कोई नहीं है. इससे पहले किसी मुख्यमंत्री ने ऐसी बात नहीं कही. देश इस बात से व्यथित है. यह देश की 130 करोड़ जनता का अपमान है. इसलिए बनर्जी का बयान निंदनीय है और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.'

उन्होंने सीएए के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कानून में भारत, पाकिस्तान और बांगलादेश में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार छह अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता का प्रावधान किया है. जावड़ेकर ने दलील दी कि सीएए का दूसरा मकसद अवैध घुसपैठियों को रोकना है, क्योंकि दुनिया का कोई भी देश घुसपैठियों को स्वीकार नहीं कर सकता है. सीएए में यही दो मुद्दे हैं, दूसरा कोई मुद्दा नहीं है.

पढ़ें : ममता की मांग- CAA और NRC पर यूएन की निगरानी में हो जनमत संग्रह

जावड़ेकर ने कहा, 'यह प्रावधान पहली बार नहीं किया गया है. इससे पहले 2003 में अटल जी की सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया था और 2005 में मनमोहन सिंह सरकार में भी इस प्रावधान को आगे जारी रखने के लिए विस्तार दिया गया.

उन्होंने कहा, 'वर्तमान सरकार ने सीएए को विस्तार दिया है. यह किसी को देश से निकालने का नहीं बल्कि लोगों को शामिल करने का विषय है. इसलिए हमारी लोगों से अपील है कि गुमराह न हों, हिंसा न करें, देश की एकता मजबूत है.'

नई दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर जनमत संग्रह कराने के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव की निंदा करते हुए कहा है कि उन्हें इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

जावडेकर ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अवैध घुसपैठ को रोकने का समर्थन करते हुए पूरा देश सीएए के पक्ष में है, वहीं कुछ लोग देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, 'एक बहुत ही खराब सुझाव बनर्जी की तरफ से आया है, इसमें जनमत संग्रह की बात कही गई है.'

उन्होंने कहा, 'देश की जनता ने संसद को चुना और संसद ने सीएए पारित किया है. संसद द्वारा पारित कानून पर संयुक्त राष्ट्र की किसी संस्था को जनमत संग्रह कराने का अख्तियार कैसे हो सकता है. इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है.'

प्रेस कांफ्रेंस करते प्रकाश जावडेकर

जावड़ेकर ने कहा, 'संसद से बड़ा फोरम देश में और कोई नहीं है. इससे पहले किसी मुख्यमंत्री ने ऐसी बात नहीं कही. देश इस बात से व्यथित है. यह देश की 130 करोड़ जनता का अपमान है. इसलिए बनर्जी का बयान निंदनीय है और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.'

उन्होंने सीएए के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कानून में भारत, पाकिस्तान और बांगलादेश में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार छह अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता का प्रावधान किया है. जावड़ेकर ने दलील दी कि सीएए का दूसरा मकसद अवैध घुसपैठियों को रोकना है, क्योंकि दुनिया का कोई भी देश घुसपैठियों को स्वीकार नहीं कर सकता है. सीएए में यही दो मुद्दे हैं, दूसरा कोई मुद्दा नहीं है.

पढ़ें : ममता की मांग- CAA और NRC पर यूएन की निगरानी में हो जनमत संग्रह

जावड़ेकर ने कहा, 'यह प्रावधान पहली बार नहीं किया गया है. इससे पहले 2003 में अटल जी की सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया था और 2005 में मनमोहन सिंह सरकार में भी इस प्रावधान को आगे जारी रखने के लिए विस्तार दिया गया.

उन्होंने कहा, 'वर्तमान सरकार ने सीएए को विस्तार दिया है. यह किसी को देश से निकालने का नहीं बल्कि लोगों को शामिल करने का विषय है. इसलिए हमारी लोगों से अपील है कि गुमराह न हों, हिंसा न करें, देश की एकता मजबूत है.'

Intro:New Delhi: The Union Minister of Environment, Prakash Javadekar slammed Mamta Banerjee over her statement of asking a United Nations monitored referendum on the Citizenship Amendment Act (CAA) and National Register of Citizens. He also seeks an apology from the West Bengal Chief Minister for her remark.


Body:"I am surprised with Mamta Banerjee's referendum demand. It is shocking, no one has given such statements till now. This bill has been approved by both the houses. Her remark is an insult to 130 crore Indians and she should apologize for that," said the Union Minister.

When asked about the nationwide protests against CAA, Javadekar reiterated that citizens need not to fear from CAA. He assured that the exercise of NRC would be so soomth that no Indian citizen would be deprived of having Citizenship.

"The provision of CAA is straight and simple, just to provide Citizenship to people, from six religious minorities, living here who were migrated from Afghanistan, Bangladesh and Pakistan," said the Minister.

He also said that NRC is not happening for the first time in our country and also appealed to the people for not spreading violence after getting influenced by misinformation.


Conclusion:However, protests are continuously going on all over the country and section 144 remains imposed in various parts of the country including the national capital. Internet services have also been suspended across many areas.
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