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प्रधानमंत्री मोदी ने किए केदारनाथ के डिजिटल दर्शन, जाना विकास कार्यों का हाल

विकास परियोजनाओं को पर्यावरण अनुकूल बनाए जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये समीक्षा की.

PM Modi reviews Kedarnath
पीएम ने केदारनाथ कार्यों का जाजया लिया
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Published : Jun 10, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 7:45 PM IST

देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखण्ड के केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने साथ ही ड्रोन के माध्यम से निर्माणाधीन स्थलों का अवलोकन भी किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्‍य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्‍थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्‍पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे और पर्यावरण के अनुकूल हो .

शंकराचार्य की समाधि का भी किया अवलोकन

पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर परिसर, आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल तथा मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का ड्रोन के जरिए अवलोकन किया.

पीएम मोदी ने इस दौरान संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए और कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केंद्र से हर सम्भव मदद दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी फीडबैक लिया. बाद में रावत ने मीडिया को इस बाबत जानकारी दी.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड में हिमालय पर स्थित इस तीर्थस्थल के कुछ हिस्से को 2013 में अचानक आई बाढ़ से नुकसान पहुंचा था .

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार,प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की वीडियो कॅान्‍फ्रेंस के जरिये समीक्षा में उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल हुए .

वर्तमान स्थिति और इन तीर्थस्‍थलों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्‍या में तुलनात्‍मक रूप से आई कमी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि निर्माण कार्य के वर्तमान समय का उपयोग श्रमिकों के उचित वितरण द्वारा लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन साथ ही हमें उचित दूरी बनाए रखने के नियम को भी ध्‍यान में रखना होगा. इससे बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तैयार करने में मदद मिलेगी.

केदारनाथ धाम के विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में रखी थी .

बयान के अनुसार, इस तीर्थस्‍थल के पुनर्निर्माण की अपनी परिकल्‍पना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, राज्‍य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्‍थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्‍पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे, पर्यावरण के अनुकूल हो और प्रकृति और उसके आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बैठा सके.’’ प्रधानमंत्री ने विशेष सुझाव देते हुए रामबन से केदारनाथ तक के बीच अन्‍य धरोहर और धार्मिक स्‍थलों का और विकास करने का निर्देश दिया. यह कार्य केदारनाथ के मुख्‍य मंदिर के पुनर्विकास के अतिरिक्‍त होगा.

मोदी ने कहा कि मंदिर के समीप बनाये जा रहे ध्यान गुफा को श्रद्धालुओं के लिये और आकर्षक बनाया जाना चाहिए .

बयान के अनुसार, यह कार्य केदारनाथ के मुख्य स्थल के पुनर्विकास के अतिरिक्त होगा . ​बयान के अनुसार, बैठक में श्रद्धालुओं के स्‍वागत के लिए ब्रह्म कमल वाटिका और संग्रहालय के विकास की स्थिति से संबंधित विवरण पर भी विस्‍तार से बातचीत हुई जो वासुकी ताल के रास्‍ते में है. इसके साथ ही पुराने शहर के मकानों और वास्‍तुकला की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्‍व की सम्‍पत्तियों के पुनर्विकास के अलावा अन्‍य सुविधाओं जैसे मंदिर से उपयुक्‍त दूरी पर और नियमित अंतराल पर पर्यावरण अनुकूल पार्किंग स्‍थल के बारे में भी चर्चा हुई.

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा बनाने और पर्यटन को गति देने के प्रयासों में मदद मिलेगी .

मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कम से कम तीन बार केदानाथ धाम गए .

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, केदारनाथ में पुनर्विकास के अलावा रामबन से लेकर केदारनाथ तक अन्य हेरिटेज सेंटर विकसित करने पर भी चर्चा हुई . ब्रह्म कमल वाटिका समेत दूसरी जगहों के विकास पर भी विचार-विमर्श किया गया. इन प्रयासों से जहां हमारा सांस्कृतिक जुड़ाव गहरा होगा, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. ’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, केदारनाथ के पुनर्निर्माण परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की. यहां के पुनर्विकास में इस बात पर जोर है कि वो इको-फ्रेंडली हो और तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी सुविधाजनक हो.

केदारनाथ में क्या पूरा क्या अधूरा

  • केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा. मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का काम भी 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • सरस्वती घाट का काम 30 जून तक पूर्ण हो जाएगा. भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल निर्माण कार्य डेडलाइन से पहले पूरा हो चुका है. तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 5 ब्लॉकों में घर बनाऐ जा रहे हैं, 2 ब्लॉक बनकर तैयार हो चुके हैं. बचे हुए काम को सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • आपदा में क्षतिग्रस्त हुए तीर्थ पुरोहितों के मकान का काम भी चल रहा है. जिसमें से दो ब्लॉक का काम पूरा किया जा चुका है.
  • केदार घाटी में किस स्थान पर एक एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, हॉस्पिटल, यात्री सुविधाएं, म्यूजियम और इंटरप्रिटेशन सेंटर आदि बनेगा.
  • सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि केदारधाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य 31 दिसंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे.
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी को अवगत करनाते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग ₹200 करोड़ की आवश्यकता होगी. राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है, जहां मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है.

पीएम ने इन बातों पर दिया जोर

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पीएम मोदी ने केदारनाथ में पुनर्विकास के अलावा रामबन से लेकर केदारनाथ तक अन्य हेरिटेज सेंटर विकसित करने पर चर्चा की. इसके अलावा ब्रह्म कमल वाटिका समेत दूसरी जगहों के विकास पर भी विचार-विमर्श किया गया.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पैच को केदारनाथ की स्मृतियों से जोड़ने तथा गुफाओं को सुनियोजित तरीके से बनाने के निर्देश दिये.
  • पीएम ने कहा इस तरह की गुफाओं और स्मृतियों से श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां के धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा इससे हमारा सांस्कृतिक जुड़ाव गहरा होगा, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा केदारनाथ ने जो भी काम किया जाये वो इस तरह किया जाए कि अगले 100 साल याद दुनिया इसे याद रखे.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर राज्य में आए हैं उन्हें भी विकास कार्यों से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखण्ड के केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने साथ ही ड्रोन के माध्यम से निर्माणाधीन स्थलों का अवलोकन भी किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्‍य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्‍थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्‍पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे और पर्यावरण के अनुकूल हो .

शंकराचार्य की समाधि का भी किया अवलोकन

पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर परिसर, आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल तथा मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का ड्रोन के जरिए अवलोकन किया.

पीएम मोदी ने इस दौरान संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए और कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केंद्र से हर सम्भव मदद दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी फीडबैक लिया. बाद में रावत ने मीडिया को इस बाबत जानकारी दी.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड में हिमालय पर स्थित इस तीर्थस्थल के कुछ हिस्से को 2013 में अचानक आई बाढ़ से नुकसान पहुंचा था .

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार,प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की वीडियो कॅान्‍फ्रेंस के जरिये समीक्षा में उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल हुए .

वर्तमान स्थिति और इन तीर्थस्‍थलों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्‍या में तुलनात्‍मक रूप से आई कमी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि निर्माण कार्य के वर्तमान समय का उपयोग श्रमिकों के उचित वितरण द्वारा लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन साथ ही हमें उचित दूरी बनाए रखने के नियम को भी ध्‍यान में रखना होगा. इससे बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तैयार करने में मदद मिलेगी.

केदारनाथ धाम के विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में रखी थी .

बयान के अनुसार, इस तीर्थस्‍थल के पुनर्निर्माण की अपनी परिकल्‍पना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, राज्‍य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्‍थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्‍पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे, पर्यावरण के अनुकूल हो और प्रकृति और उसके आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बैठा सके.’’ प्रधानमंत्री ने विशेष सुझाव देते हुए रामबन से केदारनाथ तक के बीच अन्‍य धरोहर और धार्मिक स्‍थलों का और विकास करने का निर्देश दिया. यह कार्य केदारनाथ के मुख्‍य मंदिर के पुनर्विकास के अतिरिक्‍त होगा.

मोदी ने कहा कि मंदिर के समीप बनाये जा रहे ध्यान गुफा को श्रद्धालुओं के लिये और आकर्षक बनाया जाना चाहिए .

बयान के अनुसार, यह कार्य केदारनाथ के मुख्य स्थल के पुनर्विकास के अतिरिक्त होगा . ​बयान के अनुसार, बैठक में श्रद्धालुओं के स्‍वागत के लिए ब्रह्म कमल वाटिका और संग्रहालय के विकास की स्थिति से संबंधित विवरण पर भी विस्‍तार से बातचीत हुई जो वासुकी ताल के रास्‍ते में है. इसके साथ ही पुराने शहर के मकानों और वास्‍तुकला की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्‍व की सम्‍पत्तियों के पुनर्विकास के अलावा अन्‍य सुविधाओं जैसे मंदिर से उपयुक्‍त दूरी पर और नियमित अंतराल पर पर्यावरण अनुकूल पार्किंग स्‍थल के बारे में भी चर्चा हुई.

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा बनाने और पर्यटन को गति देने के प्रयासों में मदद मिलेगी .

मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कम से कम तीन बार केदानाथ धाम गए .

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, केदारनाथ में पुनर्विकास के अलावा रामबन से लेकर केदारनाथ तक अन्य हेरिटेज सेंटर विकसित करने पर भी चर्चा हुई . ब्रह्म कमल वाटिका समेत दूसरी जगहों के विकास पर भी विचार-विमर्श किया गया. इन प्रयासों से जहां हमारा सांस्कृतिक जुड़ाव गहरा होगा, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. ’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, केदारनाथ के पुनर्निर्माण परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की. यहां के पुनर्विकास में इस बात पर जोर है कि वो इको-फ्रेंडली हो और तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी सुविधाजनक हो.

केदारनाथ में क्या पूरा क्या अधूरा

  • केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा. मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का काम भी 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • सरस्वती घाट का काम 30 जून तक पूर्ण हो जाएगा. भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल निर्माण कार्य डेडलाइन से पहले पूरा हो चुका है. तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 5 ब्लॉकों में घर बनाऐ जा रहे हैं, 2 ब्लॉक बनकर तैयार हो चुके हैं. बचे हुए काम को सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • आपदा में क्षतिग्रस्त हुए तीर्थ पुरोहितों के मकान का काम भी चल रहा है. जिसमें से दो ब्लॉक का काम पूरा किया जा चुका है.
  • केदार घाटी में किस स्थान पर एक एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, हॉस्पिटल, यात्री सुविधाएं, म्यूजियम और इंटरप्रिटेशन सेंटर आदि बनेगा.
  • सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि केदारधाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य 31 दिसंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे.
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी को अवगत करनाते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग ₹200 करोड़ की आवश्यकता होगी. राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है, जहां मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है.

पीएम ने इन बातों पर दिया जोर

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पीएम मोदी ने केदारनाथ में पुनर्विकास के अलावा रामबन से लेकर केदारनाथ तक अन्य हेरिटेज सेंटर विकसित करने पर चर्चा की. इसके अलावा ब्रह्म कमल वाटिका समेत दूसरी जगहों के विकास पर भी विचार-विमर्श किया गया.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पैच को केदारनाथ की स्मृतियों से जोड़ने तथा गुफाओं को सुनियोजित तरीके से बनाने के निर्देश दिये.
  • पीएम ने कहा इस तरह की गुफाओं और स्मृतियों से श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां के धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा इससे हमारा सांस्कृतिक जुड़ाव गहरा होगा, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा केदारनाथ ने जो भी काम किया जाये वो इस तरह किया जाए कि अगले 100 साल याद दुनिया इसे याद रखे.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर राज्य में आए हैं उन्हें भी विकास कार्यों से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
Last Updated : Jun 10, 2020, 7:45 PM IST
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