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'मन की बात' में बोले पीएम- पूरा देश जवानों के साथ खड़ा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल से लेकर वीर जवानों तक के बारे में बातें कहीं.

mann ki baat
मन की बात
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Published : Oct 25, 2020, 6:23 AM IST

Updated : Oct 25, 2020, 12:12 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश की जनता के साथ अपने विचार साझा किए.

पीएम का संबोधन

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि यदि व्यक्ति सैलून में अपनी बारी का इंतज़ार करने के दौरान वहां कुछ पढ़ता है और जो पढ़ा है उसके बारे में थोड़ा लिखता है, तो मरियप्पन जी उस ग्राहक को छूट देते हैं - है न मजेदार!

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘मन की बात’ में मैं आपका परिचय तमिलनाडु के तुतुकुड़ी के रहने वाले पोन मरियप्पन से कराऊँगा, जो हेयर कटिंग के पेशे से जुड़े हैं और एक सैलून चलाते हैं, उन्होंने सैलून के एक हिस्से को पुस्तकालय बना दिया है. पीएम बोले कि आजकल हमारा मलखम्ब भी अनेक देशों में प्रचलित हो रहा है अमेरिका में आज कई स्थानों पर मलखम्ब प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हैं. आज, जर्मनी हो, पोलैंड हो, मलेशिया हो, ऐसे करीब 20 अन्य देशो में भी मलखम्ब खूब लोकप्रिय हो रहा है.

जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है. जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है. हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं. आज दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है. मेक्सिको में एक जगह है ओहाका (Oaxaca) इस इलाके में कई गांव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है, आज यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध है.

आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की प्रशंसक हो रही है जैसे एक उदाहरण खादी है लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन खादी आज पर्यावरण के अनुकूल कपड़े के रूप में जानी जा रही है. मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है अपने परिवार से दूर है– मैं ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूं.हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है, मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं आपके लिए कामना कर रहा है.हमें अपने उन जाबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं, भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं, हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं.मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिए परिवार के सदस्य की तरह करिए फिर आप देखिए आपकी खुशियां कितनी बढ़ जाती हैं.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना जिनके बिना हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल है- सफाई कर्मचारी, सब्जी वाले, दूध वाले, सुरक्षा गार्ड, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने ये भली-भांति महसूस किया है. इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो 'वोकल फॉर लोकल' का अपना संकल्प अवश्य याद रखें, बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं, जैसे ईद, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा, गुरु नानक देव जी की जयंती है – ऐसे समय में हमें संयम से ही काम लेना है.

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार! आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है, इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि दशहरा एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है आज आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे है. मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है.

मासिक रेडियो कार्यक्रम की यह 70वीं कड़ी होगी. इसे आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था.

संबोधन की प्रमुख बातें

  • मध्य प्रदेश के सिंगरौली की शिक्षिका, उषा दुबे ने तो स्कूटी को मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया, वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं
  • कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम सब राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया .
  • हमारे देश में डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियां रहीं हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया.
  • ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बांटने का प्रयास करते हैं, देश ने भी हर बार, इन बद-इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
  • इस महीने की 31 तारीख़ को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक Statue of Unity पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा, आप लोग भी जरुर जुड़ियेगा
  • 31 अक्तूबर को हम वाल्मीकि जयंती भी मनाएंगे मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूँ और इस खास अवसर के लिए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ
  • 31 अक्तूबर को भारत की पूर्व-प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को हमने खो दिया मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूँ
  • आज देश-भर में बच्चे अपना ‘होम वर्क’ करते हैं, Notes बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है, पूरे देश की, करीब 90% पेंसिल स्लेट, लकड़ी की पट्टी की मांग को कश्मीर घाटी पूरा करती है.
  • पुलवामा के उक्खू को पेंसिल गांव के नाम से जाना जाता है, यहाँ पेंसिल स्लेट निर्माण की कई इकाईयां हैं, जो रोजगार उपलब्ध करा रही हैं, और इनमें काफ़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं.
  • आने वाले त्योहारों की आपको और आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत बधाई, लेकिन एक बात याद रखिये और त्योहारों में, ज़रा विशेष रूप से याद रखिये- मास्क पहनना है, हाथ साबुन से धोते रहना है, दो गज की दूरी बनाये रखनी है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश की जनता के साथ अपने विचार साझा किए.

पीएम का संबोधन

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि यदि व्यक्ति सैलून में अपनी बारी का इंतज़ार करने के दौरान वहां कुछ पढ़ता है और जो पढ़ा है उसके बारे में थोड़ा लिखता है, तो मरियप्पन जी उस ग्राहक को छूट देते हैं - है न मजेदार!

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘मन की बात’ में मैं आपका परिचय तमिलनाडु के तुतुकुड़ी के रहने वाले पोन मरियप्पन से कराऊँगा, जो हेयर कटिंग के पेशे से जुड़े हैं और एक सैलून चलाते हैं, उन्होंने सैलून के एक हिस्से को पुस्तकालय बना दिया है. पीएम बोले कि आजकल हमारा मलखम्ब भी अनेक देशों में प्रचलित हो रहा है अमेरिका में आज कई स्थानों पर मलखम्ब प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हैं. आज, जर्मनी हो, पोलैंड हो, मलेशिया हो, ऐसे करीब 20 अन्य देशो में भी मलखम्ब खूब लोकप्रिय हो रहा है.

जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है. जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है. हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं. आज दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है. मेक्सिको में एक जगह है ओहाका (Oaxaca) इस इलाके में कई गांव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है, आज यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध है.

आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की प्रशंसक हो रही है जैसे एक उदाहरण खादी है लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन खादी आज पर्यावरण के अनुकूल कपड़े के रूप में जानी जा रही है. मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है अपने परिवार से दूर है– मैं ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूं.हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है, मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं आपके लिए कामना कर रहा है.हमें अपने उन जाबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं, भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं, हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं.मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिए परिवार के सदस्य की तरह करिए फिर आप देखिए आपकी खुशियां कितनी बढ़ जाती हैं.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना जिनके बिना हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल है- सफाई कर्मचारी, सब्जी वाले, दूध वाले, सुरक्षा गार्ड, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने ये भली-भांति महसूस किया है. इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो 'वोकल फॉर लोकल' का अपना संकल्प अवश्य याद रखें, बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं, जैसे ईद, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा, गुरु नानक देव जी की जयंती है – ऐसे समय में हमें संयम से ही काम लेना है.

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार! आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है, इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि दशहरा एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है आज आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे है. मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है.

मासिक रेडियो कार्यक्रम की यह 70वीं कड़ी होगी. इसे आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था.

संबोधन की प्रमुख बातें

  • मध्य प्रदेश के सिंगरौली की शिक्षिका, उषा दुबे ने तो स्कूटी को मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया, वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं
  • कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम सब राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया .
  • हमारे देश में डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियां रहीं हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया.
  • ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बांटने का प्रयास करते हैं, देश ने भी हर बार, इन बद-इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
  • इस महीने की 31 तारीख़ को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक Statue of Unity पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा, आप लोग भी जरुर जुड़ियेगा
  • 31 अक्तूबर को हम वाल्मीकि जयंती भी मनाएंगे मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूँ और इस खास अवसर के लिए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ
  • 31 अक्तूबर को भारत की पूर्व-प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को हमने खो दिया मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूँ
  • आज देश-भर में बच्चे अपना ‘होम वर्क’ करते हैं, Notes बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है, पूरे देश की, करीब 90% पेंसिल स्लेट, लकड़ी की पट्टी की मांग को कश्मीर घाटी पूरा करती है.
  • पुलवामा के उक्खू को पेंसिल गांव के नाम से जाना जाता है, यहाँ पेंसिल स्लेट निर्माण की कई इकाईयां हैं, जो रोजगार उपलब्ध करा रही हैं, और इनमें काफ़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं.
  • आने वाले त्योहारों की आपको और आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत बधाई, लेकिन एक बात याद रखिये और त्योहारों में, ज़रा विशेष रूप से याद रखिये- मास्क पहनना है, हाथ साबुन से धोते रहना है, दो गज की दूरी बनाये रखनी है.
Last Updated : Oct 25, 2020, 12:12 PM IST
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