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गुजरात के गृह राज्य मंत्री का दावा- सोनिया के कहने पर हटाया गया था पोटा

गुजरात के गृहमंत्री राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि भाजपा द्वारा 2002 में लाए गए आतंकवाद निरोधी अधिनियम (पोटा) को हटाने का निर्णय कांग्रेस ने लिया था क्योंकि सोनिया गांधी के मन में आतंकवादियों के लिए सहानुभूति थी.

सोनिया गांधी
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Published : Mar 11, 2020, 10:13 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून-2002 (पोटा) को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आग्रह पर यूपीए सरकार द्वारा हटाया गया था.

जडेजा ने आरोप लगाया कि भाजपानीत एनडीए सरकार द्वारा 2002 में लागू किए गए आतंकवाद निरोधी अधिनियम (पोटा) को हटाने का निर्णय 2004 में यूपीए सरकार ने इसलिए लिया था कि सोनिया गांधी के मन में आतंकवादियों के लिए सहानुभूति थी.

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुजरात आतंकवाद नियंत्रण और संगठित अपराध अधिनियम (जीसीटीओसी) संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए जडेजा ने कहा कि पोटा को सोनिया गांधी के आग्रह पर निरस्त किया गया था क्योंकि उनके मन में आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति थी.

उन्होंने कहा कि चूंकि आपने पोटा निरस्त किया था, इसलिए नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए राज्य में जीसीटीओसी लाना पड़ा.

जडेजा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने उनसे सबूत पेश करने की मांग की.

पढ़ें : भाजपा से मेरी नाराजगी की खबरें निरर्थक और निराधार : प्रभात झा

चावड़ा ने कहा, 'यह कोई जनसभा नहीं है. आप कह कर रहे हैं कि यह सोनिया गांधी के आग्रह पर हुआ. आपको अपने कथन के समर्थन में सबूत दिखाना चाहिए अन्यथा सदन के अध्यक्ष को आप पर कार्रवाई करनी चाहिए.'

विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने चावड़ा से सहमति जताई और जडेजा को सबूत पेश करने को कहा है.

अहमदाबाद : गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून-2002 (पोटा) को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आग्रह पर यूपीए सरकार द्वारा हटाया गया था.

जडेजा ने आरोप लगाया कि भाजपानीत एनडीए सरकार द्वारा 2002 में लागू किए गए आतंकवाद निरोधी अधिनियम (पोटा) को हटाने का निर्णय 2004 में यूपीए सरकार ने इसलिए लिया था कि सोनिया गांधी के मन में आतंकवादियों के लिए सहानुभूति थी.

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुजरात आतंकवाद नियंत्रण और संगठित अपराध अधिनियम (जीसीटीओसी) संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए जडेजा ने कहा कि पोटा को सोनिया गांधी के आग्रह पर निरस्त किया गया था क्योंकि उनके मन में आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति थी.

उन्होंने कहा कि चूंकि आपने पोटा निरस्त किया था, इसलिए नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए राज्य में जीसीटीओसी लाना पड़ा.

जडेजा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने उनसे सबूत पेश करने की मांग की.

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चावड़ा ने कहा, 'यह कोई जनसभा नहीं है. आप कह कर रहे हैं कि यह सोनिया गांधी के आग्रह पर हुआ. आपको अपने कथन के समर्थन में सबूत दिखाना चाहिए अन्यथा सदन के अध्यक्ष को आप पर कार्रवाई करनी चाहिए.'

विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने चावड़ा से सहमति जताई और जडेजा को सबूत पेश करने को कहा है.

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