नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में व्याप्त कोरोना वायरस महामारी को लेकर मंगलवार को कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेशों के उप राज्यपालों के साथ चर्चा की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जहां कोविड-19 के कारण सबसे कम मौतें हुई हैं.
पीएम मोदी ने कहा, 'हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे, उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.'
उन्होंने कहा कि अभी मास्क या फेस कवर के बिना बाहर निकलने के बारे में सोचना उचित नहीं है. दो गज की दूरी, हाथ धोने और सेनिटाइजर का उपयोग करने का अत्यधिक महत्व है. बाजार खुलने और बाहर निकलने के साथ, ये सावधानियां और भी महत्वपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा, 'जब भविष्य में कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई का विश्लेषण किया जाएगा, तो यह समय इस बात के लिए याद किया जाएगा कि हमने एक साथ कैसे काम किया और इसे संघवाद के उदाहरण के रूप में पेश किया जाएगा.'
पीएम मोदी ने कहा कि अनलॉक एक के बाद 2 सप्ताह बीत चुके हैं, इस दौरान हमारा अनुभव भविष्य में हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है. आज मुझे आपसे जमीनी हकीकत जानने को मिलेगी, आपके सुझावों से भविष्य की रणनीति का पता लगाने में मदद मिलेगी.
पिछले कुछ हफ्तों में, हजारों भारतीय विदेश से भारत लौटे और सैकड़ों प्रवासी कामगार अपने घरेलू शहरों में पहुंचे. परिवहन के लगभग सभी साधनों ने संचालन फिर से शुरू कर दिया है, फिर भी कोरोना का प्रभाव भारत में दुनिया के अन्य हिस्सों में जितना नहीं है.
पीएम ने कहा कि भारत में रिकवरी दर 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है. भारत उन देशों में से एक है, जहां कोविड-19 के कारण सबसे कम मौतें हुई हैं.
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी की महामारी के दौरान मुख्यमंत्रियों के साथ यह छठी बैठक थी.
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दो दिन चलने वाली वर्चुअल बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब देशभर से हर रोज कोविड-19 के हजारों केस सामने आ रहे हैं.
बता दें कि लगातार पांचवें दिन देशभर से कोरोना संक्रमण के दस हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 3,43,091 हो गई है, जबकि मौतों का आंकड़ा बढ़कर 9,900 हो गया है.
बैठक में पंजाब, केरल, गोवा, उत्तराखंड, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्रशासित प्रशसित राज्यों के उप राज्यपाल शामिल रहे. बैठक के दूसरे दिन पीएम मोदी 15 राज्यों के सीएम और कुछ राज्यपालों के साथ चर्चा करेंगे.