अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू समुदाय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी है. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय का और अधिक विकास होगा, जिससे छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नियुक्ति में मदद मिलेगी.
प्रोफेसर मंसूर ने विश्वविद्यालय के समुदाय, कर्मचारियों, सदस्यों, छात्रों और पूर्व छात्रों से आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह में अभी लोग राजनीति से ऊपर उठकर शामिल हो.
इस महीने की शुरुआत में विश्वविद्यालय ने घोषणा की थी कि शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि हो सकते हैं.
यह भी पढ़ें: 100 साल का हुआ विश्व प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, मुख्य अतिथि में बदलाव अंतिम समय में किया गया है.
यह भी पढ़ें: ऑनलाइन होगा एएमयू शताब्दी समारोह, राष्ट्रपति कोविंद के शामिल होने की संभावना
मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज एक दिसंबर 1920 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना और उसी साल 17 दिसंबर को विश्वविद्यालय के रूप में इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया.
दरअसल, 27 अगस्त 1920 यह वह दिन है, जब भारतीय विधान परिषद (संसद) विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक विधेयक पेश किया गया, जिसके तहत मोहम्मदन-एंगलो ऑरियनटेशन कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया.
यह भी पढ़ें: 100 साल पहले आज ही के दिन संसद में पेश किया गया था AMU बिल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) विधेयक को तत्कालीन शिक्षा मंत्री सर मुहम्मद शफी भारतीय विधान परिषद (संसद) में पेश किया गया था, जिसके बाद एएमयू एक्ट बना और मोहम्मदन-एंगलो ऑरियनटेशन कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया था.