देहरादून : एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) ने साल 2017 के राज्यवार अपराध का आंकड़ा जारी कर दिया है. आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड ऐसे राज्यों में से एक है, जहां अपराध का आंकड़ा बहुत कम है.
उत्तराखंड राज्य अपराध के मद्देनजर देशभर में घटित क्राइम घटनाओं के मामले में न्यूनतम से चौथे स्थान पर है. जबकि माल बरामदगी के मामले में उत्तराखंड राजस्थान के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं, माल बरामदगी के मामले में तमिलनाडु पहले स्थान पर है.
उत्तराखंड में साल 2017 में भारतीय दंड संहिता के तहत कुल 12889 मुकदमे दर्ज किये गये. जोकि जनसंख्या के आधार पर 119.3 अपराध प्रतिशत है.
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय का दावा है कि कुछ कथित अखबारों द्वारा उत्तराखंड राज्य में अपराध की वृद्धि को दर्शाते हुए कुल 28861 मुकदमे दर्ज होने की बात कही गई है.
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में आईपीसी के तहत 10868 और साल 2017 में 12889 मामले दर्ज किये गये हैं. शेष 15972 मुकदमे निरोधात्मक कार्रवाई करने वाले संबंधित मामले हैं, जोकि अपराध नहीं बल्कि अंकुश लगाने के तहत आता है.
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बता दें कि चोरी और लूटी गई सम्पत्ति की बरामदगी के मामले में उत्तराखंड राज्य दूसरे स्थान पर है, जबकि तमिलनाडु पहले स्थान पर है.
एनसीआरबी द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक देशभर में चोरी व लूटी गई सम्पत्ति का बरामदगी का राष्ट्रीय औसत कुल 28.6% है, जबकि अकेले उत्तराखंड राज्य का औसत 52.7 प्रतिशत है.
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस साल कुल चोरी और लूटी गई सम्पत्ति का आंकलन मूल्य 15.5 करोड़ का था, जबकि पुलिस वर्कआउट में कुल बरामद की गई सम्पत्ति का ब्यौरा 8.2 करोड़ है.
उत्तराखंड राज्य सम्पत्ति बरामदगी के मामले में देशभर में दूसरे स्थान पर है. वहीं उत्तर प्रदेश केस वर्कआउट और माल बरामदगी के मामलें में 34.2 प्रतिशत के साथ 12वें स्थान पर है.
उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक चुनाव के दौरान अपराधिक व असामाजिक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई आवश्यक है. ऐसे में 15972 मुकदमे इसी निरोधात्मक कार्रवाई के तहत दर्ज किये गये हैं.
कार्रवाई के तहत आबकारी अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट और गुंडा एक्ट जैसे मामलों पर पुलिस अतिरिक्त मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाती है. ताकि अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.
वहीं, साल 2017 के एनसीआरबी के आकंड़ों को लेकर डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने संतुष्टि जताई है.
अशोक कुमार ने कहा कि छोटे अपराधों को वर्कआउट करने और माल बरामदगी के मामले में 52.7 प्रतिशत के साथ उत्तराखंड राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे पायदान पर है जबकि साल 2018 में उत्तराखंड पुलिस द्वारा केस वर्कआउट और माल बरामदगी का प्रतिशत 65 फीसदी पहुंच चुका है, जो देश के टॉप पुलिसिंग के तहत गिना जाता है.
उत्तराखंड में लगातार बढ़ते साइबर क्राइम के मामले को लेकर अशोक कुमार ने कहा कि साइबर क्राइम देश दुनिया का उभरता क्राइम है.
साइबर क्राइम अपराध के संबंध में उत्तराखंड पुलिस लगातार साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करने के साथ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर रही है, जिस कारण साइबर अपराध की संख्या पहले से ज्यादा दिख रही है.