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CAB और NRC के खिलाफ 720 हस्तियां एकजुट, साझा बयान पर किए हस्ताक्षर

देशभर की 720 से अधिक हस्तियों ने CAB के विरोध में एक पत्र पर हस्ताक्षर किया है. हस्ताक्षर करने वालों में जावेद अख्तर, स्वामी अग्निवेश औ हर्ष मंदर समेत पूर्व न्यायाधीश, लेखक, अभिनेता और कार्यकर्ता शामिल हैं. जानें पूरा विवरण

personalities against citizenship bill
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Published : Dec 11, 2019, 11:43 AM IST

Updated : Dec 11, 2019, 2:46 PM IST

नई दिल्ली : देश की 720 से अधिक हस्तियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी विधेयक के खिलाफ बयान पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि यह विधेयक गलत नियत से बनाया गया है.

हस्ताक्षर करने वाले समूह में, पूर्व न्यायाधीश, लेखक, अभिनेता और कार्यकर्ता शामिल हैं. समूह ने कहा कि भारत की नागरिकता सामनता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों पर आधारित है और इस विधेयक में मुस्लिमों को बाहर रखा गया है.

personalities against citizenship bill
बयान की प्रति (पहला पन्ना)

विधेयक के विरोध में पूर्व IAS हर्ष मंदर ने बयान दिया है कि यदि, CAB को पारित किया जाता है, तो मैं आधिकारिक रूप से मुस्लिम नागरिक के रूप में पंजीकरण करूंगा.'

हर्ष मंदर का बयान

उन्होंने कहा कि यह मेरी सविनय अवज्ञा है फिर मैं NRC को कोई भी दस्तावेज जमा करने से मना कर दूंगा. मैं अंत में समान सजा की मांग करूंगा.

personalities against citizenship bill
बयान की प्रति (दूसरा पन्ना)

पत्र लिखने वाले समूह का कहना है कि CAB 2019 और NRC को खारिज किया जाना चाहिए. इस समूह में जस्टिस पी.बी सावंत (SC सेवानिवृत्त), जस्टिस होसबेट सुरेश (बॉम्बे HC सेवानिवृत्त) और जस्टिस बी.जी. कोलसे पाटिल (पूर्व-बॉम्बे HC), जावेद अख्तर, हर्ष मंदर, अपर्णा सेन और स्वामी अग्निवेश, आदि लोग शामिल हैं.

पत्र में कहा गया कि CAB, 2019 संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों और अनुच्छेद 13, 14, 15, 16 और 21 का उल्लंघन करता है.

पढ़ें-सुलग रहा पूर्वोत्तर, दिल्ली व अन्य राज्यों में भी फूट रही गुस्से की चिंगारी

नई दिल्ली : देश की 720 से अधिक हस्तियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी विधेयक के खिलाफ बयान पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि यह विधेयक गलत नियत से बनाया गया है.

हस्ताक्षर करने वाले समूह में, पूर्व न्यायाधीश, लेखक, अभिनेता और कार्यकर्ता शामिल हैं. समूह ने कहा कि भारत की नागरिकता सामनता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों पर आधारित है और इस विधेयक में मुस्लिमों को बाहर रखा गया है.

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बयान की प्रति (पहला पन्ना)

विधेयक के विरोध में पूर्व IAS हर्ष मंदर ने बयान दिया है कि यदि, CAB को पारित किया जाता है, तो मैं आधिकारिक रूप से मुस्लिम नागरिक के रूप में पंजीकरण करूंगा.'

हर्ष मंदर का बयान

उन्होंने कहा कि यह मेरी सविनय अवज्ञा है फिर मैं NRC को कोई भी दस्तावेज जमा करने से मना कर दूंगा. मैं अंत में समान सजा की मांग करूंगा.

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बयान की प्रति (दूसरा पन्ना)

पत्र लिखने वाले समूह का कहना है कि CAB 2019 और NRC को खारिज किया जाना चाहिए. इस समूह में जस्टिस पी.बी सावंत (SC सेवानिवृत्त), जस्टिस होसबेट सुरेश (बॉम्बे HC सेवानिवृत्त) और जस्टिस बी.जी. कोलसे पाटिल (पूर्व-बॉम्बे HC), जावेद अख्तर, हर्ष मंदर, अपर्णा सेन और स्वामी अग्निवेश, आदि लोग शामिल हैं.

पत्र में कहा गया कि CAB, 2019 संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों और अनुच्छेद 13, 14, 15, 16 और 21 का उल्लंघन करता है.

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Last Updated : Dec 11, 2019, 2:46 PM IST
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