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जम्मू कश्मीर पंचायत चुनावों के नाम पर जनता को भ्रमित कर रही सरकार : पीडीपी सांसद - राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद मीर

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद मीर ने मार्च में जम्मू-कश्मीर में मार्च में होने वाले पंचायत चुनावों की घोषणा पर सवाल उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर लोगों को भ्रमित कर रही है.

सद फैयाज अहमद मीर
सद फैयाज अहमद मीर
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Published : Feb 14, 2020, 7:25 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 7:02 AM IST

नई दिल्ली : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद मीर ने मार्च में जम्मू-कश्मीर में मार्च में होने वाले पंचायत चुनावों की घोषणा पर सवाल उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर लोगों को भ्रमित कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि उसने पिछले वर्ष शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव करवाए थे. उन्होंने मतदान प्रतिशत के बारे में दावे किए, तो फिर यह पद कैसे खाली हुए.

उन्होंने कहा, 'चुनाव आमतौर पर पांच साल में एक बार होते हैं. लेकिन कश्मीर में हर तीन महीने में चुनाव होते हैं, इससे कश्मीर की स्थिति का पता चलता है. सरकार ने खुद यह साबित कर दिया है कि पिछले साल हुए चुनावों में किसी ने भी हिस्सा नहीं लिया.'

फैयाज अहमद मीर

मीर ने यह भी कहा कि क्षेत्र में विदेशी दूतों का प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किया जा रहा एक प्रकार का 'राजनयिक पर्यटन' था इससे लोगों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) की तुलना की और कहा कि लोग दोनों मुद्दों पर बात करने से डरते हैं.

उन्होंने कहा, 'संसद के सदस्य के रूप में भी, मैं पीएसए से डरता हूं. कौन जानता है कि पुलिस कब आकर मुझे गिरफ्तार कर सकती है.'

पढ़ें- जम्मू - कश्मीर : कैसा रहा विदेशी राजनयिकों का पहला दिन

इससे पहले गुरुवार को, राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने घोषणा की थी कि जम्मू और कश्मीर में पंचायत चुनावों को कश्मीर के लिए आठ चरणों में और जम्मू के लिए चार चरणों में 1011 सरपंच और 1639 पंचों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित किया जाएगा.

मतदान चरण 5,7, 9, 12, 14, 16, 18, 20 मार्च को होने वाले हैं

नई दिल्ली : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद मीर ने मार्च में जम्मू-कश्मीर में मार्च में होने वाले पंचायत चुनावों की घोषणा पर सवाल उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर लोगों को भ्रमित कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि उसने पिछले वर्ष शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव करवाए थे. उन्होंने मतदान प्रतिशत के बारे में दावे किए, तो फिर यह पद कैसे खाली हुए.

उन्होंने कहा, 'चुनाव आमतौर पर पांच साल में एक बार होते हैं. लेकिन कश्मीर में हर तीन महीने में चुनाव होते हैं, इससे कश्मीर की स्थिति का पता चलता है. सरकार ने खुद यह साबित कर दिया है कि पिछले साल हुए चुनावों में किसी ने भी हिस्सा नहीं लिया.'

फैयाज अहमद मीर

मीर ने यह भी कहा कि क्षेत्र में विदेशी दूतों का प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किया जा रहा एक प्रकार का 'राजनयिक पर्यटन' था इससे लोगों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) की तुलना की और कहा कि लोग दोनों मुद्दों पर बात करने से डरते हैं.

उन्होंने कहा, 'संसद के सदस्य के रूप में भी, मैं पीएसए से डरता हूं. कौन जानता है कि पुलिस कब आकर मुझे गिरफ्तार कर सकती है.'

पढ़ें- जम्मू - कश्मीर : कैसा रहा विदेशी राजनयिकों का पहला दिन

इससे पहले गुरुवार को, राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने घोषणा की थी कि जम्मू और कश्मीर में पंचायत चुनावों को कश्मीर के लिए आठ चरणों में और जम्मू के लिए चार चरणों में 1011 सरपंच और 1639 पंचों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित किया जाएगा.

मतदान चरण 5,7, 9, 12, 14, 16, 18, 20 मार्च को होने वाले हैं

Last Updated : Mar 1, 2020, 7:02 AM IST
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