पणजी : ‘जी-20’ और ‘जी-7’ में भारत के पक्ष को मजबूती के साथ रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने गोवा में खनन उद्योग पर निर्भर परिवारों से मुलाकात करने के बाद कहा कि तटीय राज्य में खनन बहाली की मांग पर सहानुभूतिपूर्ण तरीके से विचार करना चाहिए.
प्रभु ने पणजी में सोमवार को पत्रकारों से कहा कि खनन मुद्दे के दो पहलू हैं. पहला उस पर निर्भर कर्मचारी और दूसरा खदान के मालिकों से जुड़ा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘खनन मुद्दे से सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटा जाना चाहिए. हमें यह देखना होगा कि खनन उद्योग पर निर्भर लोगों के लिए इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जाए.’
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सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किए थे पट्टे
उच्चतम न्यायालय द्वारा 2018 में वास्को शहर में 88 खनन पट्टे रद्द करने के बाद बेरोजगार हुए लोगों के परिवारों से सोमवार को प्रभु ने मुलाकात की थी. उन्होंने कहा, ‘खनन उद्योग पर निर्भर परिवारों की स्थिति बेहद खराब है.’
इससे पहले, प्रभु ने खनन गतिविधि को फिर से शुरू करने के लिए गोवा के प्रतिनिधिमंडलों के साथ नई दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात भी की थी.