नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए प्रदर्शनों में षडयंत्र रचने के आरोपों से चर्चा में आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने बुधवार को दिल्ली में प्रदर्शन किया और कहा कि उसके ऊपर हाल-फिलहाल जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं. इसके साथ ही संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में हुई हिंसा प्रायोजित तरीके से भाजपा व आरएसएस द्वारा कराई गई थी.
पीएफआई सदस्य अजीम नावेद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा जो गिरफ्तारियां हो रही हैं. उनमें कई बेगुनाह भी शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन दंगों में पीएफआई का नाम जान बूझकर जोड़ा जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है.
अजीम नावेद ने कहा कि पीएफआई ने नई दिल्ली में किसी भी तरीके से दंगों को भड़काने का काम नहीं किया बल्कि दंगे रोकने का काम किया है. उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल द्वारा उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में त्रिलोकपुरी निवासी 33 साल के मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार कर लिया गया, जो बेगुनाह है और उसका इन दंगों से कोई भी लेना-देना नहीं है.
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नई दिल्ली दंगों को लेकर निलंबित आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन, पीएफआई और कुछ अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, दंगों के लिए कथित तौर पर पैसा मुहैया कराने का मामला दर्ज किया है. इस पर पीएफआई का कहना है कि केंद्र सरकार उसे बेवजह निशाना बना रही है और ईडी द्वारा दिल्ली दंगों में फंडिंग को लेकर जो भी केस दर्ज किया गया है, वह पूरी तरह बेबुनियाद है.