त्रिवेंद्रम : प्रख्यात मलयालम कवि अक्किथम को मलयालम साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए 55वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनको यह पुरस्कार 93 साल की उम्र में मिली है. केरल के पलक्कड़ के मूल निवासी अक्किथम ने मलयालम में 43 से अधिक रचनाएं की हैं.
गौरतलब है कि इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और देवी सरस्वती की कांस्य प्रतिकृति दिया जाता है.
उल्लेखनीय है कि ज्ञानपीठ चयन बोर्ड ने सर्वसम्मति से अक्किथम को पुरस्कार के लिए चुना है.
अक्किटम अच्युतन नंबोतिरी को 'अक्किथम' के नाम से जाना जाता है. वह 6वें मलयालम लेखक हैं, जिन्होंने यह पुरस्कार जीता है. कवि जी शंकर कुरुप पहले लेखक थे, जिसे इस पुरस्कार के लिए चुना गया था. इसके बाद थकाजी, एसके पोट्टेकट, एमटी वासुदेवन नायर और ओएनवी कुरुप अन्य मलयालम लेखक को पुरस्कार मिला.
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अक्किथम को पूर्व में 2017 में भारत सरकार के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
इनका 'इरुपथमनुतंदिंथ इतिहासाम' में प्रमुख कार्य है. उन्होंने केंद्र और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और एजुथचन पुरस्कारम सहित कई पुरस्कार जीते हैं.