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अमरनाथ यात्रा के दौरान राजमार्ग बंद, उमर अब्दुल्ला ने खड़े किए सवाल

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को अमरनाथ यात्रियों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि राजमार्ग पर लगी पाबंदी को जनता द्वारा बर्दाश्त किया जाना चाहिए. जानें पूरा विवरण

लोगों से जानकारी लेते राज्यपाल
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Published : Jul 7, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Jul 7, 2019, 10:18 PM IST

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर पांबदी लगाई गई है. उन्होंने आगे कहा कि जनता को इस पांबदी को बर्दाश्त करना चाहिए.

वहीं, राज्यपाल के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं है कि हमें यात्रियों की सुरक्षा की चिंता नही हैं. बल्कि बात यह है कि राज्यपाल मलिक का प्रशासन 30 वर्षों में एकमात्र प्रशासन है, जिसने यत्रियों की सुरक्षा के लिए राजमार्ग / रेलवे लाइन को बंद करने का फैसला किया. यह अयोग्ता और अकर्मण्यता (laziness) की इंतेहा है.

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उमर अब्दुल्ला का बयान

दरअसल, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को अमरनाथ यात्रियों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को जायजा लेने के श्रीनगर के पंथ चौक इलाके का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने दूसरे राज्यों से आए यात्रियों से बातचीत की और उनसे उनका हालचाल पूछा. इसके अलावा उन्होंने यात्री निवास में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की.

सुविधाओं का जाएजा लेने पहुंचे राज्यपाल

राज्यपाल ने निवास में लगे स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा के इंतजाम का भी जायजा लिया. उन्होंने निवास में तैनात अधिकारियों को आदेश दिया कि यात्रियों को हर तमाम सुवाधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

पढ़ें- अमरनाथ यात्रियों के लिए CRPF ने शुरू किया मोबाइल सहायता केंद्र

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कि जम्मू- श्रीनगर राज्यमार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा के चलते प्रतिबंध लगाया गया है.

हालांकि ,इस प्रतिबंध को लेकर पर्यटन के लोगों और व्यापारियों द्वारा राजमार्ग पर प्रतिबंध की आलोचना की है, और कहा कि यह निर्णय घाटी की अर्थव्यव्स्था के लिए नुकसान दायक साबित हो रहा है

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर पांबदी लगाई गई है. उन्होंने आगे कहा कि जनता को इस पांबदी को बर्दाश्त करना चाहिए.

वहीं, राज्यपाल के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं है कि हमें यात्रियों की सुरक्षा की चिंता नही हैं. बल्कि बात यह है कि राज्यपाल मलिक का प्रशासन 30 वर्षों में एकमात्र प्रशासन है, जिसने यत्रियों की सुरक्षा के लिए राजमार्ग / रेलवे लाइन को बंद करने का फैसला किया. यह अयोग्ता और अकर्मण्यता (laziness) की इंतेहा है.

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उमर अब्दुल्ला का बयान

दरअसल, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को अमरनाथ यात्रियों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को जायजा लेने के श्रीनगर के पंथ चौक इलाके का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने दूसरे राज्यों से आए यात्रियों से बातचीत की और उनसे उनका हालचाल पूछा. इसके अलावा उन्होंने यात्री निवास में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की.

सुविधाओं का जाएजा लेने पहुंचे राज्यपाल

राज्यपाल ने निवास में लगे स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा के इंतजाम का भी जायजा लिया. उन्होंने निवास में तैनात अधिकारियों को आदेश दिया कि यात्रियों को हर तमाम सुवाधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

पढ़ें- अमरनाथ यात्रियों के लिए CRPF ने शुरू किया मोबाइल सहायता केंद्र

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कि जम्मू- श्रीनगर राज्यमार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा के चलते प्रतिबंध लगाया गया है.

हालांकि ,इस प्रतिबंध को लेकर पर्यटन के लोगों और व्यापारियों द्वारा राजमार्ग पर प्रतिबंध की आलोचना की है, और कहा कि यह निर्णय घाटी की अर्थव्यव्स्था के लिए नुकसान दायक साबित हो रहा है

Intro:ریاست جموں کشمیر کے گورنر ستیہ پال ملک نے کہا کہ سرینگر جموں شاہراہ پر پابندی امرناتھ یاتریوں کی حفاظت کے لیے عائد کی گئی ہے اور کشمیری عوام کو کو یہ پابندی برداشت کرنی چاہیے۔


Body:گورنر ستیہ پال ملک نے آج بعد دوپہر سرینگر کے مضافاتی علاقہ پانتھ چوک میں امرناتھ یاتری نواس کا دورہ کیا اوت وہاں مہییا سہولیات کا جائزہ لیا۔

انہوں نے بیرونی ریاستوں سے آئے ہوئے یاتریوں سے انکا حال چال پوچھا اور یاتری نواس میں انکے لئے میئسر دستیاب سہولیات کے متعلق بھی جانکاری لی۔

گورنر نے نواس میں لگے لنگر، طبی سہولت، سیکورٹی کے انتظامات کا جائزہ لیا اور نواس میں تعینات افسران کو ہدایت دی کی یاتریوں کو تمام سہولیت مئیسر رکھنی چاہئے۔

انہوں نے ذرایع ابلاغ کے نمایندوں کے سوالات کا جواب دیتے ہوئے کہا کہ جموں سرینگر شاہراہ پر یاترا کے دوران عائد پابندی یاتریوں کی حفاظت کیلئے کی گئی ہے۔

گورنر انتظامیہ کی طرف سے شاہراہ پابندی کو کشمیری عوام، سیاحتی شعبی سے منسلک لوگ اور تجار نے شدید تنقید کی ہے اور کہا کہ یہ فیصلہ وادی کی معیشیت کیلئے نقصان دہ ثابت ہو رہی ہے۔

انہوں نے کہا پابندی سے سیاحت پر کوئی برا اثر نہیں ہو رہا ہے۔

انہوں نے کہا عوام کو جانکاری ہے کہ شاہراہ پر کیسے تشدد آمیز حملے ہوئے ہیں۔

انہوں نے کہا کہ یاترا کو انجام دینے میں کشمیری عوام کا بھر پور ساتھ ہوتا ہے۔









Conclusion:
Last Updated : Jul 7, 2019, 10:18 PM IST
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