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पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा कर रहा भारत : पीएम मोदी

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Published : Dec 24, 2020, 7:12 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 1:26 PM IST

विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है. मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है.

प्रधानमंत्री आज विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री आज विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व भारती विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे भारत वासियों के लिए गर्व की बात है.

पीएम ने कहा कि गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था. वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे. वो वाणिज्य, व्यापार, कला, साहित्य को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे.

पीएम का संबोधन

आत्मनिर्भर भारत का सार
उन्होंने कहा कि विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है. आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है. ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है.

पीएम ने कहा कि उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे. आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती. मां भारती और विश्व के साथ समन्वय.

उन्होंने आगे कहा कि वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी. वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी.

भक्ति आंदोलन से हुए एकजुट
पीएम बोले कि भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन बौद्धिक मजबूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपनी लड़ाई का हौसला और साहस दिया. सैकड़ों वर्षों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थें.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को भक्ति आंदोलन ने मजबूत करने का काम किया था. हिंदुस्तान के हर क्षेत्र, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में हमारे संतों ने, महंतों ने, आचार्यों ने देश की चेतना को जागृत रखने का प्रयास किया.

पीएम ने कहा कि जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी. भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी.

पीएम बोले कि भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

योग डिपार्टमेंट की लोकप्रियता पढ़ी
उन्होंने कहा कि विश्व भारती के ग्रामोदय का काम तो हमेशा से प्रशंसनीय रहे हैं. आपने 2015 में जिस योग डिपार्टमेंट शुरू किया था उसकी भी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. प्रकृति के साथ मिलकर अध्ययन और जीवन दोनों का साक्षात उदाहरण आपका विश्वविद्यालय परिसर है.

अपने संबोधन में पीएम बोले कि विश्वभारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है. भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है.

100 वर्ष गौरव की बात
पीएम ने कहा कि विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है. मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह के दौरान उपस्थित हैं.

देश का सबसे पुराना विवि
रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती, देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

पीएमओ ने बयान में कहा कि वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था.

प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व भारती विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे भारत वासियों के लिए गर्व की बात है.

पीएम ने कहा कि गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था. वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे. वो वाणिज्य, व्यापार, कला, साहित्य को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे.

पीएम का संबोधन

आत्मनिर्भर भारत का सार
उन्होंने कहा कि विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है. आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है. ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है.

पीएम ने कहा कि उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे. आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती. मां भारती और विश्व के साथ समन्वय.

उन्होंने आगे कहा कि वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी. वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी.

भक्ति आंदोलन से हुए एकजुट
पीएम बोले कि भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन बौद्धिक मजबूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपनी लड़ाई का हौसला और साहस दिया. सैकड़ों वर्षों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थें.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को भक्ति आंदोलन ने मजबूत करने का काम किया था. हिंदुस्तान के हर क्षेत्र, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में हमारे संतों ने, महंतों ने, आचार्यों ने देश की चेतना को जागृत रखने का प्रयास किया.

पीएम ने कहा कि जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी. भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी.

पीएम बोले कि भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

योग डिपार्टमेंट की लोकप्रियता पढ़ी
उन्होंने कहा कि विश्व भारती के ग्रामोदय का काम तो हमेशा से प्रशंसनीय रहे हैं. आपने 2015 में जिस योग डिपार्टमेंट शुरू किया था उसकी भी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. प्रकृति के साथ मिलकर अध्ययन और जीवन दोनों का साक्षात उदाहरण आपका विश्वविद्यालय परिसर है.

अपने संबोधन में पीएम बोले कि विश्वभारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है. भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है.

100 वर्ष गौरव की बात
पीएम ने कहा कि विश्वविभारती के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतीय के गौरव की बात है. मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह के दौरान उपस्थित हैं.

देश का सबसे पुराना विवि
रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती, देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

पीएमओ ने बयान में कहा कि वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था.

प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं.

Last Updated : Dec 24, 2020, 1:26 PM IST
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