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अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा, दो विद्वानों को मिला सम्मान

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Published : Oct 12, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 5:30 PM IST

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है. पॉल आर मिलग्रम और रॉबर्ट बी विल्सन को 2020 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुस्कार से सम्मानित किया गया है. दोनों को ऑक्शन थ्योरी में सुधार के लिये अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है.

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

स्टॉकहोम : अमेरिका के पॉल आर मिलग्रम तथा रॉबर्ट बी विल्सन को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार नीलामी सिद्धांत में सुधार और नए नीलामी स्वरूप के आविष्कार के लिए दिया गया है.

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैंसन ने सोमवार को स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की.

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार ऐसे समय दिया गया है, जब विश्व कोविड-19 महामारी की वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सर्वाधिक भीषण मंदी का सामना कर रहा है.

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस पुरस्कार को तकनीकी रूप से स्वीरिजेज रिक्सबैंक प्राइज कहा जाता है और यह वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1969 में हुई थी और इसे अब नोबेल पुरस्कारों में से ही एक माना जाता है.

पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (लगभग 8.27 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है.

गौतरलब है कि, साल 2016 में गायक-गीतकार बॉब डेलान को यह पुरस्कार मिला था. ग्लूक अभी येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं. ग्लूक ने साल 1993 में साहित्य का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार जीता था.

इससे पहले साल 1993 में टोनी मॉरिसन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला था. मॉरिसन यह पुरस्कार जीतने वालीं अमेरिकी-अफ्रीकी मूल की पहली महिला थीं.

साल 2018 में यौन शोषण के आरोपों के बाद पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था. इसके लिए स्वीडिश एकेडमी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

स्वीडिश एकेडमी ने 2019 में दोनों साल के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की थी. साल 2018 के पुरस्कार के लिए पोलैंड के ओल्गा टोकरुक और 2019 के लिए ऑस्ट्रिया के पीटर हैंडके को पुरस्कार दिया गया था.

हैंडके को साहित्य का नोबेल पुस्कार देने पर विवाद हो गया था. एकेडमी के इस फैसले के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. हैंडके को 1990 के बाल्कन युद्धों के दौरान सर्बिया का समर्थक माना जाता था. नोबेल की घोषणा के बाद उन्हें सर्बियाई युद्ध अपराधों के लिए माफी मांगने को कहा गया था.

अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की सहित कई देशों ने विरोध में नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया और साहित्य पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों का नामांकन करने वाली समिति के सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था.

स्टॉकहोम : अमेरिका के पॉल आर मिलग्रम तथा रॉबर्ट बी विल्सन को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार नीलामी सिद्धांत में सुधार और नए नीलामी स्वरूप के आविष्कार के लिए दिया गया है.

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैंसन ने सोमवार को स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की.

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार ऐसे समय दिया गया है, जब विश्व कोविड-19 महामारी की वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सर्वाधिक भीषण मंदी का सामना कर रहा है.

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस पुरस्कार को तकनीकी रूप से स्वीरिजेज रिक्सबैंक प्राइज कहा जाता है और यह वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1969 में हुई थी और इसे अब नोबेल पुरस्कारों में से ही एक माना जाता है.

पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (लगभग 8.27 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है.

गौतरलब है कि, साल 2016 में गायक-गीतकार बॉब डेलान को यह पुरस्कार मिला था. ग्लूक अभी येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं. ग्लूक ने साल 1993 में साहित्य का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार जीता था.

इससे पहले साल 1993 में टोनी मॉरिसन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला था. मॉरिसन यह पुरस्कार जीतने वालीं अमेरिकी-अफ्रीकी मूल की पहली महिला थीं.

साल 2018 में यौन शोषण के आरोपों के बाद पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था. इसके लिए स्वीडिश एकेडमी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

स्वीडिश एकेडमी ने 2019 में दोनों साल के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की थी. साल 2018 के पुरस्कार के लिए पोलैंड के ओल्गा टोकरुक और 2019 के लिए ऑस्ट्रिया के पीटर हैंडके को पुरस्कार दिया गया था.

हैंडके को साहित्य का नोबेल पुस्कार देने पर विवाद हो गया था. एकेडमी के इस फैसले के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. हैंडके को 1990 के बाल्कन युद्धों के दौरान सर्बिया का समर्थक माना जाता था. नोबेल की घोषणा के बाद उन्हें सर्बियाई युद्ध अपराधों के लिए माफी मांगने को कहा गया था.

अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की सहित कई देशों ने विरोध में नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया और साहित्य पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों का नामांकन करने वाली समिति के सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था.

Last Updated : Oct 12, 2020, 5:30 PM IST
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