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हाथ न होने पर भी जज्बा बरकरार, समीना ने पैरों से लिखकर दी परीक्षा

कर्नाटक की दिव्यांग छात्रा समीना ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. समीना ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई को एक मुकाम तक जारी रखा और पीयूसी (Pre University Course) की परीक्षा देकर वह सभी दिव्यांगों के लिए मिसाल कायम कर रही है. बता दें जन्म के समय ही समीना के दोनों हाथ नहीं थे.

पैरों से लिखकर दी परीक्षा
पैरों से लिखकर दी परीक्षा
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Published : Jul 28, 2020, 7:13 PM IST

बेंगलुरु : थककर वो बैठ जाते हैं, जिनकी कोशिशें नाकाम होती हैं. लेकिन कर्नाटक की समीना ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, जिनके जन्म के समय ही दोनों हाथ नहीं थे. इस साहसिक लड़की ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई को एक मुकाम तक जारी रखा और पीयूसी परीक्षा (Pre University Course) की परीक्षा देकर वह सभी दिव्यांगों के लिए मिसाल कायम कर रही है.

समीना पल्लनजोगहल्ली की रहने वाली हैं.उन्हें कभी हाथ नहीं होने को लेकर निराशा नहीं हुई. इसके बजाय समीना ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और अब उन्होंने अपने पैरों की मदद से पीयूसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है. छात्र बेंच पर बैठते हैं, लेकिन समीना फर्श पर बैठती है और अपने पैरों से नोट्स लिखती है.

पैरों से लिखकर दी परीक्षा

पढ़ें : केरल के दिव्यांगों ने जीती राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप

समीना आगे एक बैंक कर्मचारी बनना चाहती है. इसलिए उन्होंने पढ़ाई में कड़ी मेहनत की और पीयूसी में कॉमर्स विषय चुना है.

समीना का कहना है कि वह हाथ से लिखने का अभ्यास नहीं कर पातीं. वह अपने पैर से लिखने का अभ्यास दूसरों की तरह तेज करना चाहती हैं.

बेंगलुरु : थककर वो बैठ जाते हैं, जिनकी कोशिशें नाकाम होती हैं. लेकिन कर्नाटक की समीना ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, जिनके जन्म के समय ही दोनों हाथ नहीं थे. इस साहसिक लड़की ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई को एक मुकाम तक जारी रखा और पीयूसी परीक्षा (Pre University Course) की परीक्षा देकर वह सभी दिव्यांगों के लिए मिसाल कायम कर रही है.

समीना पल्लनजोगहल्ली की रहने वाली हैं.उन्हें कभी हाथ नहीं होने को लेकर निराशा नहीं हुई. इसके बजाय समीना ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और अब उन्होंने अपने पैरों की मदद से पीयूसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है. छात्र बेंच पर बैठते हैं, लेकिन समीना फर्श पर बैठती है और अपने पैरों से नोट्स लिखती है.

पैरों से लिखकर दी परीक्षा

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समीना आगे एक बैंक कर्मचारी बनना चाहती है. इसलिए उन्होंने पढ़ाई में कड़ी मेहनत की और पीयूसी में कॉमर्स विषय चुना है.

समीना का कहना है कि वह हाथ से लिखने का अभ्यास नहीं कर पातीं. वह अपने पैर से लिखने का अभ्यास दूसरों की तरह तेज करना चाहती हैं.

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