मुंबई : सतारा में हुई जनसभा के ठीक एक साल बाद रविवार (18 अक्टूबर, 2020) को शरद पवार फिर से इस क्षेत्र में पहुंचे. संकट के बीच, 79 वर्षीय पवार फिर से दो दिवसीय दौरे पर हैं, जबकि सीएम उद्धव ठाकरे सोमवार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाएंगे.
दरअसल, शरद पवार इस बार पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों को दिलासा देने पहुंचे. क्षेत्र में हुई भारी बारिश अब तक करीब 30 लोगों की जान ले चुकी है. शरद पवार ने किसानों व अन्य स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर भी साझा कीं.
-
आज तुळजापूर परिसरातील काक्रंबावाडी, लोहारातील सास्तुर, राजेगांव, उमरग्यातील कवठा, औसा तालुक्यातील उजनी, उस्मानाबादमधील पाटोदा, करजखेडा या गावांना भेटी देऊन अतिवृष्टीमुळे शेतकऱ्यांच्या झालेल्या नुकसानाचा आढावा घेण्यासाठी गावकऱ्यांशी संवाद साधला. pic.twitter.com/xlMl1mXwS8
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आज तुळजापूर परिसरातील काक्रंबावाडी, लोहारातील सास्तुर, राजेगांव, उमरग्यातील कवठा, औसा तालुक्यातील उजनी, उस्मानाबादमधील पाटोदा, करजखेडा या गावांना भेटी देऊन अतिवृष्टीमुळे शेतकऱ्यांच्या झालेल्या नुकसानाचा आढावा घेण्यासाठी गावकऱ्यांशी संवाद साधला. pic.twitter.com/xlMl1mXwS8
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 18, 2020आज तुळजापूर परिसरातील काक्रंबावाडी, लोहारातील सास्तुर, राजेगांव, उमरग्यातील कवठा, औसा तालुक्यातील उजनी, उस्मानाबादमधील पाटोदा, करजखेडा या गावांना भेटी देऊन अतिवृष्टीमुळे शेतकऱ्यांच्या झालेल्या नुकसानाचा आढावा घेण्यासाठी गावकऱ्यांशी संवाद साधला. pic.twitter.com/xlMl1mXwS8
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 18, 2020
दिलचस्प है कि एक साल पहले बरसात और ठंड के कारण 18 अक्टूबर, 2019 को भले ही शरद पवार पवार की आवाज कांपती हुई प्रतीत हो रही थी, लेकिन उन्होंने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस का मनोबल बढ़ाया था. इसके अलावा पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना के खिलाफ वोट जुटाने में कसर नहीं छोड़ी.
राकांपा ने सतारा लोकसभा उपचुनाव के लिए श्रीनिवास पाटिल को और सतारा विधानसभा सीट के लिए दीपक साहेबराव पवार को नामांकित किया था.
वहीं, भाजपा ने मौजूदा सांसद उदयनराजे भोसले को उतारा था, जिन्होंने अक्टूबर 2019 के राज्य चुनावों से कुछ ही हफ्ते पहले राकांपा छोड़कर पवार को झटका दिया था.
कठिन चुनौतियों से प्रभावित होकर पवार ने भावनात्मक रूप से भारी बारिश के बीच घोषणा की थी, "यह वरुण राजा का (वर्षा के भगवान वरुण) राकांपा के लिए आशीर्वाद है .. यह राज्य में एक चमत्कार को जन्म देगा, और यह चमत्कार 21 अक्टूबर से शुरू होगा. मुझे पूरा भरोसा है."
मतगणना के दिन सतारा विधानसभा सीट के संदर्भ में पवार ने फिर से एक तरह का इतिहास रचा. भले ही शिवेंद्रराजे भोसले ने सतारा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की, लेकिन भाजपा के उदयनराजे भोसले ने अपमानजनक हार का स्वाद चखा.
नवंबर, 2019 की दूसरी छमाही में, पवार ने फिर से राजनीतिक और पारिवारिक मोर्चो पर एक वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ी, जब एक नई सरकार ने सुबह-सुबह एक गुप्त ऑपरेशन में गुप्त रूप से शपथ ली, देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री और पवार के भतीजे अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
इस वाकये के बाद पवार चीजों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे और 80 घंटे के लंबे नाटक के बाद दो लोगों के शासन को उखाड़ फेंका, और 28 नवंबर को, उन्होंने उद्धव ठाकरे को नया मुख्यमंत्री बनाकर अपना वादा निभाया.
गौरतलब है कि पिछले 11 महीनों में, ठाकरे मुख्यमंत्री के रूप में मुश्किल स्थिति में रहे हैं, लेकिन शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के बीच मतभेदों के बावजूद, वह कुर्सी पर काबिज रहना चाहते हैं.
कोरोना वायरस महामारी, लॉकडाउन, प्रवासियों की भारी समस्या, बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मौत, मुंबई पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठना, अभिनेत्री कंगना रनौत संग विवाद, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ड्रग्स मामले की जांच और फिर बाढ़ से तबाही जैसी चीजों को महाराष्ट्र सरकार ने देखा है.
इसी बीच सतारा में भारी बारिश के बीच शरद पवार के भाषण को एक साल पूरे होने के मौके पर राकांपा नेताओं ने उन लम्हों को याद किया. पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने ट्विटर पर लिखा कि मैदान में डटे रहकर सभी परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ने के लिए जरूरी शक्ति बन गए थे पवार.
-
प्रतिकूल परिस्थितीतही मैदानात ठामपणे उभे राहून यशस्वी झुंज देण्यासाठी जी शक्ती लागते तिचं नाव आदरणीय @PawarSpeaks साहेब...! pic.twitter.com/Be3FARcaKW
— Supriya Sule (@supriya_sule) October 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">प्रतिकूल परिस्थितीतही मैदानात ठामपणे उभे राहून यशस्वी झुंज देण्यासाठी जी शक्ती लागते तिचं नाव आदरणीय @PawarSpeaks साहेब...! pic.twitter.com/Be3FARcaKW
— Supriya Sule (@supriya_sule) October 18, 2020प्रतिकूल परिस्थितीतही मैदानात ठामपणे उभे राहून यशस्वी झुंज देण्यासाठी जी शक्ती लागते तिचं नाव आदरणीय @PawarSpeaks साहेब...! pic.twitter.com/Be3FARcaKW
— Supriya Sule (@supriya_sule) October 18, 2020
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण चुनाव पूर्व की राजनीतिक गतिविधियों में निर्णायक मोड़ साबित हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से महज तीन दिन पहले 18 अक्टूबर को मुंबई में एक रैली को संबोधित किया था, वहीं पवार लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के प्रचार के सिलसिले में सतारा में थे.
जब पवार भाषण शुरू ही करने वाले थे तो भारी बारिश शुरू हो गयी. पवार को छाता दिया गया लेकिन उन्होंने लेने से मना कर दिया और कहा कि इंद्रदेव ने राकांपा पर आशीर्वाद बरसाया है. पवार ने कहा था कि यह सतारा चुनावों में जादू करेगा.
पढ़ें: शिवसेना ने मोदी, शाह से महाराष्ट्र के राज्यपाल को वापस बुलाने को कहा
पवार ने उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार श्रीनिवास पाटिल के प्रचार में रैली की थी. इस सीट के भाजपा उम्मीदवार और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले के इससे पहले मई में हुए लोकसभा चुनाव में राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उन्होंने भाजपा को शिकस्त भी दी थी, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए.
गौरतलब है कि पिछले साल विधानसभा चुनावों के साथ ही सतारा लोकसभा के लिए उपचुनाव हुए थे. बारिश में भाषण देते हुए पवार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे.
माना जाता है कि इस भाषण से राकांपा को पुणे में बड़ी सफलता मिली और उसने 2014 के चुनाव के मुकाबले सात विधानसभा सीटें अधिक यानी कुल 10 सीटों पर जीत हासिल की.