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धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल का पहला तेल एवं गैस रिजर्व देश को समर्पित किया - Pradhan inaugurates first oil and gas reserve

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में राज्य के पहले तेल एवं गैस रिजर्व का उद्घाटन किया गया. इसका उद्घाटन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया.

oil and gas
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Published : Dec 20, 2020, 7:43 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 10:19 PM IST

अशोकनगर (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक तेल एवं गैस उत्पादन फील्ड रविवार को देश को समर्पित किया. यह राज्य में पहला तेल एवं गैस रिजर्व है.

तेल एवं गैस उत्पादन फील्ड का उद्घाटन

प्रधान ने कहा कि कोलकाता से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित पेट्रोलियम रिजर्व से उत्पादन शुरू हो गया है और निकाले जा रहे तेल को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) की हल्दिया रिफाइनरी भेजा जा रहा है.

उन्होंने परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'अशोकनगर तेल एवं गैस रिजर्व से उत्पादन शुरू होने के साथ ही पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां तेल निकाला जाता है.'

राज्य में तेल एवं गैस का पहला रिजर्व 2018 में खोजा गया था.

उन्होंने कहा कि महानदी-बंगाल-अंडमान (एमबीए) बेसिन के अंतर्गत आने वाला अशोकनगर फील्ड व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने अशोकनगर तेल क्षेत्र की खोज के लिए 3,381 करोड़ रुपये खर्च किए. उन्होंने कहा कि कंपनी ओपन एक्रियेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएलएपी) के तहत दो और कुओं की खोज करेगी.

मंत्री ने कहा कि अशोकनगर रिजर्व में खोजा गया कच्चा तेल उच्च गुणवत्ता का है.

उन्होंने कहा कि तेल क्षेत्र से वाणिज्यिक उत्पादन होने से पश्चिम बंगाल के राजस्व में वृद्धि होगी और राज्य में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि यह भारत का आठवां हाइड्रोकार्बन उत्पादन करने वाला बेसिन होगा और ओएनजीसी ने सरकार के परियोजना को जल्द अमल में लाने की योजना के तहत तेल उत्पादन शुरू करके इस दिशा में कदम उठाया है.

केंद्र ने हाइड्रोकार्बन परियोजना को व्यावसायिक रूप से शुरू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.

पढ़ें :- तेल की बढ़ती कीमतों से थम सकती है अर्थव्यवस्था की रफ्तार

हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने कहा था कि कंपनियां खोजे गए किसी भी तेल एवं गैस क्षेत्र से क्षेत्र विकास योजना के लिए सरकारी अनुमोदन और अन्य नौकरशाही प्रक्रियाओं के बिना वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर सकती हैं.

प्रधान ने कहा, 'यह परियोजना 2022 तक तेल आयात को 10 प्रतिशत कम करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम होगा.'

उन्होंने स्थानीय लोगों से तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज के काम के लिए महारत्न पीएसयू के साथ सहयोग करने का आग्रह किया और कहा कि वे परियोजना से लाभान्वित होंगे.

इस अवसर पर ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर कंपनी के अन्य निदेशकों के साथ मौजूद थे.

अशोकनगर (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक तेल एवं गैस उत्पादन फील्ड रविवार को देश को समर्पित किया. यह राज्य में पहला तेल एवं गैस रिजर्व है.

तेल एवं गैस उत्पादन फील्ड का उद्घाटन

प्रधान ने कहा कि कोलकाता से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित पेट्रोलियम रिजर्व से उत्पादन शुरू हो गया है और निकाले जा रहे तेल को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) की हल्दिया रिफाइनरी भेजा जा रहा है.

उन्होंने परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'अशोकनगर तेल एवं गैस रिजर्व से उत्पादन शुरू होने के साथ ही पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां तेल निकाला जाता है.'

राज्य में तेल एवं गैस का पहला रिजर्व 2018 में खोजा गया था.

उन्होंने कहा कि महानदी-बंगाल-अंडमान (एमबीए) बेसिन के अंतर्गत आने वाला अशोकनगर फील्ड व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने अशोकनगर तेल क्षेत्र की खोज के लिए 3,381 करोड़ रुपये खर्च किए. उन्होंने कहा कि कंपनी ओपन एक्रियेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएलएपी) के तहत दो और कुओं की खोज करेगी.

मंत्री ने कहा कि अशोकनगर रिजर्व में खोजा गया कच्चा तेल उच्च गुणवत्ता का है.

उन्होंने कहा कि तेल क्षेत्र से वाणिज्यिक उत्पादन होने से पश्चिम बंगाल के राजस्व में वृद्धि होगी और राज्य में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि यह भारत का आठवां हाइड्रोकार्बन उत्पादन करने वाला बेसिन होगा और ओएनजीसी ने सरकार के परियोजना को जल्द अमल में लाने की योजना के तहत तेल उत्पादन शुरू करके इस दिशा में कदम उठाया है.

केंद्र ने हाइड्रोकार्बन परियोजना को व्यावसायिक रूप से शुरू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.

पढ़ें :- तेल की बढ़ती कीमतों से थम सकती है अर्थव्यवस्था की रफ्तार

हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने कहा था कि कंपनियां खोजे गए किसी भी तेल एवं गैस क्षेत्र से क्षेत्र विकास योजना के लिए सरकारी अनुमोदन और अन्य नौकरशाही प्रक्रियाओं के बिना वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर सकती हैं.

प्रधान ने कहा, 'यह परियोजना 2022 तक तेल आयात को 10 प्रतिशत कम करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम होगा.'

उन्होंने स्थानीय लोगों से तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज के काम के लिए महारत्न पीएसयू के साथ सहयोग करने का आग्रह किया और कहा कि वे परियोजना से लाभान्वित होंगे.

इस अवसर पर ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर कंपनी के अन्य निदेशकों के साथ मौजूद थे.

Last Updated : Dec 20, 2020, 10:19 PM IST
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