नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मालदीव से श्रीलंका पहुंचे. श्रीलंकाई पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया. मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की. बैठक में पीएम मोदी और राष्ट्रपति सिरिसेना के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही राष्ट्रपति सिरिसेना ने पीएम मोदी के सम्मान में एक भोज का आयोजन भी किया.
पीएम मोदी ने श्रीलंका में भारतीय समुदाय के लोगों को कोलंबों स्थित इंडिया हाउस में संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का गौरव बढ़ाने में, भारत के प्रति दुनिया का सकारात्मक ख्याल तैयार करने में विश्व में रह रहे भारतीयों ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है. आज पूरे विश्व का भारत को देखने का नजरिया बदला है.
आजादी के बाद देश में हुए लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा मतदान इस चुनाव में हुआ है. देश के इतिहास में पहली बार इस चुनाव में पहली बार महिलाओं ने सबसे ज्यादा मतदान किया है. 130 करोड़ देशवासियों का कल्याण यही सरकार का लक्ष्य होता है और यही सरकार की जिम्मेदारी होती है.
हमें देश को आगे ले जाना है, देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करना है. भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए मैं आप सभी को भी निमंत्रण देता हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के विपक्ष के नेता और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से भी मुलाकात की.
वहां पहुंचने के बाद वह सबसे पहले कोलंबो के सेंट एंटनी चर्च गये, जहां उन्होंने ईस्टर पर हुए बम धमाकों में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीलंका में औपचारिक स्वागत किया गया. उस दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना भी उपस्थित रहे. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति सचिवालय में पौधारोपण भी किया.
पीएम मोदी के इस विदेश यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी का यह दौरा श्रीलंका सरकार को यह बताने के लिए है कि हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. मंत्रालय ने ये भी कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए भारत सरकार श्रीलंका की मदद के लिए प्रयासरत है.
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बता दें कि मोदी की यह श्रीलंका की तीसरी यात्रा होगी. इससे पहले वे 2015 और 2017 में भी श्रीलंका दौरे पर जा चुके हैं.
गौरतलब है कि इसी साल ईस्टर के दिन श्रीलंका में जबरदस्त बम धमाका हुआ था. लगभग 9 आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर पर तीन चर्च समेत तीन पंच सितारा होटलों को निशाना बनाया था. इस धमाके में 11 भारतीय समेत करीब 258 लोगों की मौत हो गई थी.
हालांकि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने आतंकी हमलों को रोकने में अक्षम रहने पर सुरक्षा संस्थाओं को कठघरे में खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि हमलों से महज कुछ घंटों पहले भारतीय खुफिया संस्थाओं से मिली सूचनाओं को श्रीलंका की खुफिया संस्थाएं अमल में लाने में असफल रही थीं.