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हथिनी की मौत का केस पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई जांच की मांग

केरल में हुई हाथिनी की मौत पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में घटना की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है. यह याचिका दिल्ली के वकील ने दायर की है. पढ़ें पूरी खबर...

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 8, 2020, 2:31 AM IST

Updated : Jun 8, 2020, 4:31 AM IST

नई दिल्ली : केरल के 'साइलेंट वैली' वन में विस्फोटकों से भरा अनानास खाने के बाद एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई. इस घटना पर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में घटना की सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है.

15 वर्षीय हथिनी की उस समय मौत हो गई थी, जब उसने कथित रूप से स्थानीय लोगों द्वारा दिया गया विस्फोटकों से भरा अनानास खाया था और वह उसके मुंह में ही फट गया था. हथिनी की 27 मई को वेलियार नदी में मौत हो गई थी.

न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रथमदृष्ट्या ऐसा प्रतीत होता है कि यह हाथियों को मारने वाले गिरोह का 'सोच समझ कर किया गया एवं संगठित काम' है और प्राधिकारी संरक्षित जानवरों की हत्या की इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं.

दिल्ली के एक वकील अवध बिहारी कौशिक ने यह याचिका दायर की है. याचिका में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि इस साल अप्रैल में इसी प्रकार की घटना सामने आई थी, जब एक हाथी की केरल के कोल्लम जिले में मौत हो गई थी. उसके मुंह में चोटें थीं.

पढ़ें : केरल : हथिनी की मौत पर आरोपी ने कहा- सुअर के लिए रखा था विस्फोटक

याचिका में गर्भवती हथिनी की हत्या और इस प्रकार की घटनाओं की जांच शीर्ष अदालत की लगातार निगरानी में सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में अनुरोध किया गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में हाथियों की हत्या के मामलों की शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में गठित एसआईटी से या सीबीआई से जांच कराई जाए.

नई दिल्ली : केरल के 'साइलेंट वैली' वन में विस्फोटकों से भरा अनानास खाने के बाद एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई. इस घटना पर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में घटना की सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है.

15 वर्षीय हथिनी की उस समय मौत हो गई थी, जब उसने कथित रूप से स्थानीय लोगों द्वारा दिया गया विस्फोटकों से भरा अनानास खाया था और वह उसके मुंह में ही फट गया था. हथिनी की 27 मई को वेलियार नदी में मौत हो गई थी.

न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रथमदृष्ट्या ऐसा प्रतीत होता है कि यह हाथियों को मारने वाले गिरोह का 'सोच समझ कर किया गया एवं संगठित काम' है और प्राधिकारी संरक्षित जानवरों की हत्या की इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं.

दिल्ली के एक वकील अवध बिहारी कौशिक ने यह याचिका दायर की है. याचिका में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि इस साल अप्रैल में इसी प्रकार की घटना सामने आई थी, जब एक हाथी की केरल के कोल्लम जिले में मौत हो गई थी. उसके मुंह में चोटें थीं.

पढ़ें : केरल : हथिनी की मौत पर आरोपी ने कहा- सुअर के लिए रखा था विस्फोटक

याचिका में गर्भवती हथिनी की हत्या और इस प्रकार की घटनाओं की जांच शीर्ष अदालत की लगातार निगरानी में सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में अनुरोध किया गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में हाथियों की हत्या के मामलों की शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में गठित एसआईटी से या सीबीआई से जांच कराई जाए.

Last Updated : Jun 8, 2020, 4:31 AM IST
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