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इच्छा मृत्यु का आवेदन करने वाले गार्गी बंद्योपाध्याय की मदद के लिए लोगों ने बढ़ाए हाथ - phd scholar aaply for self death

पश्चिम बंगाल के बारासात के निवासी गार्गी बंद्योपाध्याय द्वारा इच्छा मृत्यु के आवेदन दिए जाने के बाद कई लोगों और समाजिक संस्थाओं ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, जिसके बाद गार्गी का परिवार राहत महसूस कर रहा है.

गार्गी बंद्योपाध्याय
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Published : Aug 19, 2019, 4:47 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:31 AM IST

बारासात: पश्चिम बंगाल के बारासात निवासी गार्गी बंद्योपाध्याय ने 30 जुलाई को रोजगार और भुखमरी के कारण परिवार के साथ इच्छामृत्यु के लिए आवेदन किया है. इच्छामृत्यु के लिए उनके आवेदन की खबर के बाद, कुछ लोग मदद के लिए आए.

लोगों द्वारा मदद के लिए आगे आने पर बंद्योपाध्याय के परिवार वाले अब थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं.

मदद करने वालों में से एक अर्पिता धर है, जो रिश्तेदार के घर बारासात में आई थी. इसके अलावाएक आभूषण निर्माता भी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं.

गार्गी बंद्योपाध्याय

इनके अलावा रानाघाट का एक एनजीओ आया है साथ ही स्थानीय काउंसिलर शिल्पी दास ने बंद्योपाध्याय के घर का दौरा किया है.

पढ़ें- असम द अकॉर्ड, द डिस्कॉर्ड' के अनुसार असम समझौते से राज्य में नहीं आई स्थाई शांति

बारासात नाबापल्ली कट्टमाला दुर्गापूजा समिति ने उनकी मदद के लिए दुर्गापूजा का बजट कम कर दिया.

जिला प्रशासन ने उन्हें पहले ही प्रतिनिधि भेज दिया है. डीएम चैताली चक्रवर्ती ने कहा कि बारासात नगर अध्यक्ष उनके और हम भी होंगे. गार्गी कल मुझसे मिलने आएगी.

गार्गी बंद्योपाध्याय ने कहा कि उनको पास न तो कोई रोजगार है और न खाने के लिए कुछ है. इसलिए उन्होंने इच्छामृत्यु के लिए आवोदन किया. उन्होंने कहा कि मीडिया में उनकी खबर आने के बाद उनकी मदद के लोग आगे आए. उन्होंने मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया.

बारासात: पश्चिम बंगाल के बारासात निवासी गार्गी बंद्योपाध्याय ने 30 जुलाई को रोजगार और भुखमरी के कारण परिवार के साथ इच्छामृत्यु के लिए आवेदन किया है. इच्छामृत्यु के लिए उनके आवेदन की खबर के बाद, कुछ लोग मदद के लिए आए.

लोगों द्वारा मदद के लिए आगे आने पर बंद्योपाध्याय के परिवार वाले अब थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं.

मदद करने वालों में से एक अर्पिता धर है, जो रिश्तेदार के घर बारासात में आई थी. इसके अलावाएक आभूषण निर्माता भी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं.

गार्गी बंद्योपाध्याय

इनके अलावा रानाघाट का एक एनजीओ आया है साथ ही स्थानीय काउंसिलर शिल्पी दास ने बंद्योपाध्याय के घर का दौरा किया है.

पढ़ें- असम द अकॉर्ड, द डिस्कॉर्ड' के अनुसार असम समझौते से राज्य में नहीं आई स्थाई शांति

बारासात नाबापल्ली कट्टमाला दुर्गापूजा समिति ने उनकी मदद के लिए दुर्गापूजा का बजट कम कर दिया.

जिला प्रशासन ने उन्हें पहले ही प्रतिनिधि भेज दिया है. डीएम चैताली चक्रवर्ती ने कहा कि बारासात नगर अध्यक्ष उनके और हम भी होंगे. गार्गी कल मुझसे मिलने आएगी.

गार्गी बंद्योपाध्याय ने कहा कि उनको पास न तो कोई रोजगार है और न खाने के लिए कुछ है. इसलिए उन्होंने इच्छामृत्यु के लिए आवोदन किया. उन्होंने कहा कि मीडिया में उनकी खबर आने के बाद उनकी मदद के लोग आगे आए. उन्होंने मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया.

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Barasat, 17 August : Gargi Bandyopadhyay, a resident of Barasat, West Bengal, holds a PhD, has applied for euthanasia with family due to employment and starvation on July 30. After the news of her application for Euthanasia, some people came to help the family. They are feeling a little bit relieved now. 



One of the helper is Arpita Dhar, who came to Barasat in relative's house. A jewelry maker also comes to help them. An NGO from ranaghat has come. Local counsilor Shilpi Das has visited the house.  Barasat Nabapalli Kathaltala Durgapuja Committee reduced their Durgapuja budget to help them. 



District administration has already sent representatives to them. DM Chaitali Chakraborty said, ''Barasat Municipal Chairman will them and we too. Gargi will visit me tomorrow . '' 



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Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 11:31 AM IST
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