तिरुवनंतपुरम : केरल में ईसाई समुदाय जैकोबाइट्स को उस समय पुलिस ने रोक लिया जब वे एक चर्च में प्रवेश कर रहे थे. जैकोबाइट चर्च के महानगरीय ट्रस्टी मार ग्रेगोरियस के नेतृत्व में लोगों ने मूलंथुरथि चर्च के सामने विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि उन्हें चर्च में प्रवेश करने से रोक दिया गया था.
जैकोबाइट के कई अनुनायियों ने पिरावोम चर्च पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन में भी भाग लिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई के इन लोगों को वापस भेजने की कोशिश की. वहीं, रूढ़िवादी (Orthodox) गुट का कहना है कि वह चर्च में विश्वास रखने वालों का स्वागत करता है.
इसके साथ ही इस गुट ने कहा कि जैकोबाइट के पुजारियों को किसी भी कीमत पर चर्च में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अभी करीब तीन महीन पहले अगस्त, 2020 में केरल के विवादित मूलंथुरथि मैरोमन चर्च को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं जेकोबाइट गिरजाघर ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की थी.
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दिलचस्प है कि ऑर्थोडॉक्स धड़े ने कानूनी में लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से साल 2017 में ही कोठामंगलम मारथोमा चर्च पर अधिकार हासिल किया है.
100 साल पुराना विवाद
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2019 में भी जैकोबाइट धड़े ने कोठामंगलम मारथोमा चर्च में प्रवेश को लेकर ऑर्थोडॉक्स धड़े के लोगों का विरोध किया था. जैकोबाइट धड़े ने कोर्ट के फैसले को न मानते हुए ऑर्थोडॉक्स व उनके समर्थकों के चर्च में घुसने का विरोध किया था. दोनों धड़े के बीच का यह विवाद 100 वर्षों से अधिक पुराना बताया जाता है.
पिरावोम में भी चर्च नियंत्रण का विवाद
इसके अलावा केरल के पिरावोम में एक गिरजाघर पर कब्जे को लेकर ईसाई समुदाय के दो धड़े के बीच विवाद हुआ था. सितंबर, 2019 में केरल पुलिस ने कोच्चि स्थित चर्च परिसर में घुसकर विरोध कर रहे एक धड़े के पादरियों और अनुयायियों को बाहर निकाला था.
जैकोबाइट धड़े को निकाला गया
इसके बाद एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने इस गिरजाघर को अपने नियंत्रण में ले लिया था. पुलिस चर्च का मुख्य दरवाजा तोड़कर जबरन भीतर घुसी थी और वहां से जैकोबाइट धड़े के बिशप, पादरियों और अनुयायियों को बाहर निकाला था.
कोर्ट के आदेश के दो साल बाद चर्च में प्रवेश
दरअसल, ऑर्थडॉक्स चर्च का विरोधी जैकोबाइट धड़े के साथ चर्च पर नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा था. उच्चतम न्यायालय से एक विवाद में अपने पक्ष में फैसला आने के दो सालों बाद सितंबर, 2019 में ऑर्थोडॉक्स धड़े ने कोच्चि स्थित चर्च की प्रार्थना सभा में शिरकत की थी.