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उच्चतम न्यायालय में प्रवासी मजदूरों की वापसी के खिलाफ याचिका दायर

हाल ही में सड़कों पर प्रवासी मजदूरों का हुजुम उमड़ता देखा गया था. इसके बाद कई याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में डाली गई ताकि प्रवासी मजदूरों के वापसी के लिए न्यायालय निर्देश दें. अब इन्हीं याचिकाओं के खिलाफ एक और याचिका डाला गया है, जिसमें वापसी में कोर्ट को समस्याएं बताई गई है. जानें विस्तार से...

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उच्चतम न्यायालय
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Published : Apr 23, 2020, 11:35 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में उन याचिकाओं का विरोध किया गया है, जो प्रवासी मजदूरों की वापसी की मांग करती हैं. बता दें इसके पूर्व दायर आवेदनों में सरकार को लॉकडाउन के बीच प्रवासियों को अपने घरों में वापस पहुंचाने का निर्देश मांगा गया है.

इसी मांग के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि ऐसा करने से कोविड-19 के प्रसार में एक गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उचित लॉकडाउन बहुत आवश्यक है और प्रत्येक नागरिक के लिए लॉकडाउन को उचित और सामान्य रखना बेहद जरुरी है.

किसी भी स्थिति में प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य को उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं किया जा सकता है और लोगों का जीवन बचाया जा सकता है.

इसके अलावा आवेदक बताता है कि वर्तमान स्वास्थ्य प्रणाली के तहत यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि सभी परीक्षण सटीक है और विभिन्न रिपोर्टें हैं जो दावा करती हैं कि 30% समय में गलत परिणाम आता है.

हस्तक्षेप आवेदन में उन समाचार रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें यह कहा गया कि चिकित्सा परीक्षण सटीक नहीं हैं. झूठी नेगेटिव रिपोर्ट के अस्तित्व की संभावना के कारण उन प्रवासियों की आवाजाही की अनुमति देना नासमझी है, जिनकी रिपोर्ट कथित रूप से नेगेटिव आई है.

इस याचिका पर हस्तक्षेप आवेदन में की गई प्रार्थनाओं का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को अपने घर जाने के लिए यात्रा करने की अनुमति देना वांछनीय नहीं है, क्योंकि यह वायरस के प्रसार को बढ़ावा देगा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में उन याचिकाओं का विरोध किया गया है, जो प्रवासी मजदूरों की वापसी की मांग करती हैं. बता दें इसके पूर्व दायर आवेदनों में सरकार को लॉकडाउन के बीच प्रवासियों को अपने घरों में वापस पहुंचाने का निर्देश मांगा गया है.

इसी मांग के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि ऐसा करने से कोविड-19 के प्रसार में एक गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उचित लॉकडाउन बहुत आवश्यक है और प्रत्येक नागरिक के लिए लॉकडाउन को उचित और सामान्य रखना बेहद जरुरी है.

किसी भी स्थिति में प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य को उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं किया जा सकता है और लोगों का जीवन बचाया जा सकता है.

इसके अलावा आवेदक बताता है कि वर्तमान स्वास्थ्य प्रणाली के तहत यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि सभी परीक्षण सटीक है और विभिन्न रिपोर्टें हैं जो दावा करती हैं कि 30% समय में गलत परिणाम आता है.

हस्तक्षेप आवेदन में उन समाचार रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें यह कहा गया कि चिकित्सा परीक्षण सटीक नहीं हैं. झूठी नेगेटिव रिपोर्ट के अस्तित्व की संभावना के कारण उन प्रवासियों की आवाजाही की अनुमति देना नासमझी है, जिनकी रिपोर्ट कथित रूप से नेगेटिव आई है.

इस याचिका पर हस्तक्षेप आवेदन में की गई प्रार्थनाओं का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को अपने घर जाने के लिए यात्रा करने की अनुमति देना वांछनीय नहीं है, क्योंकि यह वायरस के प्रसार को बढ़ावा देगा.

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