नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी जिससे अब 20 साल के लिए लाइसेंस जारी किए जा सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं को बताा कि दिशा-निर्देशों में संशोधन करने से डीटीएच क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा.
उन्होंने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने डीटीएच क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेश निवेश की बात कही थी लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा था, अत: इन दिशा निर्देशों में सुधार की जरूरत थी.
जावड़ेकर ने बताया कि दिशा-निर्देशों में संशोधन से अब इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेश निवेश हो सकेगा. अब तक इस क्षेत्र में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेश निवेश हो सकता था.
मंत्रालय के अनुसार, इन संशोधनों से डीटीएच के लिये लाइसेंस वर्तमान 10 वर्ष की बजाए अब 20 वर्ष की अवधि के लिये जारी किये जायेंगे.
लाइसेंस शुल्क वर्तमान वार्षिक आधार के स्थान पर अब त्रैमासिक आधार पर एकत्र किया जायेगा. इसके अलावा डीटीएच संचालकों को उनके द्वारा दिखाये जाने वाले कुल अनुमति प्राप्त प्लेटफार्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 प्रतिशत के संचालन की अनुमति दी जायगी.
ये भी पढ़ें: 50 लाख रुपये मासिक अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक प्रतिशत जीएसटी नकद भरना होगा