जम्मू : जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा है कि प्रशासन ने पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात के लिए उसके प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने से इनकार कर दिया है. महमूबा मुफ्ती राज्य से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के समय से ही श्रीनगर में नजरबंद हैं.
बता दें कि सोमवार को जम्मू में पीडीपी नेतृत्व ने श्रीनगर के उपायुक्त को पत्र भेजकर महबूबा मुफ्ती से मिलने की अनुमति मांगी थी.
दरअसल प्रशासन ने पहले पीडीपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन पार्टी ने अंदरूनी मतभेदों को देखते हुए प्रस्तावित यात्रा को स्थगित कर दिया था.
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक वेद महाजन ने कहा, 'पीडीपी नेताओं द्वारा पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात का अनुरोध प्रशासन द्वारा ठुकरा दिया गया है.'
उन्होंने कहा, ' पार्टी को उसके आवेदन पर अब तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है. हालांकि हमें अनौपचारिक रूप से बताया गया है कि इस स्तर पर कोई अनुमति नहीं दी जाएगी.'
उल्लेखनीय है कि महबूबा के अलावा कश्मीर घाटी के अन्य प्रमुख मुख्यधारा के नेता पांच अगस्त से ही नजरबंद हैं, जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को प्राप्त संविधान के अनुच्छेद 370 की विशेष स्थिति निरस्त कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा कर दी थी.
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गत छह अक्टूबर को पीडीपी ने घोषणा की थी कि उसे राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने महबूबा से मिलने की अनुमति मिल गई है, लेकिन कई वरिष्ठ नेता खुले तौर पर उन लोगों को चुनौती देने लगे, जिन्होंने प्रशासन से अनुमति मांगी थी. इसके चलते कुछ घंटे बाद ही यात्रा स्थगित कर दी गई.
उन नेताओं ने वेद महाजन पर निशाना साधा, जो उस समय सबसे आगे थे और ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय उन सभी को दरकिनार किया था.
उन्होंने महाजन और अन्य पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नक्शेकदम पर चलने का आरोप भी लगाया, जिसके एक प्रतिनिधिमंडल ने गत छह अक्टूबर को श्रीनगर का दौरा किया था और पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की थी.