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दुष्कर्म मामले : जनता ने कहा, दोषियों को मिले मौत की सजा

हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक (veterinary doctor) के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर देश की जनता में काफी रोष है. लोगों की मांग है कि दुष्कर्म आरोपियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. इसी कड़ी में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के आंकड़े दर्शाते हैं कि राजधानी में दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

people demand death penalty to rape convicts
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Published : Nov 29, 2019, 7:24 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 8:19 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम नहीं हो रहे हैं. ताजा मामलों में देखें तो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद आग लगाकर उनकी हत्या कर दी गई. इससे लोगों में काफी आक्रोश है.

हैदराबाद मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में केंद्रीय महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है.

दुष्कर्म के आरोपियों को दिया जाए मृत्युदंड

दुष्कर्म आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने को लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी दिल्ली में लोगों से बात की. बातचीत में ज्यादातर लोग आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने के पक्ष में थे. कुछ लोगों का यह भी कहा है कि इसके लिए कोई समाधान होना चाहिए. लोगों को जागरूक किया जाना भी जरूरी है.

यह है राजधानी का हाल

राजधानी दिल्ली की बात करें तो तीन वर्ष के बाद दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीते वर्ष 31 अक्टूबर तक जहां दुष्कर्म के 1854 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 1877 मामले दर्ज किए गए हैं.

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता से ईटीवी भारत की बातचीत

पढ़ें-तेलंगाना में डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार

हालांकि एक संतोष करने लायक बात यह है कि दुष्कर्म के अलावा महिलाओं के प्रति होने वाले अन्य अपराधों में काफी कमी देखने को मिली है.

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में बीते वर्ष के मुकाबले कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक छेड़छाड़ के 2,838 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2019 में 31 अक्टूबर तक 2,520 मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्ष 2015 की बात करें तो 31 दिसंबर तक छेड़छाड़ के 5,367 मामले दर्ज किए गए थे. महिलाओं पर फब्तियां कसने की घटनाओं में भी इस वर्ष कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक जहां महिलाओं पर फब्ती कसने के 518 मामले दर्ज हुए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक ऐसे 406 मामले दर्ज हुए हैं.

महिलाओं के अपहरण की बात की जाए तो इसमें भी वर्ष 2019 में कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक अपहरण के 235 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 161 अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं. दहेज हत्या के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक 130 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 103 दहेज हत्या के मामले दिल्ली में दर्ज हुए हैं.

दुष्कर्म के आरोपियों को दिया जाए मृत्युदंड

महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकना पुलिस की प्राथमिकता

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती है. सशक्ति के जरिये महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाती है. नाजुक के जरिये परिजनों को जागरूक किया जाता है. स्कूल एवं कॉलेजों के पास पुलिस गश्त करती है.

टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में कमी आई है. दुष्कर्म के मामलों में इस वर्ष कुछ बढ़ोतरी हुई है. इसे लेकर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.

नई दिल्ली : देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम नहीं हो रहे हैं. ताजा मामलों में देखें तो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद आग लगाकर उनकी हत्या कर दी गई. इससे लोगों में काफी आक्रोश है.

हैदराबाद मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में केंद्रीय महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है.

दुष्कर्म के आरोपियों को दिया जाए मृत्युदंड

दुष्कर्म आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने को लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी दिल्ली में लोगों से बात की. बातचीत में ज्यादातर लोग आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने के पक्ष में थे. कुछ लोगों का यह भी कहा है कि इसके लिए कोई समाधान होना चाहिए. लोगों को जागरूक किया जाना भी जरूरी है.

यह है राजधानी का हाल

राजधानी दिल्ली की बात करें तो तीन वर्ष के बाद दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीते वर्ष 31 अक्टूबर तक जहां दुष्कर्म के 1854 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 1877 मामले दर्ज किए गए हैं.

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता से ईटीवी भारत की बातचीत

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हालांकि एक संतोष करने लायक बात यह है कि दुष्कर्म के अलावा महिलाओं के प्रति होने वाले अन्य अपराधों में काफी कमी देखने को मिली है.

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में बीते वर्ष के मुकाबले कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक छेड़छाड़ के 2,838 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2019 में 31 अक्टूबर तक 2,520 मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्ष 2015 की बात करें तो 31 दिसंबर तक छेड़छाड़ के 5,367 मामले दर्ज किए गए थे. महिलाओं पर फब्तियां कसने की घटनाओं में भी इस वर्ष कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक जहां महिलाओं पर फब्ती कसने के 518 मामले दर्ज हुए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक ऐसे 406 मामले दर्ज हुए हैं.

महिलाओं के अपहरण की बात की जाए तो इसमें भी वर्ष 2019 में कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक अपहरण के 235 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 161 अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं. दहेज हत्या के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक 130 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 103 दहेज हत्या के मामले दिल्ली में दर्ज हुए हैं.

दुष्कर्म के आरोपियों को दिया जाए मृत्युदंड

महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकना पुलिस की प्राथमिकता

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती है. सशक्ति के जरिये महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाती है. नाजुक के जरिये परिजनों को जागरूक किया जाता है. स्कूल एवं कॉलेजों के पास पुलिस गश्त करती है.

टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में कमी आई है. दुष्कर्म के मामलों में इस वर्ष कुछ बढ़ोतरी हुई है. इसे लेकर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.

Intro:नई दिल्ली
राजधानी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस लगातार काम करती है. दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को कम करने की रहती है. लेकिन इसके बावजूद तीन वर्ष के बाद दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीते वर्ष 31 अक्टूबर तक जहां दुष्कर्म के 1854 मामले दर्ज हुए थे तो वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 1877 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा महिलाओं के प्रति होने वाले अन्य अपराधों में काफी कमी देखने को मिली है.


Body:दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में बीते वर्ष के मुकाबले कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक छेड़छाड़ के 2,838 मामले दर्ज किए गए थे तो वहीं वर्ष 2019 में 31 अक्टूबर तक 2,520 मामले दर्ज किए गए हैं. वर्ष 2015 की बात करें तो उसमें 31 दिसंबर तक 5,367 मामले छेड़छाड़ के दर्ज किए गए थे. दिल्ली पुलिस का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए वह लगातार काम कर रहे हैं और इसकी वजह से ही छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आई है. इसमें सुधार के लिए और प्रयास कर रहे हैं.


फब्ती कसने एवं अपहरण की वारदातों में आई कमी
महिलाओं पर फब्तियां कसने की घटनाओं में भी इस वर्ष कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक जहां महिलाओं पर फब्ति कसने के 518 मामले दर्ज हुए थे तो वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक ऐसे 406 मामले दर्ज हुए हैं. महिलाओं के अपहरण की बात की जाए तो इसमें भी वर्ष 2019 में कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 31 अक्टूबर तक अपहरण के 235 मामले दर्ज हुए थे, वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 161 अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं. दहेज हत्या के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में जहां 31 अक्टूबर तक 130 मामले दर्ज किए गए थे तो वहीं इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 103 दहेज हत्या के मामले दिल्ली में दर्ज हुए हैं.


Conclusion:महिला अपराध रोकना पुलिस की प्राथमिकता
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती है. सशक्ति के जरिये महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाती है. नाजुक के जरिये परिजनों को जागरूक किया जाता है. स्कूल एवं कॉलेजों के पास पुलिस गश्त करती है. टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में कमी आई है. दुष्कर्म के मामलों में इस वर्ष कुछ बढ़ोत्तरी हुई है. इसे लेकर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.


महिला अपराध के आंकड़े

अपराध 2016 2017 2018 2019(अक्टूबर)

दुष्कर्म 2155 2146 2135 1877
छेड़छाड़ 4165 3422 3314 2520
फब्ती कसना 918 640 599 406
अपहरण 444 322 262 161
दहेज हत्या 162 120 153 103
Last Updated : Nov 29, 2019, 8:19 PM IST
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