नई दिल्ली : कांग्रेस जहां कोरोना वायरस संकट के दौरान नीट और जेईई परीक्षाएं कराने का विरोध कर रही है और इन परीक्षाओं को स्थगित कराने की मांग को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन को छात्रों के साथ खिलवाड़ बता रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और अन्य दल जो अलग-अलग राज्यों में इस परीक्षा का विरोध कर रहे हैं, वह छात्रों के हितैषी नहीं बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
भाजपा ने दलील दी है कि कोरोना के कारण अगर सेना के जवान यह कहें कि वह ड्यूटी नहीं करेंगे तो देश कैसे चलेगा. अगर डॉक्टर यह कहें कि वह इलाज करेंगे तो उन्हें कोरोना हो जाएगा तो ऐसे मरीजों का इलाज कैसे होगा. बड़ी संख्या में पुलिस कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं तो वह अपनी ड्यूटी करना छोड़ दें तो देश कैसे चलेगा, इसलिए कांग्रेस को इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस बेवजह राजनीति कर रही है. यह कोई राजनीति का विषय नहीं है, छात्रों के भविष्य से जुड़ा विषय है और इस पर राजनीतिक दलों को राजनीति नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं करनी चाहिए. धरना प्रदर्शन से परीक्षा नहीं टलती है, शैक्षणिक संस्थाओं को अपना काम करने देना चाहिए. यह भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि जो इस संक्रमण काल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वह क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं. वह क्या बताना चाहते हैं इससे विद्यार्थी संक्रमित हो सकते हैं.
कांग्रेस के तमाम आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें करना कहीं से भी छात्र के हित में नहीं है. सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं. एक हॉल में सिर्फ 12 छात्रों को बैठाया जाएगा. अगर छात्र समय पर परीक्षा नहीं देंगे तो पूरी चेन बिगड़ जाएगी और आगे इसका असर बहुत बुरा पड़ेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सावधानियों के साथ सरकार इन परीक्षाओं को आयोजित करने जा रही है और इसमें राजनीति करना और इस तरह की बात करना न्यायसंगत नहीं है.
वहीं, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों की दलील है कि ऐसे समय में जब कोरोना काल चल रहा है, परीक्षार्थियों को संक्रमण का खतरा है और वह परीक्षा सेंटर पर जाकर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं.
हालांकि, इस मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पहले ही यह बात कही थी कि विद्यार्थियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा और एक हॉल में सीमित संख्या में छात्रों के बैठने का इंतजाम किया जाएगा तथा तमाम ऐसे गाइडलाइंस तैयार किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को संक्रमण न हो.