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विरोध प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार : संयुक्त राष्ट्र - प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक

भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन लोगों का अधिकार है और उन्हें विरोध करने से रोका नहीं जाना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता
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Published : Dec 5, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 4:11 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने भारत में हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा है कि लोगों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें ऐसा करने से रोकना नहीं चाहिए.

भारत में किसानों के विरोध पर एक सवाल का जवाब देते हुए महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है. मैं यह कहूंगा कि इन मुद्दों को उठाते समय लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता है.

इससे पहले विदेशी नेताओं की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा था कि भारत में किसानों से संबंधित कुछ अशुभ टिप्पणियों को देखा है. ये अनुचित हैं, यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हैं. यह भी अच्छा है कि राजनैतिक बातचीत को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि यह भी सबसे अच्छा है कि राजनयिक बातचीत गलत उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जा रही है.

बता दें कि हाल में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित अन्य नेताओं ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा साथ रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने स्थिति पर चिंता जताई थी.

इस क्रम में भारत ने शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक ‘अस्वीकार्य हस्तक्षेप’ के समान है.

पढ़ें - कनाडा के पीएम को भारत की नसीहत, 'किसान आंदोलन पर टिप्पणी अनुचित'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक से यह भी कहा गया गया कि ऐसी गतिविधि अगर जारी रही तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर क्षति' पहुंचेगी.

पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में बीते नौ दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि नए कानूनों से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्यागिकी लाई जा सकेगी.

सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि कानूनों को लेकर पांचवें चरण की बातचीत शनिवार को होनी है.

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने भारत में हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा है कि लोगों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें ऐसा करने से रोकना नहीं चाहिए.

भारत में किसानों के विरोध पर एक सवाल का जवाब देते हुए महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है. मैं यह कहूंगा कि इन मुद्दों को उठाते समय लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता है.

इससे पहले विदेशी नेताओं की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा था कि भारत में किसानों से संबंधित कुछ अशुभ टिप्पणियों को देखा है. ये अनुचित हैं, यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हैं. यह भी अच्छा है कि राजनैतिक बातचीत को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि यह भी सबसे अच्छा है कि राजनयिक बातचीत गलत उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जा रही है.

बता दें कि हाल में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित अन्य नेताओं ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा साथ रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने स्थिति पर चिंता जताई थी.

इस क्रम में भारत ने शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक ‘अस्वीकार्य हस्तक्षेप’ के समान है.

पढ़ें - कनाडा के पीएम को भारत की नसीहत, 'किसान आंदोलन पर टिप्पणी अनुचित'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक से यह भी कहा गया गया कि ऐसी गतिविधि अगर जारी रही तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर क्षति' पहुंचेगी.

पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में बीते नौ दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि नए कानूनों से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्यागिकी लाई जा सकेगी.

सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि कानूनों को लेकर पांचवें चरण की बातचीत शनिवार को होनी है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 4:11 PM IST
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